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जब राष्‍ट्रवाद पर डायलॉगबाजी करके बुरे फंसे बॉलीवुड सिलेब्‍स: शाहरुख से लेकर सैफ तक को झेलना पड़ा विरोध (From Shahrukh To Saif When Bollywood Celebrities Caught Into Controversy After Giving Remark on Nationalism)

पिछले कुछ सालों से देशप्रेम और राष्ट्रवाद को लेकर बहस तेज हो गई है. सोशल मीडिया पर भी अक्सर इन मुद्दों पर जमकर चर्चा होती है. बॉलिवुड सिलेब्रिटीज भी इस मामले पर बयानबाजी करके अक्‍सर लोगों के निशान पर आते रहते हैं और कई बार तो इन मुद्दों पर बोलना उन्हें काफी भारी भी पड़ गया है. आइए जानते हैं, कब-कब राष्‍ट्र से जुड़े बयानों को लेकर विवाद हुआ और स्‍टार्स जमकर ट्रोल हुए.

सैफ अली खान

सैफ कुछ दिनों पहले एक ई-कॉन्‍क्‍लेव में बातचीत के दौरान देश में फिलहाल बिगड़ रहे माहौल और राष्ट्रभक्त होने के सवाल पर कुछ बयान देकर चर्चा में आ गए थे. उन्होंने कहा था कि ऐसे सवाल पता नहीं कब खत्‍म होंगे और उन्‍होंने कभी इस पर अपना समय खर्च नहीं किया. ”आज लोगों में एक तरह की नई मानसिकता आ गई है जिसमें लोग खुद को राष्ट्रप्रेमी साबित करने की होड़ में लग गए हैं. इसका क्‍या मतलब है? कई मायनों में यह अच्छी चीज है लेकिन भारतीय होने का अर्थ क्या है? क्या इसका मतलब हिंदू होना है या सिर्फ भारत में पैदा होना काफी है? राजनीति वो चीज नहीं है जिसके बारे में मैं बहुत ज्यादा चिंता करता हूं. मैं एक कलाकार हूं और लोगों को जोड़ कर रखने में यकीन करता हूं. जिन लोगों ने हमें आजादी दिलाई वो अब इस दुनिया से जा चुके हैं और जो नए लोग हैं वो नए तरह के विचार लेकर आगे आ रहे हैं.”
सैफ के इस बयान पर लोगों ने कई तरह की प्रतिक्रियाएं दीं. उनके बेटे के नाम पर भी बहस शुरू हो गई थी.
– इससे पहले ‘तानाजी’ फ़िल्म की रिलीज के समय भी वो एक बयान देकर जबरदस्त ट्रोल हुए थे, जिसमें उन्होंने कहा था, ”तानाजी में जो दिखाया गया है, वह इतिहास का हिस्सा नहीं है.” उन्होंने ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ को गलत बताते हुए कहा, ”इस फिल्म में मेरा रोल दिलचस्प था और कुछ वजहों से मैं स्टैंड नहीं ले पाया, हो सकता है कि अगली बार करूं.” साथ ही सैफ ने यह भी कह दिया कि अग्रेजों के आने से पहले भारत का कोई अस्तित्व नहीं था. अब ऐसे बयान देकर उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का शिकार होना ही था.

शाहरुख खान

साल 2015 में एक इंटरव्‍यू में शाहरुख खान ने अपने 50वें बर्थडे के मौके पर कहा कि भारत में असहिष्‍णुता बढ़ रही है. इसके बाद तमाम लोगों ने उनके देशप्रेम पर सवाल उठाए और कहा कि बेहतर होगा, शाहरुख पाकिस्‍तान चले जाएं. इसका असर किंग खान की फिल्‍मों पर भी पड़ने लगा. कुछ वक्‍त बाद एक न्यूज चैनल पर आकर शाहरुख को सफाई देनी पड़ी, ”कभी कभी मुझे दुख होता है, यहां तक कि मेरा रोने का मन करता है, जब मुझे यह कहने को मजबूर किया जाता है कि मैं इस देश से हूं, मैं एक देशभक्त हूं. मुझे खुद को देशभक्त साबित करने के लिए किसी से प्रतिस्पर्धा नहीं करनी. बस इतना कहना चाहूंगा कि धार्मिक असहिष्णुता से बुरा कुछ भी नहीं है और यह भारत को अंधेरे युग की ओर ले जाएगा.
उन्होंने कहा है कि भारत में उनसे बड़ा देशभक्त कोई नहीं है, ”मैं काफी निराश हो जाता हूं, जब मुझे हर बार अपने आपको एक अच्छा देशभक्त बताने की जरूरत पड़ती है. मेरे पिता सबसे युवा स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे. मैं कैसे सोच सकता हूं कि यह देश किसी के लिए अनुकूल नहीं है. मेरे जैसा आदमी जिसने सब कुछ इसी महान देश से पाया है, वो कभी ऐसा सोच भी नहीं सकता.”

आमिर खान

साल 2015 में जब प्रबुद्ध वर्ग के लोग देश में हो रही घटनाओं को देखते हुए अपने पुरस्‍कार लौटा रहे थे, तब आमिर खान ने भी कहा था कि देश में असहिष्‍णुता बढ़ रही है. उनकी पत्‍नी किरण राव ने उन्‍हें देश छोड़ देने तक का सुझाव दे दिया था. ऐक्‍टर ने कहा, ”एक व्यक्ति के तौर पर, एक नागरिक के रूप में इस देश के हिस्से के तौर पर हम न्यूज़पेपर में पढ़ते हैं, देखते हैं कि क्या हो रहा है, तो निश्चित तौर पर चिंतित होते हैं. मैं जब घर पर किरण के साथ बात करता हूं, वह कहती हैं कि ‘क्या हमें भारत से बाहर चले जाना चाहिए?’ किरण का यह बयान देना एक दुखद एवं बड़ा बयान है. उन्हें अपने बच्चे की चिंता है. यह बेचैनी बढ़ने की भावना का संकेत है. चिंता के अलावा निराशा बढ़ रही है और किसी भी समाज के लिए सुरक्षा की भावना और न्याय की भावना होनी जरूरी है.” इस बयान के बाद आमिर भी खूब ट्रोल हुए और उनकी भी देशभक्‍ति पर सवाल उठने लगे. उनके बयान की काफी निंदा भी हुई.

शबाना आजमी

साल 2017 में अपने जमाने की मशहूर ऐक्‍ट्रेस और राइटर जावेद अख्‍तर की पत्‍नी शबाना आजमी ने कहा कि देश आज अति राष्ट्रवाद का गवाह बन रहा है और यह ऐसी चीज है जिसके बारे में सतर्क होना चाहिये. यह हमेशा से रहा है. संस्कृति और कला पर हमेशा हमला होता रहा है. आप बेहद राष्ट्रभक्त हो सकते हैं और इसके साथ ही साथ आप समाज के कुछ खास मुद्दों को लेकर आलोचनात्मक भी हो सकते हैं. यह आपको गैरराष्ट्रभक्त नहीं बनाता. इसके बाद सोशल मीडिया पर तमाम लोगों ने शबाना के बयान की भी आलोचना की थी.

अनुराग कश्‍यप

संजय लीला भंसाली की बहुचर्चित फिल्म ‘पद्मावत’ को लेकर देशभर में हिंसा की घटनाएं सामने आईं तो बॉलिवुड डायरेक्‍टर अनुराग कश्‍यप ने भी अपने विचार रखे. उन्होंने कहा, क्या आपको सच में लगता है कि एक फिल्म समाज को बांट सकती है? हम डायरेक्टर्स अपनी फिल्मों से समाज में प्यार बढ़ाते हैं. उन्होंने कहा, यह एक ऐसी सदी चल रही है जहां पर देशभक्ति को बेचा जा रहा है. हम आजकल हर चीज को बेच रहे हैं. अगर हम इस पर सवाल उठाते हैं तो लोग एंटी-नेशनल घोषित कर देते हैं. उन्होंने कहा, अगर आप राष्ट्रवाद का बैच नहीं पहनते तो देशद्रोही करार दे दिए जाएंगे. इन दिनों लोगों को देशद्रोही साबित करने पर जोर दिया जा रहा है. यह एक मार्केटिंग फॉर्मूला है, जिसे फायदे के लिए बेचा जा रहा है. उन्‍होंने यह भी कहा था कि ‘मुझे नहीं लगता कि सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाने की कोई जरूरत है.’ इन बयानों के बाद अनुराग को काफी ट्रोल किया गया. लोगों ने उनकी फिल्‍मों को बायकॉट करने का कैंपेन तक चलाया. यही नहीं, रिपोर्ट्स के अनुसार उन्‍हें काफी धमकियां भी दी गईं.

नसीरुद्दीन शाह

बॉलिवुड के बेहद टैलेंटेड ऐक्‍टर कहे जाने वाले नसीरुद्दीन शाह ने कई बार देश, सम्मानित लोगों और सरकार के खिलाफ गलत बयानबाजी की और इस मामले पर कई बार ट्रोल हो चुके हैं.
– साल 2018 में उन्‍होंने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह न सिर्फ दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं, बल्कि दुनिया के सबसे खराब व्यवहार करने वाले खिलाड़ी भी हैं.
– इसके अलावा देश में बढ़ रही मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर भी उन्‍होंने विवादास्पद कॉमेंट किया था कि ऐसा माहौल देख उन्हें चिंता होती है कि कहीं उनकी औलाद से कोई यह न पूछ ले कि वो हिन्दू है या मुसलमान. उन्होंने कहा था, ”मेरे बच्चे ख़ुद को क्या बताएंगे, क्योंकि उन्हें तो मैंने धर्म की तालीम ही नहीं दी. मुझे इस माहौल से डर नहीं लगता बल्कि ग़ुस्सा आता है.” उन्होंने कहा था, देश में कई जगह एक गाय की मौत को किसी पुलिस अधिकारी की हत्या से ज्यादा तवज्जो दी गई है. देश के माहौल में काफ़ी ज़हर फैल चुका है. इसे जिन्न की बोतल में डालना मुश्किल दिख रहा है.
इस बयान पर नसीर की काफी निंदा हुई थी. बीजेपी के एक नेता ने तो उनका पाकिस्तान का प्लेन टिकट भी बुक करा दिया था और कहा था कि अगर नसीर को देश में डर लगता है तो वह वहीं चले जाएं.
– एक इंटरव्‍यू में नसीरुद्दीन देश में बढ़ती सांप्रदायिकता पर चिंता जाहिर की थी और अनुपम खेर को ‘जोकर’ बताते हुए कहा था कि उन्हें गंभीरता से नहीं लिया जाना वह जोकर हैं और एनएसडी और एफटीआईआई का कोई भी उनका समकालीन यह बात कह सकता है कि उनका बर्ताव साइकोपैथिक है. यह उनके खून में है और वह इसके बारे में कुछ नहीं कर सकते हैं.”
इसके बाद जवाब देते हुए अनुपम ने कहा था कि अगर मुझको गलत कहने से आपको 2 या 3 दिनों के लिए पब्‍लिसिटी मिल जाती है तो मैं आपकी इस खुशी के लिए कामना करता हूं. और आपको मालूम है कि मेरे खून में क्‍या है? हिंदुस्‍तान.

कमल हासन


अभिनेता से नेता बने कमल हासन भी राष्ट्रवाद पर कॉन्ट्रोवर्शियल बयान देकर घिर चुके हैं. अपनी एक फ़िल्म के प्रमोशन के दौरान उन्होंने कहा था कि राष्ट्रवाद को किसी के ऊपर जबरन नहीं थोपा जा सकता. उन्होंने कहा कि देशभक्ति और राष्ट्रवाद सच्चा और वास्तविक होना चाहिए. यही नहीं देशभक्ति भी वास्तविक ही होगी. इसके लिए बस आपको यह लोगों के ऊपर छोड़ना होगा, ताकि वह खुद इसको अपने अनुसार ढाल सकें.
इससे पहले वो नाथूराम गोडसे को आतंकवादी कहकर भी विवादों में घिर चुके हैं. दरअसल उन्होंने अपने एक बयान में कहा था कि आजाद भारत का पहला चरमपंथी (आतंकवादी) एक हिंदू था. उनका इशारा नाथूराम गोडसे की ओर था जिसने महात्मा गांधी की हत्या की थी. इतना ही नहीं जब इस बयान पर लोगों ने उन्हें घेरा और माफी मांगने को कहा तो उन्होंने ये कहते हुए माफी मांगने से साफ इनकार कर दिया कि उन्होंने वही कहा है जो एक ऐतिहासिक सच था.

स्‍वरा भास्‍कर

बॉलिवुड ऐक्‍ट्रेस स्‍वरा भास्‍कर भी जब तब राष्ट्रवाद मुद्दे पर अपनी डायलॉगबाजी को लेकर ट्रोल होती रहती हैं. पिछले साल अपनी फिल्‍म के पोस्‍टर लॉन्‍च के दौरान उन्होंने कहा था कि अगर अल्‍पसंख्‍यक कह रहे हैं कि देश में असहिष्‍णुता बढ़ी है तो उनकी बात सुनी जानी चाहिए. आप पर उसका कोई असर इसलिए नहीं हो रहा, क्योंकि आप अल्पसंख्यक समुदाय से नहीं हैं. अगर आपके साथ ऐसा नहीं हुआ है तो इसका मतलब नहीं है कि यह नहीं हो रहा है. इस बयान के बाद स्‍वरा तमाम लोगों के निशाने पर आई थीं और लोगों ने उन्हें आड़े हाथों लिया था.
– संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ भी स्वरा ने जमकर बयानबाज़ी की थी. सीएए को ‘निशाना बनाने वाला’ कानून बताते हुए उन्होंने कहा था कि यह भारत के संविधान पर हमला है. ‘टुकड़े टुकड़े’ गैंग जैसे शब्दों और सीएए और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी जैसे कानूनों के माध्यम से नफरत को वैध बनाया जा रहा है. इसके बाद ट्रोलर्स ने उनकी जमकर क्लास लगाई.

Meri Saheli Team

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