पंचतंत्र की कहानी: शेरनी का तीसरा पुत्र (Panchatantra Story: The Lioness Third Son)

बहुत समय पहले की बात है घने से जंगल में एक शेर और एक शेरनी साथ-साथ रहते थे. उन दोनों में बेहद प्यार, अपनापन और भरोसा था. वे दोनों एक-दूसरे से बहुत प्रेम करते थे और रोज़ दोनों साथ में ही शिकार करने जाते थे. को भी शिकार मिलता उसको मारकर आपस में बराबर बांट कर खाते थे. ऐसे ही उनका जीवन हंसी-ख़ुशी चल रहा था कि कुछ समय के बाद शेर और शेरनी दो पुत्रों के माता-पिता बन गए.

जब शेरनी ने बच्चों को जन्म दिया, तो शेर ने कहा कि अब से तुम शिकार पर मत जाना. घर पर रहकर अपनी और बच्चों की देखभाल करना. अब से मैं अकेले ही शिकार पर जाऊंगा और हम सब के लिए शिकार लेकर आऊंगा. शेरनी अब घर पर रहकर बच्चों की देखभाल करती और शेर अकेले ही शिकार पर जाता.

उनकी ज़िंदगी मज़े से चल रही थी कि एक दिन शेर को कोई भी शिकार नहीं मिला. उसने बहुत ढूंढ़ा, यहां तक कि वो दूसरे जंगल में भी गया लेकिन उसके हाथ कुछ न लगा. आख़िरकार थक हारकर वह खाली हाथ ही घर की तरफ जा रहा था कि रास्ते में उसे एक लोमड़ी का बच्चा अकेले घूमता हुआ दिखाई दिया. शेर को पहले तो लगा कि ये बहुत ही छोटा बच्चा है, पर फिर उसने सोचा आज उसके पास शेरनी और बच्चों के लिए कोई भोजन नहीं है, तो वह इस लोमड़ी के बच्चे को ही अपना शिकार बनाएगा. शेर ने लोमड़ी का बच्चा पकड़ा, पर वह बहुत छोटा था, जिस वजह से वह उसे मार नहीं सका. वह उसे ज़िंदा ही पकड़कर घर ले गया.

घर जाकर शेरनी उसने सारा क़िस्सा बताया कि आज उसे एक भी शिकार नहीं मिला और वापसी में रास्ते में उसे यह लोमड़ी का बच्चा दिखाई दिया, तो वह उसे ही मारकर खा जाए. शेर की बातें सुनकर शेरनी बोली- जब तुम इसे बच्चे को नहीं मार पाए, तो मैं इसे कैसे मार सकती हूं? मैं इसे नहीं खा सकती है. इसे भी मैं अपने दोनों बच्चों की ही तरह पाल-पोसकर बड़ा करूंगी और यह अब से हमारा तीसरा पुत्र होगा.

उसी दिन से शेरनी और शेर लोमड़ी के बेटे को भी अपने पुत्रों ही तरह प्यार करने लगे और वो बच्चा भी शेर के परिवार के साथ घुल-मिल गया और वो उनके साथ बहुत खुश था. वो अब उनके परिवार उन्हीं के साथ खेलता-कूदता और बड़ा होने लगा. तीनों ही बच्चों को लगता था कि वह सारे ही शेर हैं. लोमड़ी का बच्चा भी इस अंतर को नहीं समझ पाया और न ही शेर के दोनों बच्चे.

जब वो तीनों थोड़े और बड़े हुए, तो खेलने के लिए जंगल में जाने लगे. एक दिन जंगल में खेलते-खेलते उन्होंने वहां एक हाथी को देखा. शेर के दोनों बच्चे उस हाथी के पीछे शिकार के लिए लग गए, लेकिन वहीं लोमड़ी का बच्चा इतने बड़े हाथी को देख डर गया और डर के मारे वापस घर पर शेरनी मां के पास आ गया. लोमड़ी के बच्चे ने अपने भाइयों को भी हाथी के पीछे जाने से मना किया था लेकिन वो दोनों नहीं माने.

कुछ देर बाद जब शेरनी के दोनों बच्चे भी वापस आए, तो उन्होंने जंगल वाली बात अपनी मां को बताई. उन्होंने बताया कि वह हाथी के पीछे गए, लेकिन उनका तीसरा भाई डर कर घर वापस भाग आया. अपने भाइयों की बातें सुनकर लोमड़ी के बच्चे को बहुत ग़ुस्सा आया और वो बहुत ग़ुस्सा हो गया. उसने गुस्से में कहा कि तुम दोनों जो खुद को बहादुर बता रहे हो, मैं तुम दोनों को पटकर ज़मीन पर गिरा सकता हूं.

लोमड़ी के बच्चे की बात सुनकर शेरनी ने उसे समझाया कि उसे अपने भाइयों से इस तरह की बात नहीं करनी चाहिए. शेरनी मां की बात लोमड़ी के बच्चों को अच्छी नहीं लगी. गुस्से में उसने कहा, तो क्या आपको भी लगता है कि मैं डरपोक हूं और हाथी को देखकर डर गया था?

लोमड़ी के बच्चे की इस बात को सुनकर शेरनी उसे अकेले में ले गई और उसे उसके लोमड़ी होने का सच बताया. हमने तुम्हें भी अपने दोनों बच्चों की तरह ही बड़ा किया है, उन्हीं के साथ तुम्हारी भी परवरिश की है और तुमसे हम बहुत प्यार करते हैं, लेकिन तुम लोमड़ी वंश के हो और अपने वंश के कारण ही तुम हाथी जैसे बड़े जानवर को देखकर डर गए और घर वापस भाग आए. वहीं, तुम्हारे दोनों भाई शेर वंश के हैं, जिस वजह से वह हाथी का शिकार करने के लिए उसके पीछे भागे थे.

शेरनी ने आगे कहा कि अभी तक तुम्हारे दोनों भाईयों को तुम्हारे लोमड़ी होने का पता नहीं है. लेकिन जिस दिन उन्हें यह पता चलेगा वह तुम्हारा भी शिकार कर सकते हैं. इसलिए, तुम्हारे लिए भी अच्छा होगा कि तुम यहां से जल्द ही चले जाओ और अपने वंश के लोगों के साथ रहो… तुम यहां से भागकर अपनी जान बचा लो.

शेरनी से अपने बारे में अपना सच सुनकर लोमड़ी का बच्चा वाक़ई डर गया और मौका मिलते ही वह रात में वहां से छिपकर भाग गया.

सीख: जंगल का अपना क़ानून है और हर जानवर का स्वभाव व आदत अपने वंश पर ही होती है फिर भले ही वो निडर और बहादुर लोगों के बीच रहें. वहीं दूसरी ओर ये कहानी यह भी बताती है कि शेर होने बाद भी लोमड़ी के बच्चे से प्यार व उसका पालन-पोषण करना यही दर्शाता है कि जानवरों के मन में भी प्यार और दया का भाव होता है.

Geeta Sharma

Recent Posts

कहानी- मृगतृष्णा (Short Story- Mrigtrishana)

अब तक मैं भटक रही थी, लेकिन आज मैंने सत्य को पा लिया था. अपने…

September 14, 2023

दिलीप प्रभावळकर लिखित दोन अंकी नव कोरं नाटक लवकरच रंगभूमीवर… (Dilip Prabhavalkar New Marathi Natak)

मराठी रंगभूमी म्हटलं की, डोळ्यांसमोर अनेक दिग्गज कलाकारांचे चेहरे येतात. मराठी रंगभूमीने मनोरंजन विश्वाला अनेक…

September 14, 2023

महेश मांजरेकर यांच्या आगामी चित्रपटात भूषण प्रधान आणि अनुषा दांडेकर ही नवी कोरी जोडी… (Mahesh Manjrekar New Movie With Bhushan Pradhan)

मराठी मनोरंजन विश्वातील आघाडीचा अभिनेता भूषण प्रधान आणि बॉलिवूड अभिनेता फरहान अख्तर याची मेहुणी अभिनेत्री…

September 14, 2023

वृद्ध महिला साक्षात महादेव समजून झालेली नतमस्तक, मोहित रैनाने सांगितला मालिकेदरम्यानचा किस्सा (When an Elderly Woman Touched Feet of ‘Devon Ke Dev Mahadev’ Fame Mohit Raina)

छोट्या पडद्यावर भगवान शंकराची भूमिका साकारून अभिनेता मोहित रैना घराघरात इतका लोकप्रिय झाला. पण त्याला…

September 14, 2023
© Merisaheli