सबसे पहले तो आपको अपना पूरा चेकअप करवाना चाहिए, ख़ासतौर पर तब, जब गर्भधारण करना हो. गर्भपात होने के कई कारण हो सकते हैं. कम समय में ही गर्भपात होने का कारण है बेबी में जेनेटिक प्रॉब्लम का होना. हो सकता है गर्भाशय में सेप्टम होने से, हार्मोन्स की कमी से, इंफेक्शन या इम्यूनोलॉजिकल प्रॉब्लम से भी गर्भपात हुआ हो. गर्भाशय के अंदर की प्रॉब्लम जानने के लिए हीस्टिरोस्कोपी करवा सकती हैं. आप मां बन सकती हैं, बशर्ते कि प्रॉब्लम का कारण जानकर उसका सही इलाज करवाया जाए.
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जब 40 के बाद और 50 के पहले की उम्र में हार्मोन्स का स्तर गिरने लगता है, तब कई स्त्रियों में मेनोपॉज़ के लक्षण नज़र आने लगते हैं. इसी की वजह से ज़्यादा गर्मी महसूस होना, चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन, ग़ुस्सा, नींद न आना जैसी समस्याएं होने लगती हैं. ऐसे में आपके लिए सबसे अच्छा उपाय है एस्ट्रोजन के साथ हार्मोनल ट्रीटमेंट. इसके अलावा आजकल नॉन हार्मोनल थेरेपी भी ली जा सकती है, जिसमें सोया एक्सट्रैक्ट व विटामिन्स लिए जा सकते हैं. इस समय ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव भी ज़रूरी है. इसके लिए कैल्शियम सप्लीमेंट्स लें.
डॉ. राजश्री कुमार
स्त्रीरोग व कैंसर विशेषज्ञ
rajshree.gynoncology@gmail.com
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