♦ अगर बच्चा छह साल से छोटा है, तो बेडरूम में बंक बेड रखने की जगह केबिन बेड रखें. बंक बेड की ऊंचाई अधिक होती है और उसमें सीढ़ियां भी होती हैं, जिससे गिरने पर बच्चे को चोट लग सकती है.
♦ बेडरूम में रखे फर्नीचर के लोअर ड्रॉअर्स पर चाइल्डप्रूफ लॉक लगाएं. खुले ड्रॉअर्स में पैर रखकर बच्चे ऊपर चढ़ने की कोशिश करते हैं, जिससे उन्हें चोट लग सकती है.
♦ बेड के ऊपर हैवी शेल्फ या अन्य भारी सामान रखने की जगह न बनाएं.
♦ यदि घर अधिक ऊंचाई पर है, तो खिड़कियों पर ग्रिल ज़रूर लगवाएं.
♦ अगर बेडरूम की खिड़कियां खोलनी हों, तो खिड़कियां ज़्यादा न खोलें. जब भी खिड़कियां खोलनी हों, तो पैरेंट्स बच्चों के साथ रहें.
♦ खिड़कियों पर विंडो सेफ्टी लॉक ज़रूर लगाएं.
♦ एसी, लैंप आदि के वायर्स को ऊपर की ओर लपेटकर रखें.
♦ अक्सर छोटे बच्चों को बिजली के सॉकेट्स में उंगली डालने की बुरी आदत होती है. इसलिए इनको कवर करके रखें.
♦ बेड के ऊपर हैवी पेंटिंग, पिक्चर या आईना न लगाएं.
♦ खिड़की के ठीक नीचे बेड या फर्नीचर नहीं रखें. इनकी सहायता से बच्चे खिड़की पर चढ़ जाते हैं, संतुलन न बनने पर गिरकर उन्हें चोट भी लग सकती है.
♦ डिशवॉशर का इस्तेमाल करते समय ही उसमें कास्टिक सोडा मिलाएं. कई बार बच्चे डिशवॉशर का दरवाज़ा खोलकर कांच के बर्तन या चाकू आदि से खुद को नुक़सान पहुंचा सकते हैं.
♦ डिशवॉशर का दरवाज़ा हमेशा बंद रखें.
♦ किचन में आग बुझाने वाला यंत्र ज़रूर रखें.
♦ काम ख़त्म होने के बाद गैस को पीछे की ओर खिसकाकर रखें. इसी तरह से खाना बनाने के बाद गरम कुकर-पैन के हैंडल को दाएं-बाएं या पीछे की ओर रखें.
♦ गैस पर स्टोव गार्ड लगाएं, ताकि गरम बर्तन या गैस तक उनका हाथ नहीं पहुंच सके.
♦ खाना बनाने के बाद गैस के नॉब को कवर करके रखें. कई बार बच्चे खेल-खेल में गैस का नॉब ऑन कर देते हैं.
♦ गरम अवन जब तक पूरी तरह से ठंडा न हो जाए, तब तक उसका दरवाज़ा बंद ही रखें.
♦ सिंक के नीचे बने हुए केबिनेट में यदि स्टोर क्लीनिंग प्रोडक्ट्स, जैसे- लिक्विड, सोप आदि रखे हैं, तो केबिनेट पर ताला लगाकर रखें.
♦ किचन का काम ख़त्म होने के बाद किचन काउंटर/स्लैब से मिक्सर, ब्लेंडर आदि बिजली के उपकरणों को हटा दें.
♦ डायनिंग टेबल पर अधिक बड़ा और लंबा मेज़पोश न बिछाएं. बच्चे मेज़पोश को खींचकर उस पर रखे सामान को अपने ऊपर गिरा सकते हैं.
♦ क्रॉकरी, प्लास्टिक बैग्स, नुकीले धारवाले और मसालेवाले ड्रॉअर्स व केबिनेट्स पर ताला लगाकर रखें.
♦ फ्रिज पर लगाए हुए कलरफुल फ्रूट या शेप्स वाले मैगनेट को हटा दें. अनजाने में बच्चे इन्हें मुंह में डाल सकते हैं.
♦ नहाते समय बीच-बीच में बच्चों का निरीक्षण करते रहें, उन्हें बाथरूम में अकेला नहीं छोड़ें.
♦ लोअर वॉटर हीटर के थर्मोस्टेट को 120 डिग्री पर रखें. इस तापमान में रखने पर बच्चों को कोई नुक़सान नहीं होता.
♦ बाथरूम में बने शेल्फ और केबिनेट में केमिकल्स, डिटर्जेंट और क्लीनर्स आदि रखे रहते हैं. इन्हें बच्चों की पहुंच से दूर रखें.
♦ सुरक्षा की दृष्टि से इन केबिनेट्स और शेल्फ्स पर ताले लगाकर रखें.
♦ गीज़र, हीटर और लाइट के प्लग और सॉकेट्स को ऊंचाई पर लगाएं, जहां पर बच्चों का हाथ नहीं पहुंच पाए.
♦ गीलेपन के कारण बाथरूम में पैर फिसलने का डर रहता है. इसलिए बाथरूम में नॉन स्लिपिंग टाइल्स लगवाएं या वुडन फ्लोरिंग करवाएं.
♦ नल के नीचे नहाते समय कई बार बच्चों के सिर पर चोट लग जाती है. इसलिए फिटिंग कराते समय नल के मुख पर सॉफ्ट कवर चढ़ाकर रखें. ये कवर बाज़ार में आसानी से मिल जाते हैं.
♦ बाथरूम में रखे डस्टबीन में रेज़र या ब्लेड जैसी ख़तरनाक चीज़ें न फेंकें.
♦ यदि घर में 2 साल से छोटा बच्चा है, तो काम ख़त्म होने के बाद बाथरूम का दरवाज़ा बंद करके रखें.
♦ बाथरूम में पानी की बाल्टी भरकर न रखें.
♦ अक्सर बच्चेे खिड़कियों व दरवाज़ों पर अपनी उंगलियां फंसा लेते हैं. इसलिए दरवाज़ों और खिड़कियों पर बाई-फोल्ड लॉक लगाएं.
♦ दरवाज़ों पर डोर होल्डर, डोर पिंच गार्ड/फिंगर पिंच गार्ड या स्टॉपर लगवाएं.
♦ यदि घर अधिक ऊंचाई पर है, तो खिड़कियों पर ग्रिल ज़रूर लगाएं.
♦ अगर खिड़कियों पर ग्रिल नहीं है, तो खिड़कियां अधिक न खोलें. खिड़कियां खोलते समय विंडो स्टॉपर लगाना न भूलें.
♦ स्लाइडिंग वाले दरवाज़ों पर स्लाइडिंग डोर फ्लिप लॉक लगाएं.
♦ खिड़कियों पर चढ़ने से बच्चों को अक्सर चोट लग जाती है. इस स्थिति से बचने के लिए खिड़कियों पर विंडो गार्ड या ग्रिल लगाएं.
♦ खिड़की पर लटकने वाली विंडो ब्लांइड कॉर्ड को लपेटकर रखें. खेल-खेल में बच्चे इस कॉर्ड को गले में लपेट लेते हैं.
♦ फोल्डिंग चेयर, टेबल और एक्सरसाइज़ इक्वीपमेंट्स को बच्चों से दूर रखें.
♦ मेज़ और कुर्सियों में नीचे की तरफ़ कोई नुकीली कील या पेच निकला हो, तो उन्हें तुरंत ठीक करवा लें.
♦ ड्रॉअर्स और हैंडल को चेक करें. यदि वे नुकीले हैं, तो उन्हें बदलवा लें. बच्चों को इनसे चोट लग सकती है.
♦ ग्लास टॉपवाला डायनिंग या सेंटर टेबल न ख़रीदें.
♦ स्टिरियो केबिनेट्स, फाइल केबिनेट्स और दूसरे केबिनेट्स पर किड्स सेफ लैच लगाएं.
♦ टीवी और डीवीडी की सुरक्षा के लिए उन पर टीवी गार्ड और डीवीडी गार्ड लगाकर रखें.
♦ लंबे लैंप और रैक को ऐसी जगह पर रखें, जहां पर बच्चों का हाथ न पहुंच पाए.
♦ फर्नीचर और टेबल की नुकीली साइड पर कॉर्नर कुशन रखें, ताकि बच्चों को चोट न लगे.
♦ घर के हर कमरे में लगे बिजली के सॉकेट्स को कवर करके रखें.
♦ इन सॉकेट्स को कवर करने के लिए आउटलेट प्रोटेक्टर्स मिलते हैं, जिन्हें बच्चे आसानी से नहीं निकाल सकते.
♦ ये आउटलेट प्रोटेक्टर्स आकार में बड़े होते हैं, जिन्हें बच्चे मुंह में नहीं डाल सकते.
♦ लैंप आदि एक्सेसरीज़ के तारों को छोटा ही रखें.
♦ पोर्टेबल हीटर और फैन को ऐसी जगह पर रखें, जहां पर बच्चों का हाथ न पहुंच पाए.
♦ दीवारों पर लटकी हुई वायर और कॉर्ड्स को वायर गार्ड से कवर करके रखें.
♦ इमर्जेंसी के लिए फर्स्ट एड किट घर में ज़रूर रखें.
♦ सभी इमर्जेंसी फोन नंबर्स और सेफ्टी कॉन्टैक्ट को एक डायरी में लिखकर रखें. आपातकालीन स्थिति में घबराने की बजाय तुरंत अपने एरिया के इमर्जेंसी नंबर्स पर संपर्क करें.
– नागेंद्र शर्मा
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