पीरियड्स की समस्या हो या किसी तरह का इन्फेक्शन, प्रेगनेंसी से जुडी कोई समस्या या फिर फैमिली प्लानिंग से जुड़ा कोई सवाल, जानें मेरी सहेली के पर्सनल प्रॉब्लम्स में नारी स्वास्थ्य से जुड़ी हर समस्या का समाधान.
सबसे पहली बात यह कि आप अभी स़िर्फ 38 साल की हैं, इसलिए गर्भाशय निकलवाने के बारे में भूल जाइए, क्योंकि मेडिकल साइंस ने बहुत तऱक्क़ी कर ली है और इसके अलावा कई और विकल्प भी हैं. आप मायओमेक्टमी के लिए जा सकती हैं, जिसमें सर्जरी के ज़रिए फायब्रॉइड्स निकाले जाते हैं. इसके अलावा कई छोटी-छोटी सर्जरीज़, जैसे- लैप्रोस्कोपी, हिस्टेरोस्कोपी, द विंसी रोबोटिक मायओमेक्टमी, यूटेराइन आर्टरी इंबोलाइज़ेशन आदि हैं, जिनके ज़रिए फायब्रॉइड्स निकाले जा सकते हैं. पर सबसे पहले दवाइयां लें. अगर यह दवाइयों से ठीक नहीं हो रहा है, तभी बाकी के विकल्प चुनें.
कभी-कभी महिलाओं को प्रोलैप्स जैसा महसूस होता है, पर वैसा होता नहीं. हो सकता है कि गर्भाशय अपनी जगह से हल्का-सा खिसक गया हो, पर यह तो कीगल एक्सरसाइज़ से भी ठीक हो जाएगा. सबसे पहले आप किसी गायनाकोलॉजिस्ट से मिलकर ज़रूरी टेस्ट्स करवा लें, ताकि पता चल सके कि प्रोलैप्स है या नहीं. फ़िलहाल के लिए डॉक्टर आपको दवाएं देकर 6 हफ़्तों तक ऑब्ज़र्व कर सकते हैं. दरअसल, डिलीवरी के बाद आयरन पिल्स लेने के कारण महिलाओं को कब्ज़ की शिकायत हो जाती है और इंट्रा एब्डॉमिनल प्रेशर से पेल्विक मसल्स कमज़ोर हो जाती हैं, जिसके कारण ऐसा महसूस होता है. आप हेल्दी डायट लें और कुछ पेल्विक एक्सरसाइज़ेज़ करें.
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डॉ. राजश्री कुमार
स्त्रीरोग व कैंसर विशेषज्ञ
rajshree.gynoncology@gmail.com
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