Categories: FILMTVEntertainment

आयुष्मान खुराना: उनकी फिल्मों के १० बेहतरीन डायलॉग (Ayushmann Khurrana: 10 Best Dialogues From His Films)

बॉक्स ऑफिस पर बैक-टू-बैक हिट फिल्में देनेवाले आयुष्मान खुराना अपने बेहतरीन अभिनय के लिए बॉलीवुड में जाने जाते हैं. अपने दमदार अभिनय और सामाजिक मुद्दों पर फिल्म बनाकर आयुष्मान दर्शकों की खूब वाहवाही लूट रहे हैं. आयुष्मान ने २०१२ में बॉलीवुड में फिल्म विकी डोनर से की थी. यह फिल्म स्पर्म डोनेशन पर बनी थी, जिसने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा दी. इसके अलावा आयुष्मान ने हाल ही में रिलीज़ हुई शुभ मंगल सावधान, आर्टिकल १५, बधाई हो, ड्रीम गर्ल आदि अनेक यादगार फिल्मों में का किया है हम यहां पर उनकी कुछ फिल्मों के फेमस डायलॉग्स के बारे में बता रहे हैं.

  1. “मर्द वो नहीं होता जिसे दर्द नहीं होता. मर्द वो होता है, जो ना किसी को दर्द देता है, न देने देता है” – शुभमंगल  सावधान

मर्द वह नहीं होता है, जिसको दर्द होता है. असली मर्द तो वह होता है, जो किसी को कोई तकलीफ़ नहीं देता है, ना ही अपने को देने देता है

2. तू ही बता ये कोई मम्मी पापा के करने की चीज़ है?” – बधाई हो

बड़ा होता हुआ लड़का यह नहीं सुन सकता है कि उसकी मम्मी फिर से प्रेग्नेंट है. वह तो इस बात को स्वीकार भी नहीं कर सकता है कि उसके पेरेंट्स सेक्स भी कर सकते हैं.

3. “प्यार करना बहुत सिखाते हैं. पर अफ़सोस उस प्यार को भुलाते कैसे हैं, ये साला कोई नहीं सिखाता” – मेरी प्यारी बिंदू 

आयुष्मान खुराना ने स्कूल के दिनों के रोमांस को डायलॉग्स के जरिए इस ख़ास फिल्म में दिखाया है. आयुष्मान अपने बचपन के बीफफ  यानि बेस्ट फ्रेंड  फॉरएवर को बहुत प्यार करते हैं और उसके प्रति ईमानदार रहते हैं. वह इस रिश्ते को कभी ख़त्म नहीं करना चाहते है, भले ही उनका रिश्ता एकतरफ़ा हो. आज की वर्तमान पीढ़ी जो डेटिंग और लिव-इन-रिलेशनशिप में विश्वास रखती है, उनके लिए क्या ऐसा सच्चा प्यार होना चाहिए, जैसा की इस फिल्म में दिखाया गया है.

4. ” स्त्री सुख-आनंद नहीं है मेरे लिए. ये तो बस शारीरिक विवशता है” – दम लगाकर के हइशा

 आसान शब्दों में इसका मतलब है कि सेक्स मेरे लिए ख़ुशी की बात नहीं है, यह तो बस शरीर की ज़रूरत है. जिसे करने/चाहने के लिए मैं मज़बूर हूं. असलियत में यह कभी नहीं हो सकता.

5. “फ़र्क़ बहुत कर लिया, अब फ़र्क़ लाएंगे” -आर्टिकल १५

फिल्म की रिलीज़ के बाद यह एपिक डायलॉग बन गया है, जिसमें नायक यह कहता है कि बदलाव लाने के लिए हमने भी बहुत भेदभाव किए हैं.

6. “कला आदमी को बहुत कुछ देती है, लेकिन टीडीएस भी पूरा काट लेती है” – अंधाधुन

 कला आदमी को बहुत कुछ देती है, लेकिन उसके जीवन से बहुत सारे चीज़ों को कम कर देती है. क्योंकि कला को प्राप्त करने के लिए उसे अपना समय प्यार और रिश्तों को खोना पड़ता है.

7.  “आसान नहीं है तुमसे प्यार करना, मगर तुमसे प्यार ना करना उससे भी ज्यादा मुश्किल है” – बरेली की बरफी

आपको प्यार करना आसान नहीं है, लेकिन आपको प्यार नहीं करना भी मुश्किल है.

8. हाथों की लकीरों को इतनी अहमियत नहीं दिया करते। नसीब तो उनके भी होते हैं, जिनके हाथ नहीं होते हैं” – हवाईज़ादा फिल्म  

अपने हाथों में छिपी भाग्य की लकीरों को ज़्यादा अहमियत नहीं देनी चाहिए। जिन लोगों के हाथ नहीं होते है किस्मत उनकी भी होती है .

7.  “गुड न्यूज़  के लिए टाइमिंग और लाइटिंग दोनों परफेक्ट होनी चाहिए…” – नौटंकी साला

अच्छी खबर प्राप्त करने के लिए आपको टाइमिंग और लाइटिंग दोनों ही सही रखनी चाहिए. हो सकता है कि इस डायलॉग को सुनकर आपको बिलकुल हंसी नहीं आई हो, पर यह डायलॉग लोगों के बीच बहुत पॉप्युलर हुआ था.

10. “हुमायूं का मकबरा हो या फिर ताज महल मेरा भी लव स्तंभ की तरह रॉक और सॉलिड रहेगा। सदियों और सदियों तक” -बेवक़ूफ़ियां

मेरा प्यार हमेशा मकबरों की तरह मज़बूत रहेगा, यादगार बनकर सदियों तक.

और भी पढ़ें: १२ बॉलीवुड एक्ट्रेसेस जिन्होंने निभाई ख़तरनाक खलनायिकाओं की भूमिका (12 Bollywood Actresses Who Played Villains Role)

Poonam Sharma

Share
Published by
Poonam Sharma

Recent Posts

रिश्तों में क्यों बढ़ रहा है इमोशनल एब्यूज़? (Why is emotional abuse increasing in relationships?)

रिश्ते चाहे जन्म के हों या हमारे द्वारा बनाए गए, उनका मक़सद तो यही होता…

July 3, 2025

कहानी- वो लड़की कम हंसती है… (Short Story- Who Ladki Kam Hasti Hai…)

नेहा शर्मा “सब मुस्कुराते हैं, कोई खुल कर तो कोई चुपचाप और चुपचाप वाली मुस्कुराहट…

July 3, 2025
© Merisaheli