मैं मां के जीवन, उनके स्वभाव, उनके व्यवहार, उनके त्याग, उनके स्नेह की एक-एक बात याद रखने की कोशिश करता…
तुम मेरे जीवन में न होकर भी हमेशा मेरी स्मृतियों में रहे. मैं तुम्हें भूला नहीं पाई या ये कहूं…
भावना प्रकाश "कई बार हम साधन को ही साध्य बना लेते हैं, रास्ते को ही मंज़िल समझ लेते हैं. बहुत…
दिनभर की किच-किचऔर काम की आपाधापी में भी अक्सरसैंकड़ों मेंएक सेल्फी क्लिक करके मैं ख़ुद को सौंप देती हूंअदनी सी मुस्कुराहट…
"दीदी, आपको क्या गिफ्ट भेजूं." दिव्या के पूछने पर कुछ मौन के साथ अलका की हंसी मिश्रित आवाज़ आई. "मेरी…
विनीता राहुरीकर "देर नहीं हो रही. आओ चाचा." आनंद एक पास के होटल में ले गया और थाली मंगवाकर सामने…
डॉ. निरुपमा राय शाम को अपूर्वा के घर में प्रवेश करते ही वहां उपस्थित सगे-संबंधियों की आंखों में भी वही…
विनीता राहुरीकर "… मां ने हमेशा हमें संबंधों में उजाला भरने की सीख दी है. तो पगली कोई कुछ भी…
अगले कई दिन मैं मन ही मन काफ़ी हैरान रही. एक तरफ़ बेटे की अस्वस्थता, बहू की परेशानी और दूसरी…
डॉ. गौरव यादव “आपने मुझे मिस किया?” पूर्वी ने मेरी तरफ़ देखकर पूछा.“नहीं, ऑफिस से टाइम ही नहीं मिला. और…