जैसे-जैसे कोरोना वायरस इंफेक्शन या कोविड-19 को लेकर लोगों के मन में डर बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे थोड़ा भी बीमार पड़़ने पर घबड़ाने की आशंकाएं भी बढ़ रही हैं. यही ध्यान रखकर हम आपको कुछ ऐसी बातें बता रहे हैं, जिससे आप ऐसी गलती न करें.
. दोनों ही केसेज़ में खांसी, बुखार और थकान महसूस होती है. कुछ केसेज़ में डायरिया और उल्टी भी होती है.
. यह हल्का या गंभीर दोनों हो सकता है. कुछ केसेज़ में जानलेवा भी.
. इससे निमोनिया भी पनप सकता है.
ट्रांसमिशन
. दोनों ही संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बात करने के दौरान निकले छीटों से फैलता है.
. फ्लू संक्रमित व्यक्ति द्वारा इसके लक्षण दिखने के कई दिनों पहले से ही फैलाया जा सकता है, कोरोनावायरस के केस में भी ऐसा ही होता है, पर अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
इलाज
. दोनों के वायरस को एंटीबायोटिक्स से ठीक नहीं किया जा सकता. एंटीबायोटिक्स सिर्फ बैक्टिरियल इंफेक्शन में काम करते हैं.
. दोनों ही बीमारियों में उनके लक्षण जैसे बुखार आदि का इलाज करके उसे ठीक किया जा सकता है. कुछ गंभीर केसेज़ में अस्पताल में भर्ती करने या वेंटिलेशन पर रखने की ज़रूरत पड़ सकती है.
बचाव
. दोनों की केसेज़ में अच्छी तरह से हाथ धोने, बीमार होने पर घर में रहने और संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाकर इन बीमारियों से बचाव संभव है.
दोनों के बीच का अंतर
फ्लूः यह विभिन्न प्रकार के इंफ्लूएंज़ा वायरस के कारण फैलता है.
कोविड-19: यह एक प्रकार के वायरस, नोवल 2019 कोरोनावायरस से फैलता है. जिसे अब सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोनावायरस 2 या SARS-Cov-2 कहा जाता है.
वैक्सीन
फ्लूः इसका वैक्सीन उपलब्ध है, जो ज़्यादातर गंभीर केसेज़ को रोक सकता है.
कोरोना वायरसः अभी तक विकसित नहीं किया गया है.
इंफेक्शन
फ्लू: दुनियाभर में अनुमानित 7 अरब से ज़्यादा केसेज़
कोरोना वायरस– दुनियाभर में अनुमानित 97,000 केसेज़
एक बात ध्यान देने योग्य है कि किसी व्यक्ति को अगर खांसी, बुखार या सर्दी है, वो कोरोनावायरस से पीड़ित नहीं है. यह इंफेक्शन उन लोगों को होने का खतरा ज़्यादा है जो उन देशों की यात्रा पर गए हों, जहां यह बीमारी फैली है. जैसे-इटली या चीन या वे व्यक्ति जो संक्रमित व्यक्ति से नज़दीकी संपर्क में आते हैं.
अगर आपको कोरोना वायरस से संबंधित जांच करानी हो तो क्या करें
. केंद्र के स्वास्थ्य मंत्रालय के हेल्पलाइन नंबर 01123978046 पर कॉल करें या ncov2019@gmail.com पर मेल करें.
. डिस्ट्रिक सर्विजिलेंस ऑफिसर आपके घर आएगा या इंफेक्शन के चांसेज़ होने पर आपको हॉस्पिटल में शिफ्ट किया जाएगा.
. सरकार ने संदिग्घ केसेज़ की जांच के लिए अलग एंबूलेंस की व्यवस्था की है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने से परहेज करना चाहिए.
. सैंपल लेने के बाद डॉक्टर्स जांच करके यह फैसला करेंगे कि मरीज को अस्पताल में रखना है या घर में ही किसी एकांत जगह पर.
. अगर टेस्ट पॉज़िटिव आता है, तो रिकवरी तक मरीज को एकांत जगह पर रहना पड़ता है.
हाथ धोने का सही तरीका
. साफ पानी (ठंडा या गर्म) से हाथ गीले करें और साबुन लगाएं.
. साबुन को हथेलियों के अगले-पिछले, उंगलियों के बीच में और नाखून के अंदर भी लगाएं.
. हथेलियों को कम से कम 20 सेकेंड तक रगड़ें.
. पानी से हाथ धोएं.
. साफ तौलिये से हाथ सुखाएं.
बचने का सबसे सुरक्षित तरीक़ा
बार-बार हाथ धोने से बीमारी फैलानेवाले बैक्टिरिया और जर्म्स मर जाते हैं.
वैश्विक सलाह
WHO: कोरोना वायरस से बचने के लिए हाथों को साफ रखना सबसे जरूरी है.
CDC: सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन, अमेरिका के अनुसार, साबुन और पानी से हाथ धोना कोरोना वायरस से बचने का सबसे सुरक्षित तरीक़ा है.
साबुन पानी या सैनिटाइज़र?
. साबुन और पानी सैनिटाइज़र से बेहतर होते हैं, क्योंकि सैनिटाइज़र हर प्रकार के जर्म्स को नहीं मारता.
. इसके अलावा बहुत से लोग सैनिटाइज़र का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं करते. वे या तो बहुत कम सैनिटाइजर लगाते हैं या लिक्विड के सूखने से पहले ही हाथ पोछ लेते हैं.
. गंदे और तैलीय हाथों में सैनिटाइजर उतना प्रभावकारी नहीं होता. . अगर साबुन उपलब्ध न हो तो एल्कोहल-बेस्ड हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करना चाहिए.
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