Categories: FILMEntertainment

सोनाली बेंद्रे के कैंसर ट्रीटमेंट के दौरान वह क्या था, जिसने पति गोल्डी बहल को मोटिवेटेड रखा? (What Motivated Goldie Behl Through Sonali Bender’s Cancer Treatment?)

कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़कर जीतनेवाली सोनाली बेंद्रे ने हमेशा अपने और अपने पति के संघर्ष को खुलकर बयां किया. गोल्डी बहल एक फिल्ममेकर हैं. सोनाली ने सभी को हमेशा बताया कि उनके पति गोल्डी बहल किस तरह कैंसर ट्रीटमेंट के दौरान हमेशा उनके साथ थे. पति के प्यार, देखभाल और सपोर्ट को सोनाली ने खुलकर सबको बताया. पत्नी की इस अवस्था के बावजूद गोल्डी बहल बहुत पॉज़िटिव और मज़बूत रहे और उन्होंने न्यूयॉर्क में भी काम करना बंद नहीं किया था. आखिर क्या था वो जज़्बा, जिसने उन्हें इतना मोटिवेट किया?

जैसा कि सभी जानते हैं कि सोनाली बेंद्रे के कैंसर ट्रीटमेंट के दौरान उनके पति गोल्डी बहल उनके साथ ही छह महीने तक न्यूयॉर्क में रहे. हाल ही में एक इंटरव्यू में गोल्डी से जब पूछा गया कि वो क्या था, जिसने उन्हें इतना मोटिवेट किया कि वो पत्नी की इस हालत के बावजूद उन्होंने काम करना बंद नहीं किया था, तो गोल्डी ने बड़ी ही सरलता से कहा- ‘मुझे हॉस्पिटल के बिल्स भरने थे.’

किसी भी इंसान के लिए यह आसान नहीं है. न्यूयॉर्क जैसे बड़े शहर में कैंसर ट्रीटमेंट का ख़र्च बहुत ज़्यादा होता है, ऐसे में अपने जीवनसाथी की जान बचाने का जज़्बा और अपनी दुनिया को फिर से पटरी पर लाने की जद्दोजहद को हम समझ सकते हैं. गोल्डी से जब टेस्टिंग और ट्रीटमेंट के बारे मव पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि वो इलाज को लेकर बहुत ही सकारात्मक थे. उन्हें पूरा विश्वाश था कि जल्द ही सोनाली ठीक हो जाएंगी. हमें पूरा विश्वाश था कि जल्द ही हम इस मुश्किल दौर से बाहर निकल आएंगे.

बहुत से लोगों को शायद पता नहीं पर ट्रीटमेंट के दौरान भी गोल्डी ने काम करना नहीं छोड़ा था, बल्कि उन्होंने बताया कि न्यूयॉर्क जाना उनके जीवन में एक नया मोड़ लेकर आया. हॉस्पिटल के बाद जब भी उन्हें वक़्त मिलता, तो वो न्यूयॉर्क के सेंट्रल पार्क में बैठकर अपने आनेवाले शो के बारे में लिखते. वहीं बैठकर लोगों को ध्यान से देखते, उनके व्यवहार, हावभाव और उनकी संस्कृति को समझते. यहीं से उन्हें अपने शो रिजेक्ट एक्स के किरदारों को और बेहतर ढंग से लिखने की प्रेरणा मिली. गोल्डी ने बताया कि वह ऐसी स्थिति होती है कि उस स्थिति में हम खाली नहीं बैठ सकते थे, क्योंकि खाली दिमाग में हज़ार चीज़ें आती हैं. हमें ख़ुद को व्यस्त रखने के लिए कुछ न कुछ करना ही होता है. हमें ज़िन्दगी में आगे बढ़ते रहना होता है.

आपको बता दें कि जब 2018 में गोल्डी को सोनाली बेंद्रे के कैंसर के बारे में पता चला, तो उन्होंने अपने सारे बड़े प्रोजेक्ट्स को होल्ड पर रख, तुरंत सोनाली को लेकर न्यूयॉर्क चले गए. सभी को लगा कि गोल्डी अब शायद सोनाली के ठीक होने के बाद ही कुछ करेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ, उस जानलेवा बीमारी से लड़ते हुए उन्होंने न सिर्फ़ सोनाली को सपोर्ट किया, बल्कि डिजिटल प्लैटफॉर्म पर काम करके परिवार को फाइनेंशियली भी सपोर्ट किया. देखा जाये तो गोल्डी बहल एक आदर्श पति होने के साथ ही आदर्श फैमिली मैं भी हैं.

– अनीता सिंह

Aneeta Singh

Share
Published by
Aneeta Singh

Recent Posts

रिश्तों में क्यों बढ़ रहा है इमोशनल एब्यूज़? (Why is emotional abuse increasing in relationships?)

रिश्ते चाहे जन्म के हों या हमारे द्वारा बनाए गए, उनका मक़सद तो यही होता…

July 3, 2025

कहानी- वो लड़की कम हंसती है… (Short Story- Who Ladki Kam Hasti Hai…)

नेहा शर्मा “सब मुस्कुराते हैं, कोई खुल कर तो कोई चुपचाप और चुपचाप वाली मुस्कुराहट…

July 3, 2025
© Merisaheli