आज शायद ही ऐसी कोई कंपनी, कारखाना, दफ़्तर या फिर दुकान हो, जहां महिलाएं काम न करती हों.…
संपत्ति में हक़ मांगनेवाली लड़कियों को नहीं मिलता आज भी सम्मान... (Property For Her... Give Her Property Not Dowry) उसका…
निगाहों से छलके वो क़तरे अब नहीं हैं उसकी पहचान... ख़ामोशी को छोड़ उसने छू लिया है आसमान... पथरीली राहों…
तमाम एहतियात और शोर-शराबे के बावजूद महिलाओं के साथ अपराध और यौन शोषण की घटनाएं कम नहीं हो रहीं. लेकिन…
सोशल मीडिया के साइड इफेक्ट्स का असर न स़िर्फ बच्चों की पढ़ाई, लोगों के काम के परफॉर्मेंस, फैमिली लाइफ आदि…
हमें बहुत-सी शिकायतें रहती हैं... अपनी ज़िंदगी से, अपने आसपास के लोगों से और ऊपरवाले से भी... न हम किसी…
पश्चिमी देशों में हम रंगभेद के ख़िलाफ़ कड़ा रवैया अपनाते हैं, लेकिन हम ख़ुद इस मानसिकता से उबरे नहीं हैं.…
मैं ख़्वाब नहीं, हक़ीक़त हूं... मैं ख़्वाहिश नहीं, एक मुकम्मल जहां हूं... किसी की बेटी, बहन या अर्द्धांगिनी बनने से…
हम सोचते हैं कि व़क्त तेज़ी से बदल रहा है, लेकिन क्या सचमुच ऐसा है? अगर हम यह मान भी…
भारत को पुरुष प्रधान और महिलाओं के लिए असुरक्षित देश कहा जाता है और भारतीय महिलाओं को अबला-असहाय, लेकिन क्या…