अपने सपनों कोे साकार करने और अपने दम पर कुछ कर दिखाने की ज़िद्द और जज़्बा ही आज की युवा पीढ़ी को पढ़ाई के साथ-साथ नौकरी करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. ज़मानेे के साथ क़दम से क़दम मिलाकर चलने के लिए आज की युवा पीढ़ी पढ़ाई करते हुए आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो रही है. पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें किस क्षेत्र में आगे अपना करियर बनाना है, इसकी शुरुआत वे पढ़ाई के दौरान ही कर देते हैं. पढ़ाई के साथ-साथ नौकरी करने के क्या नफ़ा-नुक़सान हैं? बता रहे हैं करियर काउंसलर फ़रज़ाद दमानिया.
सही प्लानिंग
पढ़ाई के साथ नौकरी करने के लिए सबसे ज़रूरी है सही प्लानिंग, तभी आप दोनों काम अच्छी तरह कर सकते हैं. साथ ही किसी एक को दूसरे पर हावी न होने दें. पढ़ाई के बाद बचे हुए समय में ही नौकरी के बारे में सोचें. अच्छा होगा कि पढ़ाई के साथ पार्ट टाइम जॉब करें, फुल टाइम जॉब के बारे में न सोचें.
टाइम मैनेजमेंट
पढ़ाई के साथ जॉब करने के लिए सबसे ज़रूरी है टाइम मैनेजमेंट. आप अपने टाइम को जितनी कुशलता से बांटेंगे, आपको दोनों कामों में उतनी ही सफलता मिलेगी. अतः पढ़ाई के लिए पर्याप्त समय निकालकर ही पार्ट टाइम जॉब के लिए अप्लाई करें. अगर आप सुबह कॉलेज जाते हैं, तो दोपहर के बाद का समय नौकरी को दें.
फ्लैक्सिबल जॉब
पढ़ाई के दौरान नौकरी करते समय इस बात का ख़ास ध्यान रखें कि नौकरी के चलते आप पढ़ाई को बोझ न समझने लगें. पढ़ाई आपकी प्राथमिकता है, यह बात आपको हमेशा ध्यान में रखनी होगी. बेहतर होगा कि आप कोई ऐसा फ्लैक्सिबल जॉब चुनें, जिसमें पढ़ाई के हिसाब से देर से जाना या कई बार न जाना संभव हो और इससे आपकी नौकरी पर कोई आंच न आए. इस तरह का फ्लैक्सिबल जॉब आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा.
अनुशासन
पढ़ाई के साथ आर्थिक रूप से सक्षम होने के लिए आपको अपनी दिनचर्या से जुड़ी कुछ चीज़ों का त्याग करना होगा. उदाहरण के तौर पर, आप यदि प्रतिदिन 2 घंटे टीवी देखते हैं या बाहर दोस्तों के साथ घूमने जाते हैं, तो आपको इन पर रोक लगानी होगी. पार्ट टाइम जॉब करने पर भी आपको अपना डेली रूटीन अनुशासित रखना होगा.
पढ़ाई के साथ जॉब के फ़ायदे
करियर काउंसलर फ़रज़ाद दमानिया के अनुसार, ङ्गङ्घपढ़ाई के साथ नौकरी करना काफ़ी हद तक फ़ायदेमंद होता है. आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर पढ़ाई के लिए ख़र्च होने वाले पैसे के लिए हमें किसी दूसरे के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़ता. इतना ही ही पढ़ाई के साथ नौकरी करने से पढ़ाई पर कोई बुरा असर पड़ता है, बल्कि इससे भविष्य में स्टूडेंट्स को फ़ायदा ही मिलता है. नहीं, पढ़ाई के दौरान नौकरी करने पर बच्चे बहुत जल्दी अपनी ज़िम्मेदारियां उठाना सीख जाते हैं.फफ पढ़ाई के साथ काम करने के निम्न फ़ायदे हैंः
आर्थिक मज़बूती
पढ़ाई के साथ जॉब करना एक अच्छा विकल्प है. इससे स्टूडेंट्स को आर्थिक मज़बूती मिलती है. पैरेंट्स से जेब ख़र्च लेने की बजाय बच्चे आत्मनिर्भर होकर अपना जेब ख़र्च उठा सकते हैं. बड़े शहरों में पार्ट टाइम जॉब के कई विकल्प मौजूद हैं. इससे स्टूडेंट्स अपना ख़र्च उठाने के साथ ही परिवार की मदद भी कर पाते हैं.
आत्मविश्वास
कम उम्र में पढ़ाई के साथ नौकरी करने से स्टूडेंट्स का आत्म-विश्वास बढ़ता है. जिस उम्र में उनके दोस्त/सहेलियां दूसरों से बात तक करने से झिझकते हैं, उस उम्र में नौकरी करके वे कई लोगों के संपर्क में आते हैं, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है. आगे की पढ़ाई को लेकर भी वे उतने ही उत्साहित होते हैं.
अनुभव
पढ़ाई के दौरान नौकरी करने से छात्र ऑफिस में काम करने के तौर-तरी़के सीख जाते हैं. पढ़ाई और नौकरी करते हुए वे ज़्यादा काम करने के आदी हो जाते हैं और ज़्यादा से ज़्यादा काम करना चाहते हैं. पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी ढूंढ़ते वक़्त उन्हें कोई परेशानी नहीं होती.
दमदार सीवी
पढ़ाई के साथ पार्ट टाइम नौकरी करके वर्क एक्सपीरिएंस बढ़ता है. पढ़ाई पूरी करते-करते आपके सीवी में दो से तीन साल तक का वर्क एक्सपीरिएंस जुड़ जाता है, जिससे आगे नौकरी के लिए इंटरव्यू देते समय सामने वाले पर आप अच्छी छाप छोड़ने में सफल होते हैं.
पढ़ाई के साथ जॉब के नुक़सान
पढ़ाई के साथ जॉब करते समय यदि दोनों में सही तालमेल न हो, तो फ़ायदे के साथ-साथ कुछ नुक़सान भी हो सकते हैं. पढ़ाई के दौरान जॉब करने से निम्न नुक़सान हो सकते हैंः
पढ़ाई पर बुरा असर
पढ़ाई और जॉब के बीच सही संतुलन न बिठाने पर कुछ समय बाद पढ़ाई में रुचि कम होने लगती है. थोड़े-से पैसों का लालच पढ़ाई पर हावी होने लगता है, जिसके चलते कई बार बच्चे अपनी पढ़ाई बीच में ही रोक देते हैं. ऐसे में कई बार अच्छी पढ़ाई करने वाले छात्र भी भटक जाते हैं.
ग़लत संगत
कॉलेज कैंपस के बाहर जब हम नौकरी करने के लिए जाते हैं, तो उस दौरान हम कई लोगों के संपर्क में आते हैं. उनमें से कुछ अच्छे तो कुछ बुरे भी होते हैं. ऐसे में कई बार छात्र बुरे लोगों के संपर्क में आकर ग़लत राह पर चल पड़ते हैं, जिससे न तो वे नौकरी कर पाते हैं और न ही पढ़ाई पर ध्यान दे पाते हैं.
ओवरकॉन्फिडेंस
कॉलेज के दौरान पार्ट टाइम जॉब करने पर कई छात्र ख़ुद को अपनी उम्र से ज़्यादा बड़े और समझदार समझने लगते हैं. कम उम्र में पैसा कमाने की होड़ में वे पढ़ाई को नज़रअंदाज़ करने लगते हैं, जिसके चलते वे आगे नहीं बढ़ पाते और ज़िंदगीभर उसी दायरे में सिमट कर रह जाते हैं.
पढ़ाई के दौरान कौन-सी जॉब है बेहतर?
कॉलेज की पढ़ाई के दौरान युवाओं के मन में अक्सर ये सवाल उठता है कि किस क्षेत्र में क़िस्मत आज़माएं कि आगे चलकर परेशानी न हो. आइए, हम आपको बताते हैं कि पढ़ाई के दौरान कौन-सी जॉब आपके लिए बेहतर साबित हो सकती है?
* आप अपनी क्वॉलिफिकेशन और इंटरेस्ट के हिसाब से जॉब कर सकते हैं. उदाहरण के लिए, आप यदि मैनेजमेंट और कॉमर्स की पढ़ाई कर रहे हैं, तो मार्केटिंग, सेल्स, फायनेंस और अकाउंट में काम कर सकते हैं.
* अगर तकनीकी क्षेत्र में पढ़ाई कर रहे हैं, तो टेक्निकल असिस्टेंट, कंप्यूटर प्रोग्रामर या ग्राफिक डिज़ाइनिंग में क़िस्मत आज़मा सकते हैं.
* इसी तरह आगे चलकर आप यदि टीचर बनना चाहते हैं, तो क्लासेस या फिर घर पर ट्यूशन लेकर पार्ट टाइम जॉब करके अपने करियर की शुरुआत कर सकते हैं.
क्या है युवा पीढ़ी की राय?
पढ़ाई के साथ काम करने को लेकर नई पीढ़ी में ख़ासा उत्साह देखने को मिलता है. कुछ युवा मजबूरी में, तो कुछ शौक़िया तौर पर पढ़ाई के साथ काम करते हैं.
मुंबई की कृतिका सिंह कॉलेज की पढ़ाई के साथ ही एक कॉल सेंटर में काम कर रही हैं. कृतिका कहती हैं, ”पढ़ाई के साथ पार्ट टाइम जॉब करने में मुझे कोई परेशानी नहीं होती. हां, एग्ज़ाम के दौरान मैं एक महीने का ब्रेक ले लेती हूं.”
कृतिका की ही तरह चेन्नई के सौरभ कृष्णमूर्ति कहते हैं, ”पढ़ाई और नौकरी दोनों साथ-साथ करना आसान नहीं है, लेकिन मुझे काम करना अच्छा लगता है. मैं आगे चलकर बैंक से जुड़ा काम करना चाहता हूं इसलिए उसकी प्रैक्टिस मैंने अभी से शुरू कर दी है. इसके लिए मैं पार्ट टाइम जॉब करता हूं.”
दिल्ली की प्रज्ञा जायसवाल बीकॉम फर्स्ट ईयर की छात्रा हैं और पढ़ाई के साथ शॉपिंग मॉल में कैशियर के तौर पर पार्ट टाइम जॉब भी करती हैं. प्रज्ञा के अनुसार, ”जॉब और पढ़ाई दोनों को एक साथ मैनेज करना आसान नहीं है, लेकिन पढ़ाई के साथ काम करने से एक ओर जहां हम अपनी फैमिली को आर्थिक रूप से मज़बूती देते हैं, वहीं दूसरी ओर हमारा आत्मविश्वास भी बढ़ता है. इससे आगे चलकर हमें फुल टाइम जॉब करने में मदद मिलती है.”
स्मार्ट टिप्स
पढ़ाई के दौरान पार्ट टाइम जॉब या एंटर्नशिप करें.
* पैसा कमाने के नज़रिए से नहीं, बल्कि सीखने के लिए जॉब करें.
* पढ़ाई और नौकरी दोनों में सही तालमेल बिठाएं.
* पैसे की लालच में पढ़ाई को दरकिनार न करें.
* पढ़ाई और जॉब का बहुत ज़्यादा दबाव न झेलें.
* काम के साथ सेहत पर भी ध्यान दें.
* ओवरकॉन्फिडेंस से बचें.
* गर्मी की छुट्टियों में पार्ट टाइम जॉब करें.
* अनुशासित होकर अपने लक्ष्य को ध्यान में रखकर ही पढ़ाई और जॉब करें.
* समय का सदुपयोग करें.
– श्वेता सिंह
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