सोनू सूद को लेकर हो रही सियासत… मुख्यमंत्री से मुलाक़ात के बाद कई संदेश… (Migrant’s Messiah Sonu Sood Meets Maharashtra CM Uddhav Thackeray…)

आज जब सोनू सूद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिले, तब से पूरे दिन उनको लेकर हुई सियासत को एक नया मोड़ मिला. यूं लगता है आख़िरकार संजय रावत, जो शिवसेना के सामना समाचार पत्रिका के संपादक हैं, के द्वारा की गई आलोचना के सुधार के लिए यह कदम उठाया गया.
आज सामना में संजय राउत ने सोनू सूद को लेकर काफ़ी निशाना साधा था कि वे बीजेपी का चेहरा है, वे किसी कहने पर ही प्रवासियों को घर भेजने का काम कर रहे हैं, जल्द ही वे बीजेपी के लिए प्रचार करेंगे आदि. उन्होंने सोनू सूद के निस्वार्थ कार्य की तारीफ़ करने की बजाय ना केवल उनकी आलोचना की, बल्कि काफ़ी ऐसी बातें कहीं, जो उन्हें नहीं कहनी चाहिए थी.
संजय राउत का कहना था कि बहुत जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ़ से उन्हें ऑफर आएगा और वह उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए भारतीय जनता पार्टी का प्रचार करेंगे यानी अप्रत्यक्ष रूप से उन्होंने सोनू की निस्वार्थ सेवा को एक स्वार्थ के रंग में रंगने की कोशिश की.
इस बयानबाजी की वजह से हर तरफ़ आलोचना का बाज़ार गर्म हो गया. फिल्ममेकर अशोक पंडित ने उनकी कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि वे ख़ुद तो कुछ कर नहीं रहे हैं और जो कर रहा है, उसे भला-बुरा कह रहे हैं. और अब कहां पर चुप बैठे हैं, वो सो कॉल्ड फिल्म इंडस्ट्री के लोग, जो हर बार अपनी आवाज़ ऊंची कर देते हैं, जब कोई कुछ ग़लत बोलता है तो.. सोनू सूद के लिए कोई क्यों कुछ नहीं बोल रहा?.. अशोक पंडित ने फिल्म इंडस्ट्री को भी सवालों के घेरे में ला खड़ा किया.
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अमेय ने भी इस टीका-टिप्पणी की निंदा की. उन्होंने कहा कि संजय राउत बस लिख ही सकते हैं, काम करना उनके बस में नहीं है. और जो कर रहा है, उसकी तारीफ़ करने की बजाय उसके बारे में उल्टी-सीधी बातें कर रहे हैं.
गौर करनेवाली बात है कि महाराष्ट्र के त्रिकोणी सरकार में कांग्रेस के संजय निरुपम ने भी संजय राउत की इन बातों की निंदा की.
देखा जाए तो सरकार के लोगों में भी कितनों की अलग-अलग राय है. महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुखजी ने सोनू सूद की प्रशंसा की थी. उनके इस सराहनीय कार्य को काफ़ी बढ़िया और अच्छा बताया था. जब उनसे पूछा गया कि संजय राउत के बयान पर उनका क्या कहना है, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, इसलिए वे कुछ कह नहीं सकते.
पूरे दिन सामना के लेख और संजय राउत द्वारा सोनू सूद को लेकर कही गई बातों को लेकर राजनीति होती रही. बयानबाजी होती रही.
राजनीतिक गलियारा और कहानी में ट्विस्ट तब आया, जब सोनू सूद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलने उनके निवास मातोश्री पहुंचे. उन्होंने उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे और असलम शेख मंत्री से मुलाक़ात की. जब उनसे मिलकर बाहर निकले, तो मीडिया को उन्होंने कहा कि वे कश्मीर से कन्याकुमारी तक अपना योगदान देते रहेंगे. इसी तरह से लोगों को उनके घर पहुंचाते रहेंगे.
उनका कहना- मुझे ख़ुशी है कि हर राज्य की सरकार और गवर्नर मेरी मदद कर रही है और सहयोग दे रही है… सोचने वाली बात यह है कि सोनू को ऐसा कहने की क्या ज़रूरत पड़ गई. सुबह सामना द्वारा आलोचना और शाम होते-होते मुलाक़ात और मुख्यमंत्री से मिलना और उसके बाद इस तरह का बयान. इस पर उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ने भी अपने ट्विटर अकाउंट से इस बात की ख़ुशी ज़ाहिर की कि सोनू अच्छा काम कर रहे हैं और सरकार उन सबसे जुड़ी है, जो इस महामारी में काम कर रहे हैं, लोगों की मदद कर रहे हैं, उन्हें सहयोग दे रहे हैं…
इस महामारी के चलते, कोरोना वायरस का कहर, बीमारी या लोगों पर नियंत्रण नहीं रख पाना… बहुत सारी चीज़ें ऐसी हुईं, जो नहीं होनी चाहिए थी. सबसे अधिक कोरोना वायरस से जुड़े मामले महाराष्ट्र और मुंबई में ही है. सरकार ने काफ़ी कोशिशें की हैं. सराहनीय कार्य किए हैं और फिल्म इंडस्ट्री के लोगों ने भी पूरा सहयोग दिया है. लोगों को कोरोना वायरस के प्रति जागरूक करने के लिए, महामारी में अपना ध्यान देने के लिए, लॉकडाउन के नियमों का पालन करने के लिए… इन सब में कलाकारों ने हर तरह से सहयोग दिया है.
ऐसा नहीं है की कोशिशें नहीं हो रही है. हर तरफ से मदद हो रही है, पर इन सभी कार्यों के बीच में इंसानियत का होना भी बहुत ज़रूरी है.. आपसी भाईचारा होना बहुत ज़रूरी है.. इसमें कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए. हर कार्य व्यक्ति को देश के प्रति, राज्य के प्रति और सब के प्रति पूरी ईमानदारी से करनी होगी.
सोनू सूद ने महाराष्ट्र सरकार से मिलकर मुलाक़ात के बाद में अपने ट्विटर अकाउंट पर कई ट्वीट्स किए. जिनमें ख़ास बात यह रही कि उन्होंने आगाह किया कि जिन्हें ज़रूरत है और जो सही लोग हैं, जो अपने घर वाक़ई जाना चाहते हैं, वे ही संदेश भेजें. देखा गया है कि काफ़ी लोग संदेश भेजने के बाद उसे मिटा दे रहे हैं. इस पर उन्होंने आगाह किया. इसके अलावा उन्होंने सभी राज्यों सरकारों व अन्य लोगों की तारीफ़ भी की और उन्हें धन्यवाद भी कहा कि उनके सहयोग के बिना यह कार्य संभव न था. तो सोनू सूद के इन संदेशों से इसकी गहराई को समझा जा सकता है कि उन्हें काफ़ी सोच-समझकर इन बातों को लिखना पड़ रहा है.
चलिए, जाने दीजिए पर सोनू सूद को लेकर कोई सियासत नहीं होनी चाहिए. वे बहुत नेक और बढ़िया काम कर रहे हैं. सभी का उनको साथ भी है और सहयोग भी है. फिल्म इंडस्ट्री के लोग, अन्य राज्यों के लोग, हमारे फौजी भाइयों ने भी उनके इस नेक कार्य के बेइंतहा तारीफ़ की. हम भी उनका धन्यवाद करते हैं और उन्हें शुभकामनाएं देते हैं कि वे यूं ही काम करते रहें.. आगे बढ़ते रहें, बस राजनीति से थोड़ी दूरी बनाए रखें…

Usha Gupta

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