छोटे बच्चे बहुत नाजुक होते हैं. उनके प्रत्येक अंग की उचित देखरेख ज़रूरी होती है. लेकिन कानों की देखरेख, उनकी सफ़ाई के लिए क्या करना आवश्यक है, इसके बारे में कुछ सुझाव यहां प्रस्तुत हैं.
* कानों में मैल जमा हो जाने से बच्चे कान खुजलाने लगते हैं. ऐसे में कानों में इयर ड्रॉप्स डालकर कान साफ करें.
* स्नान करते समय बच्चों के कान में पानी चले जाने की आशंका रहती है. लिहाज़ा नर्म तौलिए से बच्चों के कानों को अच्छी तरह से पोंछ दें.
* नहलाते समय बच्चों के कानों में रुई के फाहे डालकर कानों में पानी जाने से रोक सकते हैं.
* सर्दी-जुकाम होने पर तुरंत बच्चे का उपचार करें.
* पान के कुनकुने रस की कुछ बूंदें कान में डालें. इससे ठंडी के कारण बच्चे के कान में होनेवाली पीड़ा शांत होती है.
* बच्चे का कान बहता हो, तो मां के दूध की धार उसके कानों में डालें. कौड़ी की राख कान में डालने से भी कान का बहना बंद हो जाता है.
* पटाखों और ऊंची आवाजों से बच्चों को बचाना चाहिए, खासकर छोटे शिशुओं को. ऊंची आवाज़ें बच्चों को बुरी तरह प्रभावित करती हैं.
* छोटे शिशुओं के कान में जाड़े के दिनों में ऊन से बनी टोपी पहनाए रखें. इससे अधिक ठंड से उनके कानों की रक्षा होगी.
– सूर्यकांत ओमप्रकाश
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