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क्या आपने फ्रेंड बैंक बनाया है? जाने क्यों है ये बैंक ज़रूरी… (How do you nurture lifelong friendships?)

दोस्ती एक ऐसा रिश्ता, जहां हम भरपूर जीते हैं, खुलकर अपनी बात कहते हैं, कुछ राज़, कुछ दर्द, कुछ अनकहा-सा… सब कुछ उड़ेल देते हैं एक दोस्त के सामने. ऐसा ख़ूबसूरत रिश्ता होता है दोस्ती का, फिर चाहे उसे फ्रेंड कहें, सहेली कहें या मित्र-सखी… हर बंधन से परे होते हैं दोस्ती के ये ख़ूबसूरत रिश्ते.

यहां हम बात कर रहे हैं फ्रेंड बैंक की. दोस्ती तो हम सभी करते हैं, लेकिन उसे कितनी शिद्दत से जीते हैं, कितना हम साथ निभाते हैं, हम अपनी सहेली के साथ कितना दूर चल पाते हैं यह तो वक़्त ही बताता है. ज़िंदगी जीने के लिए जिस तरह से अपनों की, रिश्तों की ज़रूरत होती है, उसी तरह से दोस्ती के बिना भी ज़िंदगी अधूरी-सी है. यह एक ऐसा रिश्ता है, जो हमें हमें ताक़त देता है. हमें हौसला देता है. जब हम निराश होते हैं, तो उम्मीद की किरण देता है. आपने अपनी दोस्ती को कितना संजोया है. अपना फ्रेंड बैंक कितना बनाया है, आइए इस पर एक नज़र डालते हैं.

यूं तो बचपन से लेकर टीनएज, जवानी से लेकर बुढ़ापे तक हर उम्र के दौर में बहुत से ऐसे लोग मिलते हैं, ऐसे दोस्त बनते हैं, जो हमें हंसाते हैं, हौसला देते हैं, तो कई बार हमें दर्द भी देकर जाते हैं. लेकिन यह ऐसा इन्वेस्टमेंट भी है, जहां पर आख़िरकार हमें बेशुमार प्यार भी मिलता है. फ्रेंड बैंक से कहने का तात्पर्य यह है कि आपके जीवन में आपने कितने फ्रेंड्स को जोड़कर रखा है. किस तरह के दोस्त आपके जीवन में है. दोस्ती के भी कई रूप हैं. यहां पर उनमें से कुछ के बारे में हम बात करेंगे, जैसे- हंसमुख दोस्त, कंजूस टाइप, ड्रामेबाज़ दोस्त, जो हर बात पर नाटक करते रहते हैं. उनकी कोई भी बात नौटंकी के बिना शुरू ही नहीं होती है. ख़ुशमिजाज़, जो अपने आसपास के हर माहौल को शिद्दत से जीते हैं और लोगों को हंसते-हंसाते हैं. एग्रेसिव और शॉर्ट टेंपर्ड जिन्हें बात-बात पर ग़ुस्सा आता है, तो कुछ कंजूस होते हैं, तो कुछ बड़े दिलवाले भी होते हैं.

ख़ुशमिजाज़ ज़िंदादिल दोस्त
ऐसे दोस्त ना तो अपने आसपास के माहौल को ग़मगीन रखना पसंद करते हैं, ना ख़ुद ही दुखी होना पसंद करते हैं. ये हर पल को ज़िंदादिली से जीते हैं. ज़िंदगी को लेकर इनका फलसफ़ा कुछ ऐसा होता है- ज़िंदगी है सफ़र सुहाना, यहां कल क्या हो किसने जाना… यह अपनी ज़िंदगी के सफ़र को हमेशा हंसते-मुस्कुराते, गाते-गुनगुनाते ही जीना पसंद करते हैं, चाहे फिर ख़ुशी हो या ग़म.
ऐसे दोस्त हमारे जीवन में काफ़ी मायने रखते हैं और आपका ऐसा दोस्त है, तो आप बड़े ख़ुशनसीब इंसान है. ये दोस्त आपको रिश्तों की कई नई परिभाषा देते हैं, जो आपको बताते हैं कि ज़िंदगी दुख नहीं, ज़िंदगी उम्मीद का समंदर भी है, बस उसे आपको देखना और समझना है. तो आपके फ्रेंड बैंक में इस तरह के दोस्त का होना निहायत ही ज़रूरी है. पर यह हम पर निर्भर करता है कि हम उसे कितना संभाल पाते और कितना उस रिश्ते को निभाते हैं. कई बार हम अपने आपमें और अपनी दुनिया में इस कदर मशगूल हो जाते कि उनसे दूर हो जाते हैं, उन्हें खो देते हैं. तो आपके फ्रेंड बैंक में इस तरह के हरफनमौला ख़ुशमिजाज़ दोस्त काफ़ी ज़रूरी है.

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केयरिंग और लविंग फ्रेंड
ये बहुत ही ख़्याल रखते हैं अपनी दोस्ती का, अपने दोस्त के छोटी-छोटी बातों का, सुख-दुख का. यह उस हर लम्हे में शामिल होते हैं, जहां पर दोस्त को ज़रूरत होती है. इनका केयर नेचर ही इन्हें सबसे अलग कर देता है. इनका मीठा व सरल स्वभाव इन्हें और भी क़रीब ले आता है. ऐसे दोस्त ज़िंदगी को जीना और भी आसान बना देते हैं, क्योंकि हमेशा एक ख़ुशी और राहत रहती की कोई तो है, जो मेरा ख़्याल रख रहा है. ऐसे दोस्त वाक़ई में ताउम्र ख़्याल रखते हैं. इनका हमारे जीवन में होना बहुत ज़रूरी होता है, क्योंकि यह हमें एहसास कराते हैं कि खून के रिश्ते के अलावा जज़्बात के ऐसे रिश्ते भी होते हैं, जो ताउम्र साथ निभाते हैं.
कहने का मतलब यह कि एक होती है जीवनसाथी, जिससे हम शादी करते, जिससे हम सुख-दुख बांटने का, जीवनभर साथ निभाने का वादा करते हैं, पर ऐसे दोस्त जो बिना किसी बंधन के भी अपने दोस्त के साथ ज़िंदगीभर प्यारभरा रिश्ता निभाते हैं. इनका स्वभाव ही इनके जीवन का परिचय होता है. यह कुछ अलग क़िस्म के होते हैं. आम दुनियादारीवाले लोगों से अलग. ऐसे दोस्त की ज़रूरत हर किसी को होती है. ऐसा शख़्स, जो दोस्त के नाम, रूप, पद, पहचान से प्रभावित हुए बिना प्यार करें, ख़्याल रखें, समझाएं… और इसी तरह के होते हैं लविंग एंड केयरिंग नेचरवाले दोस्त. हमारे जीने के मक़सद और जीने के जज़्बे को ख़ूबसूरत बनाते हैं ये दोस्त. इसलिए इस तरह के फ्रेंड बैंक का होना निहायत ज़रूरी है.

कुछ दोस्त शॉर्ट टेंपर्ड और एग्रेसिव होते है. ये तुनकमिजाज़ और ग़ुस्सेवाले होते हैं, लेकिन इनका दिल साफ़ रहता है. यह जो भी बात है मुंह पर कहते हैं, मन में कुछ नहीं रखते. इनका फंडा रहता है कि भले ही बात कड़वी हो, उसे कह दिया जाए अपने तक ना रखा जाए. कड़वा बोलते हैं, पर काफ़ी मीठे होते हैं ऐसे दोस्त. बहुत कम ऐसे दोस्त होते हैं, जो आपकी सही-ग़लत को स्पष्ट होकर आपके मुंह पर कह दे. आपको बताएं कि आप यहां पर सही हैं, यहां पर ग़लत हैं. यह आपके साथ दोस्ती निभाने के लिए चापलूसीवाला हिसाब नहीं रखते. आपके अच्छे-भले सब चीज़ का ख़्याल रखते हैं. अगर देखते हैं कि आप ग़लत रास्ते पर जा रहे, तो ये ग़ुस्से से ही सही डांटते-फटकारते हुए सही राह पर आपको लाने की कोशिश करते हैं, क्योंकि यह नहीं चाहते कि उनका दोस्त ग़लत रास्ते पर चला जाए या उसके साथ कुछ बुरा हो. इनका अपनी बात को कहने का ढंग भले ही कठोर हो, लेकिन ये नहीं चाहते कि इनके दोस्त के साथ कुछ अनिष्ट हो. ऐसे दोस्त नियामत होते हैं. बहुत कम ऐसे दोस्त मिलते हैं जीवन में जो हमें धमकाते और ग़ुस्सा करते हैं और ज़रूरत पड़ने पर थप्पड़ भी लगा देते हैं. ऐसे दोस्त जीने के खट्टे-मीठे अनुभव का भी बहुत ख़ूबसूरती से एहसास कराते हैं. हां, इनका एग्रेसिव और एंग्री स्वभाव लोगों को खटकता है, लेकिन दोस्ती में कभी-कभी कुछ कमियां और कुछ बुराइयां भी दरकिनार कर दी जाती है. और फिर दोस्ती तो होती ही ऐसी है, जिसमें अच्छी-बुरी सब बातें हम स्वीकार कर लेते हैं बिना किसी लाग लपेट के.

कंजूस दोस्त और ख़र्चीला मित्र ये कैटेगरी थोड़ी अलग होती है, मगर हमें सबक भी देती है. कंजूस दोस्त का मतलब ये थोड़े अलग ढंग के होते हैं. ये पैसों को अहमियत देते है और ख़र्चे को भी. ये नहीं चाहते कि फिज़ूलख़र्ची हो. वही ख़र्चीला मित्र नहीं चाहता कि कुछ कंजूसी की जाए. वह दिल खोलकर ख़र्च करता है भले ही महीने के आख़िरी में फांके की नौबत आ जाए. इस तरह दोनों ही तरह के ये दोस्त हमारे लिए एक उदाहरण है कि कंजूसी भी अपनी जगह सही है, पर ज़रूरत पर ख़र्च करना भी ग़लत नहीं. लेकिन दोनों के बीच एक बैलेंस होना भी बहुत ज़रूरी है. आपका यह दोस्त आपको हमेशा इस बात का ध्यान दिलाता है कि महंगाई बढ़ रही है, आर्थिक स्थिति पर ध्यान दें, जितनी चादर है उतने ही पैर फैलाएं… सामर्थ्य के अनुसार ख़र्च करें… यह छोटी-छोटी चीज़ों को बताते हैं… दुनिया की चकाचौंध में हम अक्सर अपनी औकात भूल जाते हैं, तो कई बार ये हमें सच्चाई से रू-ब-रू कराते हैं.

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ज़िंदगी में हर तरह के स्वाद की ज़रूरत होती है खट्टा-मीठा, नमकीन-तीखा, उसी तरह से दोस्ती भी है. हमें हर तरह के दोस्त की ज़रूरत होती है. हर क़िस्म के दोस्त हमारे जीवन में अलग-अलग तरीक़े से अहमियत रखते हैं. लेकिन इन सब में हमारे जीवन में ख़ुशमिजाज़ और केयरिंग फ्रेंड हमेशा शिखर पर रहता है. ऐसे दोस्त-सहेली की ज़रूरत हमें हमेशा ही रहती है. इन्हें संभाल और सहेजकर रखना भी बहुत ज़रूरी है, क्योंकि यह हमारे लिए एक आईना जैसे होते हैं. यह कदम-कदम पर हमें संभालते भी हैं और हमारे हक़ीक़त से रू-ब-रू भी कराते हैं. वह हमारे वजूद को स्वीकारते भी हैं, तो हमें आगे बढ़ने का हौसला भी देते हैं.


आप भी अपने मन को टटोलें कि आपने ये फ्रेंड बैंक बनाए हैं? नहीं, तो क्यों नहीं? और बनाए हैं, तो किस तरह के हैं… सबसे बड़ी बात तो यही है कि ज़िंदगी में एक राज़दार हम हमेशा चाहते हैं और अक्सर ही यह हमारे दोस्त-मित्र कहें या सहेली ही होती हैं. तो क्या आपके जीवन में ऐसा कोई है? ढूंढे़ं, देखें और ऐसे फ्रेंड को अपनी ज़िंदगी से जाने ना दें. आख़िर में, दोस्ती और रिश्ते को लेकर तो बस इतना ही कहेंगे-
रिश्तों का पीछा करते हुए बहुत दूर निकल गए..
पर क़रीब देखा, तो दोस्ती से ख़ूबसूरत कोई रिश्ता ना मिला…

– ऊषा गुप्ता

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Photo Courtesy: Freepik

Usha Gupta

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