कमियां सबमें होती हैं, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि हर समय हर किसी के समाने आप उन कमियों का रोना रोएं. भगवान ने इस दुनिया में आपको कुछ ख़ास गुणों के साथ भेजा है, इसलिए अपनी इज़्ज़त करें, ध्यान रखें और ख़ुद की एहमियत समझें.
मैं से करें अपनी पहचान
यहां मैं शब्द का अर्थ स्वयं से है. दोस्तों के साथ दौड़ में जीतने की ख़ुशी हो या कॉलेज में टॉप करने का गौरव, कड़ी धूप में घंटों खड़े रहकर अपनी बारी का इंतज़ार करना हो या तेज़ बारिश में टूटे छाते के भीतर सिमटते हुए घर तक पहुंचना, हर बार ये मैं लाख परेशानियों को झेलते हुए आपको मंज़िल तक पहुंचाने में सफल रहा है, लेकिन आज न जाने क्यों जीवन के इस मोड़ पर आप निराश होकर ख़ुद को कोसने लगते हैं. किसी दूसरे के कहने पर ख़ुद को बेकार और नकारा समझने लगते हैं. जब भी जीवन में इस तरह की स्थिति सामने आए, तो ख़ुद की ख़ुद से पहचान कराएं. यक़ीन मानिए आपमें दुबारा नया जोश भर जाएगा.
ख़ुद की तारीफ़ करें
लोगों की आपके प्रति क्या राय है और उनकी सतही वाहवाही आपके लिए उतना मायने नहीं रखती, जितना ख़ुद की नज़रों में उठना. उदाहरण के लिए, किसी रेस में हिस्सा लेने और मनचाही जीत न मिलने पर लोगों की राय आपके विपरीत हो जाती है, लेकिन आप स्वयं जानते हैं कि इस रेस के लिए आपने कितनी मेहनत की है, इसलिए लोगों की राय से हताश होने की बजाय ख़ुद को छोटी-सी ट्रीट दें और हौसलाअफ़ज़ाई करें. इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि जो इंसान ख़ुद की प्रशंसा नहीं कर सकता, दूसरे भी उसके लिए कभी दो शब्द बोलने नहीं आते. हां, ख़ुद को कभी झूठी तसल्ली न दें.
उपेक्षा से बचें
घर-परिवार या ऑफिस में किसी प्रोग्राम में अलग-थलग रहकर यह न जताएं कि आपको कुछ आता ही नहीं या वहां पर मौजूद बाकी लोग आपसे बेहतर व क़ाबिल हैं. यदि आप सबके सामने अपनी उपेक्षा करेंगे, तो बाकी लोग भी आपकी खिंचाई करने में पीछे नहीं रहेंगे. अतः अपनी प्रतिभा दिखाने का कोई भी मौक़ा न गंवाएं.
भरोसा करके तो देखें
दूसरों पर भरोसा करके तो बहुत देख लिया आपने, क्या कभी ख़ुद पर भरोसा किया है? एक बार स्वयं पर विश्वास करके देखिए, जीवन में कभी भी निराश नहीं होंगे आप. जो ख़ुद पर भरोसा नहीं करते, लोग भी उन परविश्वास नहीं कर पाते. अतः अपनी अहमियत समझें.
नकारात्मक विचारों से बनाएं दूरी
ये इस तरह का जाल है, जो आपको ख़ुद से दूर कर देता है. नकारात्मक विचारों से भरा दिमाग़ आपको सफलता से कोसों दूर उठाकर फेंक देता है. दूसरों के साथ हर समय ये आपको आपके ख़िलाफ़ भड़काता है और एक दिन ऐसा आता है, जब पूरी तरह से आप पर हावी हो जाता है और आपका जीवन के प्रति लगाव ख़त्म हो जाता है. धीरे-धीरे आप ख़ुद को इस हालत में पहुंचा देते हैं, जहां से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है. समय रहते ख़ुद को संभालें और जीवन को ख़ुलकर जीएं, क्योंकि जीवन अनमोल है और आप बेहद ख़ास.
क्रेडिट लेना सीखें
कई बार ऐसा होता है जब आप अकेले ही मुश्किलों का सामना करते हैं. ऐसे में अपनी सफलता को किसी दूसरे के नाम करने की बजाय इसका क्रेडिट ख़ुद को दें. सामने से अगर कोई आपको बधाई देता है, तो धन्यवाद कहते हुए उस पल को अपने लिए जीएं. इससे आपको साहस मिलेगा और मानसिक रूप से आप और भी मज़बूत बनेंगे.
अहंकार से बचें
हमेशा ख़ुद के बारे में ही सोचना अक्सर हमें अहंकारी बना देता है और आगे चलकर यही घमंड आपको डुबो देता है. अतः ख़ुद को अहमियत ज़रूर दें, मगर इस बात का भी ध्यान रखें कि आप पर अहंकार हावी न होने पाए.
– श्वेता सिंह
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