सैफ अली ख़ान की यह ख़ास बात रही है कि वे बहुत कम फिल्में करते हैं, पर जो भी करते हैं, दिलचस्प होता है. उनमें…
सैफ अली ख़ान की यह ख़ास बात रही है कि वे बहुत कम फिल्में करते हैं, पर जो भी करते हैं, दिलचस्प होता है. उनमें से एक है रोमांस व कॉमेडी से भरपूर जवानी जानेमन फिल्म. हर तरह के इमोशंस से भरपूर यह फिल्म यक़ीनन दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करेगी, इसके ट्रेलर को देख तो यही लगता है.
आज़ाद पसंद व मौज-मस्तीभरी ज़िंदगी जीनेवाले सैफ को अचानक एक लड़की आकर कहती है कि वो उसकी बेटी है, तब से सैफ की ज़िंदगी कई मज़ेदार उतार-चढ़ाव से गुज़रती है. उस पर वो अपने बॉयफ्रेंड के बच्चे की मां भी बननेवाली है. कहानी में और भी नाटकीय व कॉमेडीभरा मोड़ आता है, जब तब्बू की एंट्री होती है.
बीस साल बाद सैफ और तब्बू एक साथ दोबारा दिखेंगे. बेटी के रूप में नवोदित कलाकार आलिया फर्नीचरवाला हैं, जो एक्ट्रेस पूजा बेदी की बेटी हैं. अपनी मासूमियत व दिलकश अंदाज़ से वे बरबस सभी का ध्यान खिंचती हैं. फिल्म में उनके पिता बने सैफ के साथ के सीन्स व डायलॉग्स बार-बार गुदगुदाते व हंसाते हैं. उस पर फरीदा जलाल व कुबरा सैत के संवाद भी चुटीले हैं. अन्य कलाकारों में चंकी पांडे, मेगन पुर्विस, सोनिया गोस्वामी ख़ास हैं.
सैफ की ही फिल्म दिल्लगी का गाना जब भी कोई लड़की देखूं दिल दिवाना बोले ओले ओले… नब्बे की दशक में बेहद हिट रहा था. इसी गाने को फिल्म में रिक्रिएट किया गया है, जो सुनने व देखने में अच्छा लगता है.
इस फिल्म में हीरो के अलावा सैफ सह-निर्माता के तौर पर भी जुड़े हुए हैं. फिल्म के ट्रेलर से ही देखकर लगता है कि नितिन कक्कड़ का निर्देशन बढ़िया है, जो कई दृश्यों में हंसी से लोटपोट कर देता है, तो कई जगहों पर उत्सुकता भी पैदा करता है.
वैसे फिल्म का विषय बहुत पहले बनी फिल्म जब प्यार किसी से होता है से थोड़ा मिलता-जुलता ज़रूर है, लेकिन फिल्म का ट्रीटमेंट व निर्देशक की क़ाबिलीयत इसे अलग रंग देती है. तनिष्क बागची व केतन सोढ़ा का संगीत मधुर, ख़ासकर आज के युवाओं की पसंद को ध्यान में रखकर दिया गया है. फिल्म 31 जनवरी को रिलीज़ होनेवाली है.
सैफ अली इन दिनों काफ़ी सुर्ख़ियों में भी है. एक तरफ़ जवानी जानेमन है, तो दूसरी तरफ़ तान्हाजी- द अनसंग वॉरियर में ख़लनायक की भूमिका में भी उन्हें ख़ूब सराहा जा रहा है. फिल्म के पोस्टर्स, ट्रेलर द्वारा उन्होंने लोगों की ख़ूब वाहवाही बटोरी. अजय देवगन व काजोल अभिनीत यह फिल्म कल रिलीज़ होनेवाली है. सभी को इन दोनों के अलावा सैफ के विलेनवाला अंदाज़ कितना पसंद आता है, यह तो कल ही पता चल पाएगा. लेकिन एक बात है कि अब तक सैफ ने जितने में निगेटिव क़िरदार निभाए हैं, उसमें वे ख़ूब जंचेे हैं, इसे हमने ओमकारा, रेस 2, एकलव्य- द रॉयल गार्ड जैसी फिल्मों में देखा है. रोमांस व मनोरंजन के तड़के के साथ जवानी जानेमन देख आपका दिल भी कह उठेगा- जवानी जानेमन हसीन दिलरुबा, मिले दो दिल जवां निसार हो गया.. शिकार ख़ुद यहां शिकार हो गया.. ना जानू मैं.. ना जाने वो.. अहा…
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मीति और मधुर बचपन से एक ही स्कूल में पढते थे, लेकिन मधुर के पिता का अचानक निधन हो गया और उसे मीति का स्कूल छोड़ सरकारी स्कूल में दाख़िला लेना पड़ा. लेकिन आते-जाते अक्सर दोनों के रास्ते मिल ही जाते थे और उनकी नज़रें मिल जातीं, तो दोनों केचेहरे पर अनायास मुस्कुराहट आ जाती. स्कूल ख़त्म हुआ तो दोनों ने कॉलेज में एडमिशन ले लिया था. दोनों उम्र की उस दहलीज़ पर खड़े थे जहां आंखों में हसीन सपने पलने लगते हैं. मधुर भी एक बेहद आकर्षक व्यक्तित्व में ढल चुका थाऔर उसके व्यक्तित्व के आकर्षण में मीति खोती जा रही थी. कई बार मधुर ने उसे आगाह भी किया था कि मीति तुम एक रईस पिता की बेटी हो, मैं तो बिल्कुल साधारण परिवार से हूं, जहां मुश्किल से गुज़र-बसर होती है, लेकिन मीति तो मधुर के प्यार में डूब चुकी थी. वहकब मधुर के ख्यालों में भी बस गई थी वह यह जान ही नहीं पाया. मीति कभी नोट्स, तो कभी असाइनमेंट के बहाने उसके पास आ जाती, फिर कभी कॉफी, तो कभी आइसक्रीम, ये सब तो उसका मधुरके साथ नज़दीकियां बढ़ाने का बहाना था. अब मीति और मधुर क़ा इश्क कॉलेज में भी किसी से छिपा नहीं रह गया था. करोड़पति परिवार की इकलौती लाडली मीति कोपूरा विश्वास था कि मध्यवर्गीय परिवार के मधुर के कैंपस सेलेक्शन के बाद वह पापा को अपने प्यार से मिलवायेगी. मल्टीनेशनल कंपनी के ऊंचे पैकेज का मेल मिलते ही मधुर ने मीति को अपनी आगोश में ले लिया ऒर वह भावुक हो उठा, ”मीति, तुम तो मेरे जीवन मेंकी चांदनी हो, जो शीतलता भी देती है और चारों ओर रोशनी की जगमगाहट भी फैला देती है. जब हंसती हो तो मेरे दिल में न जानेकितनी कलियां खिल उठती हैं. बस अब मेरी जिंदगी में आकर मेरे सपनों में रंग भर दो.” मीति मधुर के प्यार भरे शब्दों में खो गई और लजाते हुए उसने अपनी पलकें झुका लीं और मधुर ने झट से उसकी पलकों को चूम लिया था. इस मीठी-सी छुअन से उसका पोर-पोर खिल उठा. वह छुई मुई सी अपने में सिमट गई. लेकिन इसी बीच मीति के पापा ने उसकी ख्वाहिश को एक पल में नकार दिया और मधुर को इससे दूर रहने का फरमान सुना दिया. मधुर उदास पराजित-सा होकर दूर चला गया. दोनों के सतरंगी सपनों का रंग बदरंग कर दिया गया था. मधुर ने अपना फ़ोन नंबर भी बदल दिया था और अपनी परिस्थिति को समझतेहुए मीति से सारे संबंध तोड़ लिये थे. मीति के करोड़पति पापा ने धूमधाम और बाजे-गाजे के साथ उसे मिसेज़ मेहुल पोद्दार बना दिया. उसका अप्रतिम सौंदर्य पति मेहुल केलिए गर्व का विषय था. समय के साथ वह जुड़वां बच्चों की स्मार्ट मां बन गई थी. पोद्दार परिवार की बहू बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूमतीऔर अपने चेहरे पर खिलखिलाहट व मुस्कान का मुखौटा लगाए हुए अपने होने के एहसास और वजूद को हर क्षण तलाशती-सी रहती. उसे किसी भी रिश्ते में उस मीठी-सी छुअन का एहसास न हो पाता और वह तड़प उठती. सब कुछ होने के बाद भी वह खोई-खोई-सी…