दिवस चतुर्थी आज है, गणपति आये द्वार। बप्पा का है आगमन, झूम रहा संसार।। स्वागत को आतुर सभी, सजा नवल…
बहुत बेचैनियों भरी हैं ये सुकून की राहें रास्तों में ही उलझ रहा हूं धागों की तरह समझो ज़रा मेरी…
देश स्वतंत्र हुआ तिथि पंद्रह माह अगस्त बड़ा शुभकारी। मुक्त हुए परतंत्र गया ख़ुशियाँ जनजीवन में अति भारी। राष्ट्र बने…
तुम्हारी ज़िंदगी की किताब के भरे पूरे पृष्ठ का खाली हाशिया हूं मैं सूना और वीरान शब्दों की भीड़ के…
हज़ारों जतन करती हूं मैं लाखों यतन करती हूं बहुत हंसती-हंसाती हूं मैं यूं ही मुस्कुराती हूं कभी सखियों के…
बड़ी ही ख़ूबसूरत लग रही थी वह स्त्री उसे देखते ही मेरी नज़रें, उसके चेहरे पर थम गई अपलक मैं…
मन को जो इतना मथा है हृदय में तेरे कितनी व्यथा है अब खोल दे बांहें यूं भर ना तू…
पृथ्वी घूमे धुरी पर, बदले दिन सँग रात।चक्कर काटे सूर्य के, शीत उष्ण बरसात। घेरे पृथ्वी को सदा, रेखाएँ हैं…
काश मैं दे पातातुम्हें वो उपहारजो अनेक बार देने के लिए सोचता रहाऔर न दे सकासंकोच के कारणकि तुम्हारे पास…
बचपन का सपना अचानक सच हो जाता हैजब मुझे दूल्हे के रूप मेंएक दिन सुपर हीरो मिल जाता हैअपने प्यार…