देश जिस संकट से गुज़र रही है, उसे देखते हुए सचिन इस बार जन्मदिन नहीं मनाएंगे. उनका तो यही कहना है कि जिस तरह मेरे नॉटआउट होने की प्रार्थना पूरा देश करता था, उसी तरह वे चाहते हैं कि सभी कोरोना के बीच नॉटआउट रहें.
सचिन तेंदुलकर उन महान लोगों में से एक हैं, जिन पर उनकी सफलता, उनकी उपलब्धियों का घमंड नहीं रहा है. वे हमेशा ही हर किसी से सहज और सरल तरीक़े से मिलते रहे हैं. उनका यही स्वभाव उनको देश ही नहीं दुनिया का फेवरेट खिलाड़ी बना दिया है.
आज उनके जन्मदिन पर सब की तरफ से और ख़ासकर मेरी सहेली की ओर से जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई. वे इसी तरह आगे बढ़ते रहें. लोगों का भरपूर प्यार उन्हें मिलता रहे.
सचिन ने लॉकडाउन में घर पर रहते हुए किस तरह हेयर कट कर सकते हैं, इसकी दिलचस्प तस्वीरें भी शेयर की थीं. उन्होंने अपने बाल ख़ुद काटे थे और अपने हेयर स्टाइल को फाइनल टच दिया था.
इन दिनों डॉक्टरों के साथ हो रही बदसलूकी पर भी उन्होंने लोगों को सब्र से काम लेते हुए उनका सम्मान करने पर ज़ोर दिया. हमारी लापरवाही और नादानी से किसी की जान पर बन आए यह भी ठीक नहीं… ऐसी कई ध्यान देने वाली बातें उन्होंने लोगों से कहीं.
देश की बात हो, स्वच्छता की बात हो या कोई सार्थक संदेश देना हो या जागरूकता की बात हो… हर एक में सचिन बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. हाल ही में घरेलू हिंसा पर चले कैंपेन में भी उन्होंने उपस्थिति दर्ज की. सचिन की यही छोटी-छोटी लेकिन प्रेरणा देती बातें उन्हें, उनके व्यक्तित्व को और भी ऊपर उठाती हैं और सबका लाड़ला और प्यारा बनाती है.
* सचिन का नाम उनके पिता रमेश तेंदुलकर ने संगीतकार सचिन देव बर्मन से प्रभावित होकर रखा था.
* बहुत कम लोग जानते हैं कि सचिन बैट्समैन नहीं, बल्कि फास्ट बॉलर बनना चाहते थे.
* सचिन तेंदुलकर बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी राइट हैंड से करते हैं, लेकिन लिखते बाएं हाथ यानी लेफ्ट हैंड से.
* सचिन लेफ्टी हैं और ऐसा राइट-लेफ्ट कॉम्बिनेशन बहुत कम देखने को मिलता है.
* रात में सोते समय सचिन को चलने की आदत है.
* साथ में नींद में सचिन बड़बड़ाते भी हैं.
* सचिन एक ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनकी टीम भले ही हार गई हो, लेकिन मैन ऑफ द मैच उन्हें ही मिला. ऐसा कई बार हुआ.
* 20 साल की उम्र के पहले ही सचिन ने टेस्ट मैच में 5 शतक लगाए हैं, जो अब तक रिकॉर्ड है. अभी तक किसी प्लेयर ने ऐसा नहीं किया है.
* साल 1990 में पहली टेस्ट सेंचुरी लगाने पर सचिन को मैन ऑफ द मैच से नवाज़ा गया और साथ में शैंपेन की बॉटल गिफ्ट की गई, लेकिन सचिन ने शैंपन की बॉटल को उस समय नहीं खोला, क्योंकि सचिन की उम्र 18 साल से कम थी और इस उम्र में किसी भी तरह का अल्कोहल लेना वर्जित है. उस शैंपेन को सचिन ने अपनी बेटी सारा के पहले बर्थडे पर खोला.
को सचिन ने अपनी बेटी के पहले बर्थडे पर खोला.
* सचिन के रिटायर्मेंट के दिन विराट कोहली ने उन्हें धागा दिया, जो उन्हें उनके पिता ने दिया था. कोहली ने कहा कि वे इसे किसी ख़ास शख़्स को इसे देना चाहते थे. उस पल सचिन बेहद भावुक हो गए थे. विराट ने जब उनके के पैर छुए, तब उन्होंने यह कहते हुए गले लगा लिया कि तुम्हारी जगह यहां है. उस समय विराट का व्यवहार सचिन के दिल को छू गया था. सचिन का मानना है कि यदि विराट उनके 100 शतक के रिकॉर्ड को तोड़ते हैं, तो उन्हें ख़ुशी ही होगी. वे ऐसा कर भी सकते हैं, क्योंकि विराट बेहतरीन क्रिकेटर हैं.
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