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पंचतंत्र की कहानी: कौवा और कोबरा (Panchtantra Ki Kahani: The Cobra And The Crows)

पंचतंत्र की कहानी: कौवा और कोबरा (Panchtantra Ki Kahani: The Cobra And The Crows)

बहुत साल पुरानी बात है, एक धनवान राज्य में बहुत बड़ा और पुराना बरगद का पेड़ था. उस पेड़ पर एक कौआ-कव्वी (Crows) का जोड़ा अपने घोसले में रहता था. ये जोड़ा दिनभर भोजन की तलाश में बाहर रहता और शाम होते ही लौट आता. उसी पेड़ के पास एक दुष्ट सांप  (Cobra) भी रहता था. कौआ-कव्वी का जोड़ा बहुत आराम से गुज़र-बसर कर रहा था. इसी बीच कव्वी ने अंडे दिए, दोनों बेहद ख़ुश थे. लेकिन एक दिन जब वो बाहर गए, तो सांप उनके अंडों को खा गया.

दोनों बहुत रोये. अब हर साल मौसम आने पर कव्वी अंडे देती और वो सांप (Snake) मौक़ा पाकर उनके घोसले में जाकर अंडे खा जाता. वो दोनों ही समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर उनके बच्चों का दुश्मन कौन है? लेकिन जल्द हो वो समझ कि हो न हो यह काम उस सांप का ही है. सांप तो अंडे खाकर चला गया, लेकिन कव्वी के दिल पर जो बीता वो सोचा भी नहीं जा सकता था. कौए ने अपनी पत्नी को ढाढस बंधाया, “अब हमें शत्रु का पता चल चूका है, तो हम कुछ उपाय भी ज़रूर सोच लेंगे.”

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कौए ने काफ़ी सोचा और अपनी मित्र लोमडी से सलाह लेने दोनों उसके पास गए. लोमडी ने अपने मित्रों की दुख भरी कहानी सुनी. लोमडी ने काफ़ी सोचने के बाद कहा “मित्रो! तुम्हें वह पेड छोडकर जाने की जरुरत नहीं हैं. मेरे पास एक तरकीब है, जिससे उस दुष्टसर्प से छुटकारा पाया जा सकता है.” लोमडी ने अपने चतुर दिमाग में आई तरकीब बताई. उन्होंने लोमडी को धन्यवाद दिया और अपने घर लौट आए.

अगले ही दिन योजना अमल में लानी थी. दरअसल उस प्रदेश की राजकुमारी एक सरोवर में अपनी सहेलियों के साथ जल-क्रीड़ा करने आती थी. उनके साथ अंगरक्षक तथा सैनिक भी आते थे.

जब राजकुमारी और उनकी सहेलियां सरोवर में स्नान करने जल में उतरी तो योजना के अनुसार कौआ उडता हुआ वहां आया. उसने पहले तो राजकुमारी तथा सहेलियों का ध्यान अपनी और आकर्षित करने के लिए ‘कांव-कांव’ का शोर मचाया. फिर राजकुमारी तथा उसकी सहेलियों द्वारा उतारकर रखे गए कपडों व आभूषणों में से राजकुमारी का प्रिय हीरे व मोतियों का विलक्षण हार में से एक हार चोंच में दबाकर ऊपर उड़ गया. सभी सहेलियां चीखी, “वह राजकुमारी का हार उठाकर ले जा रहा हैं.”

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सैनिकों ने ऊपर देखा तो सचमुच एक कौआ हार लेकर धीरे-धीरे उड़ता जा रहा था. सैनिक उसी दिशा में दौडने लगे. कौआ सैनिकों को उसी पेड़ की ओर ले आया. जब सैनिक कुछ ही दूर रह गए तो कौए ने हार इस प्रकार गिराया कि वह सांप के खोल के भीतर जा गिरा.

सैनिक दौड़कर खोल के पास पहुंचे, तो वहां हार और उसके पास में ही एक काले सर्प को देखा. सैनिकों ने भालों से उस सांप के टुकड़े-टुकड़े  कर डाले और वो दुष्ट सांप मर गया. कौआ-कव्वी बेहद खुश थे.

सीख: शरीर से आप भले ही कमज़ोर हों, लेकिन सूझ बूझ का उपयोग कर हम बड़ी से बड़ी ताकत और दुश्मन को हरा सकते हैं, बुद्धि का प्रयोग करके हर संकट का हल निकाला जा सकता है.

पंचतंत्र की ऐसी ही शिक्षाप्रद और दिलचस्प कहानियों के लिए यहां क्लिक करें: Panchtantra ki Kahaniyan

 

Geeta Sharma

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