कोरोना की सेकंड वेव बेहद खतरनाक साबित हो रही है. रोज़ाना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. सरकारी हॉस्पिटल्स में बेड्स अवेलबल…
कोरोना की सेकंड वेव बेहद खतरनाक साबित हो रही है. रोज़ाना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. सरकारी हॉस्पिटल्स में बेड्स अवेलबल नहीं हैं और प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज का खर्च लाखों में आ रहा है. ऐसे में एक बार फिर लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस का महत्व समझ में आ रहा है और लोग जानना चाह रहे हैं कि क्या उनकी मौजूदा हेल्थ पॉलिसी कोविड के इलाज को कवर करती है या इसके लिए उन्हें अलग पॉलिसी लेनी होगी. आइए जानते हैं इस पर एक नज़र.
– वैसे तो आपके पास कोई हेल्थ इंश्योरेंस है तो कोई भी इंश्योरेंस कंपनी कोविड के इलाज के लिए क्लेम देने से मना नहीं कर सकती.
– IRDAI ने पिछले साल अप्रैल में ही निर्देश दिया था कि सभी हेल्थ इंश्योरेंस कम्पनियों के तहत कोविड-19 के इलाज को भी कवर किया जाएगा.
– आमतौर पर 24 घंटे से ज्यादा के लिए होस्पिटलाइज़ होने पर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां इलाज का खर्च देती हैं, कोविड के केस में भी आपको ये सुविधा मिलेगी.
– लेकिन अगर आपने कैंसर, हॉर्ट रोग, क्रिटिकल इलनेस कवर जैसी खास स्कीम वाली पॉलिसी ली है तो ऐसी ज़्यादातर पॉलिसी में कोविड-19 का इलाज कवर नहीं होता.
– ऐसे में आपकी मौजूदा इंश्योरेंस पॉलिसी कोरोना के इलाज के लिए काफी नहीं हो सकती.
– कोविड पीरियड में कई कंपनियां सिर्फ कोविड-19 से जुड़ी पॉलिसी लेकर आई हैं. इन पॉलिसीज में ग्रेस पीरियड सिर्फ 15 दिन का होता है.
– ये पॉलिसियां दो तरह की हैं-कोरोना कवच और कोराना रक्षक पॉलिसी. इसके तहत आप 2-4 हजार रुपये के एकमुश्त प्रीमियम भरकर लाखों रुपये का बीमा कवर पा सकते हैं.
– कोरोना कवच कोविड-19 स्टैण्डर्ड शॉर्ट टर्म की पॉलिसी है, जिसके तहत कोरोना का ट्रीटमेंट किया जाता है. इसमें इंश्योरेंस की रकम 50 हजार रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक ही होती है और चूंकि ये शॉर्ट टर्म पालिसी है तो ये 3.5 महीने से 9.5 महीने तक के लिए ली जा सकती है. इसके लिए आपको सिंगल प्रीमियम भरना होता है.
– कोरोना रक्षक एक फिक्स्ड इंश्योरेंस प्लान है. इस प्लान के तहत कोविड-19 का उपचार करा रहे व्यक्ति को इंश्योरेंस कंपनी एक फिक्स्ड राशि देती है, जो 50 हजार से 2.5 लाख तक हो सकती है. यह भी सिंगल प्रीमियम वाली पॉलिसी है और ये भी शॉर्ट टर्म प्लान है, जिसकी अवधि 3.5 सेप 9.5 महीने के लिए होती है.
– कोरोना को कवर करने वाली कुछ प्रमुख इंश्योरेंस कंपनियां हैं – HDFC एर्गो, ICICI लोम्बार्ड, रेलिगेयर, फ्यूचर जेनराली, मैक्स बुपा, इडलवाइस, आदित्य बिड़ला, और भारती अक्सा.
– इन इंश्योरेंस कंपनियों ने कोविड-19-स्पेसिफिक हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम्स लॉन्च की हैं.
– इन प्लान्स का बेनिफिट यह है कि इनका प्रीमियम बहुत कम है और इन्हें लेने के लिए किसी प्री-मेडिकल टेस्ट की ज़रूरत नहीं है. इन प्लान्स को सीधे पेमेंट पोर्टल्स के मोबाइल ऐप्स से खरीदा जा सकता है.
– इन कंपनियों के वेबसाइट पर जाकर आप इनके कोविड-19-स्पेसिफिक हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम्स की जानकारी ले सकते हैं.
इन बातों का रखें ध्यान
– सबसे पहले तो ये तय करें कि आप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी क्यों ले रहे हैं.
– अगर आप कोरोना के लिए पॉलिसी ले रहे हैं, तो कुछ बातें पहले ही जान लें.
– पता करें कि आप जो हेल्थ पॉलिसी ले रहे हैं, उसमें कोरोना का कवर है या नहीं.
– अगर आप अभी बीमा ले रहे हैं तो इस बात का भी ध्यान रखें कि कई बीमा पॉलिसीज़ में कवर शुरू करने में कम से कम 30 दिन का ग्रेस पीरियड होता है. इस दौरान आपको इंश्योरेंस का लाभ नहीं मिलता.
– कोरोना कवच और कोरोना रक्षक पॉलिसी में ये ग्रेस पीरियड सिर्फ 15 दिन का होता है. इसलिए अगर कोरोना के लिए हेल्थ इंश्योरेंस का बेनिफिट लेने की सोच रहे हैं तो कोविड पॉलिसीज ही लें.
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