आपस में लड़ते-झगड़ते न जाने कब बड़े हो जाते हैं, पता ही नहीं चलता. रिश्तों में ये रिश्ता सबसे अहम् होता है. यहां किसी तरह का स्वार्थ नहीं होता. दोनों एक-दूसरे के अभिन्न अंग की तरह होते हैं, लेकिन देखने से लगता नहीं. दिन के 24 घंटे में एक बार भी दोनों बिना लड़े नहीं रह सकते, लेकिन जब बात प्यार जताने की हो, तो दोनों एक-दूसरे से कम भी नहीं रहते. पापा से भाई के बाहर देर तक खेलने की बात छुपानी हो या फिर मां से बहन के लिए घर से दूर हॉस्टल में जाकर पढ़ाई करने की, हर मोड़ पर भाई-बहन एक-दूसरे के लिए खड़े रहते हैं. भाई-बहन के इसी रिश्ते को हर साल एक नया आयाम देता है भाई दूज का पर्व. इस दिन बहनें अपने भाई की पूजा और प्रार्थना करती हैं. भाइयों की रक्षा करने की क़सम खाती हैं और उसे ताउम्र निभाती भी हैं.
क्या होता है भाई दूज पर?
शास्त्रों के अनुसार भाई दूज या भैया दूज को यम द्वितीया भी कहते हैं और इस दिन मृत्यु के देवता यमराज का पूजन किया जाता है. इस दिन बहनें भाई को तिलक लगाकर उन्हें लंबी उम्र का आशीष देती हैं. भाइयों की लाडली बहनें इस दिन यमराज से अपने भाइयों के लिए लंबी उम्र की कामना करती हैं.
इंटरेस्टिंग स्टोरी
इसके पीछे एक पौराणिक कथा है, जिसके अनुसार इस दिन भगवान यमराज ने अपनी बहन यमुना को दर्शन दिया था, जो बहुत दिनों से उनसे मिलने के लिए व्याकुल थीं. अपने घर भाई के आगमन से यमुना बहुत खुश हुईं और भाई का स्वागत किया. जाते समय यमराज ने यमुना को वरदान दिया कि इस दिन जो भी भाई बहन के घर जाकर उससे तिलक लगवाएगा और उसके हाथों का बना भोजन खाएगा उसकी आयु बढ़ेगी और उसे यमलोक नहीं जाना पड़ेगा. तभी से भाई दूज मनाने की प्रथा की शुरुआत हुई.
फिल्में, जो दर्शाती हैं भाई-बहनों के प्यार को
अगर आप भी इस दिन को यादगार बनाना चाहते हैं, तो आपकी लंबी उम्र की कामना करनेवाली बहनों के साथ पूरा दिन स्पेंड करें. उनके साथ घूमें-फिरें और हो सके, तो ये फिल्में ज़रूर देखें. ये फिल्में आपकी बॉन्डिंग और भी मज़बूत करेंगी.
– हम साथ-साथ हैं
– माई ब्रदर निखिल
– इक़बाल
बहनों को दें स्पेशल गिफ्ट
वैसे तो बहनें आपसे हर मौ़के पर गिफ्ट लेना नहीं भूलतीं, लेकिन भाई दूज के दिन उनके बिना मांगे ही आप उन्हें कुछ स्पेशल गिफ्ट करें, जो उनके चेहरे पर मुस्कान बिखेर दे.
इस ख़ास दिन पर जिस तरह से बहनें तुम्हारा ख़्याल रखने और जीवन में हमेशा सुखी और ख़ुश रहने की कामना करती हैं, ठीक उसी तरह तुम भाइयों की भी ज़िम्मेदारी बनती है कि आज जो भी हालात हैं देश में उसे बदल दो. इस समाज को इतना सुरक्षित बना दो कि किसी की भी बहन के साथ किसी तरह की कोई अनहोनी न हो. आख़िर दूसरे साल भी भाई दूज आएगा और ऐसे में उन भाइयों का क्या होगा, जिनकी बहनों के साथ कुछ असामाजिक तत्व बुरा करके उनकी ज़िंदगी तबाह कर देते हैं. ख़ुद का ख़्याल रखें और उससे भी ज़्यादा अपनी बहनों का, तभी सही मायने में भाई दूज का पर्व ख़ुशियां लेकर आएगा.
– श्वेता सिंह
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