श्लोक सन्न बैठा था. उसकी आंखों में मम्मी के उग्र, चिड़चिड़े, अक्स उभरे. महसूस किया था पिछले कुछ सालों में वह…
"आह!" उसका मन कराह उठा. कभी घूरे पर कभी गर्भ में और आज धूल और राख में लिपटी पत्थर के…
"हम महिलाएं ख़ुद ही अपनी बेकद्री करती हैं. प्यार के नाम पर कभी, महानता के चलते हर जगह कम से…
"जी मैं कुछ नहीं करती, मैं बस एक हाउसवाइफ हूं." बहुत शर्मिंदा होते हुए उसने जवाब दिया जैसे की हाउसवाइफ…
उसे घर वीरान लगने लगा एक भयानक जंगल, जिसमें उसे डरावनी आवाज़ें सुनाई देतीं. वे आवाज़ें रात के समय और…
“आपकी आज्ञा मेरे लिए शिरोधार्य है महाराज. यह रहस्य हमेशा मेरे ज़ेहन में संचित रहेगा.” अपने भीतर उठते उत्साह को…
"देखा..! देखो इस लड़के को… इसलिए मुझे हर वक़्त पिंटू की चिंता सताती रहती है. वहां अकेला बेचारा… कहीं उसके…
शाम को सुनील के बहुत ज़ोर देने पर मैं घर जाने को तैयार हुई थी, लेकिन देहरी पर पांव रखते…
"वाह दादी, मतलब चार छोटे पुण्य के साथ एक बड़ा पाप मुफ़्त!''विमला, ''सुन अमन! मुझसे ज़्यादा किटपिट न कर. ये…
वह स्त्री उपन्यास के पीछे से छिपी-छिपी आंखों से थकी-हारी हुस्ना की ओर देख रही थी, जो अपने आसपास लेटे…