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चेक का लेन-देन करते समय बचें इन 9 ग़लतियों से (9 Mistakes To Avoid During Cheque Transactions)

सरकार द्वारा नोटबंधी का फैसला लिए जाने के बाद से जनता में डिजिटल पेमेंट करने की होड सी मच गई है, लेकिन आज भी ऐसे लोगों की कमी नहीं हैं, जो चेक (Cheque) द्वारा किए गए लेन-देन को ही सुरक्षित मानते हैं. हालांकि चेक द्वारा लेनदेन (Cheque Transactions) करना ग़लत नहीं है, लेकिन ज़रूरत है, तो सावधानी बरतने की. चेक भरते समय की गई थोड़ी-सी लाहपरवाही से आपको भारी नुक़सान हो सकता है. इसलिए कोशिश करें कि चेक से लेन-देन करते समय थोड़ा सतर्क रहें. आइए जाने कैसे-

1. चेक में डिटेल्स भरते समय ओवर राइटिंग या कटिंग न करें. ओवर राइटिंग या कटिंग होने की स्थिति में भी बैंक चेक कैंसल कर देता है. यदि चेक डिटेल्स भरते समय कोई ग़लती हो जाए, तो नया चेक भरें.

2. चेक भरते समय इस बात का भी ध्यान रखें जो रक़म आपने शब्दों में लिखी है, अंकों में भी वही हो. अगर शब्दों और अंकों में लिखी गई रक़म अलग होगी, तो आपका चेक कैंसल हो जाएगा.

3. चेक भरते समय शब्दों व फिगर्स के बीच ज़्यादा स्पेस न दें. ज़्यादा स्पेस देने से नाम और अमाउंट में छेड़छाड़ की गुंजाइश हो सकती है.

4. अधिकतर लोग चेक पर रक़म लिखने के बाद / का साइन करना भूल जाते हैं, जिसका ख़ामियाजा उन्हें बाद में उठाना पड़ता है. चेक में अंकों में रक़म लिखने के बाद / का साइन बनाना बहुत ज़रूरी होता है, वहीं शब्दों में लिखने के बाद ओनली लिखें. इस / संकेत का अर्थ है कि आपने जिस राशि का चेक काटा है, वह उसी तक सीमित है. इस साइन को न डालने पर कोई भी व्यक्ति रक़म की राशि को आसानी से बढ़ा सकता है.

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5. हम में से अधिकतर लोग ऐसे हैं, जो अपने बैंक अकाउंट का बैलेंस देखे किए बिना ही चेक काट देते हैं. अगर आप भी उनमें से एक हैं, तो अपनी इस आदत को बदल दीजिए. हमेशा बैलेंस चेक करने के बाद ही किसी को चेक दें. कई बार ऐसा होता है कि आपके अकाउंट में बैलेंस कम होता है और आप ज़्यादा रक़म का चेक काट देते हैं, तो ऐसी स्थिति में चेक बाउंस हो जाता है. चेक बाउंस होने पर बैंक आपसे पेनॉल्टी वसूल करता है.

6. जब भी आप किसी को चेक द्वारा भुगतान करें, तो उसकी डिटेल्स अपने पास ज़रूर रखें. चेक बुक के अंतिम पेज पर एक इंडेक्स होता है, जिसमें आप चेक संबंधी डिटेल्स, जैसे- चेक नंबर, अकाउंट नंबर, रक़म और तारीख़ नोट करके रख सकते हैं. कई बार कुछ स्थितियों में जब चेक कैंसल हो जाता है, तब ये डिटेल्स बहुत काम आती हैं.


7. चेक साइन करते समय ठीक वैसे ही हस्ताक्षर करें, जैसा की आपने बैंक की ब्रांच के रिकॉर्ड में किया हैैं. चेक पर किया गया साइन और ब्रांच रिकॉर्ड का साइन आपस में मेल नहीं खाता है, तो भी बैंक चेक को रिजेक्ट कर देता है.


8. यदि आप किसी को चेक द्वारा भुगतान कर रहे हैं या फिर किसी के बैंक अकाउंट में पेमेंट करने के लिए चेक दे रहे हैं, तो चेक पर अकाउंट पेई ज़रूर लिखें. अकाउंट पेई लिखने के लिए चेक के एक कोने पर डबल क्रॉस लाइन के खींच कर A/C Payee लिखें. इस तरह से चेक का भुगतान सीधा बैंक अकाउंट में होता है और इस चेक को आप तुरंत कैश नहीं करा सकते हैं. अकाउंट पेई लिखने का सबसे बड़ा फ़ायदा यह होता है कि चेक खोने की स्थिति में कोई भी व्यक्ति इस चेक को कैश (भुना) नहीं सकता.इसलिए अगर आप किसी को भी पेमेंट करें, तो चेक द्वारा ही करें.

9. कोई भी चेक केवल 3 महीने यानी 90 दिनों तक ही वैध होता है. इसलिए अगर आपको कोई भी चेक बैंक में डिपॉज़िट करना है, तो आप उसे 90 दिनों के अंदर बैंक में जमा करा सकते हैं. 90 दिन के बाद यदि आप 91वे दिन भी बैंक में उस चेक को जमा कराएंगे, तो चेक की वैधता समाप्त हो जाएगी. इसलिए कोई भी बैंक में जमा कराना है, तो सबसे पहले उसकी तारी़ख़ देखें.

और भी पढ़ें: 10 चार्जेज़ जो बैंक आपसे वसूल करते हैं (10 Charges Levied By Banks On Your Account)

– पूनम नागेंद्र शर्मा

Poonam Sharma

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