शिल्पा शेट्टी के बिजनेसमैन पति राज कुंद्रा को पोर्न फिल्में बनाने के मामले में बीती रात क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है. क्राइम ब्रांच का कहना है कि उनके पास राज कुंद्रा के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं, जो ये साबित करता है कि इस सबके पीछे मास्टरमाइंड राज कुंद्रा ही हैं. उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है. मेडिकल जांच के बाद आज यानी मंगलवार को राज कुंद्रा को कोर्ट में पेश किया जाएगा. आइए जानते हैं कि अगर राज कुंद्रा पर लगे आरोप सही पाए जाते हैं, तो उन्हें आगे क्या होगा और उन्हें क्या सज़ा होगी? क्या उन्हें कई साल जेल में बिताने होंगे?
दरअसल पोर्नोग्राफी और पोर्नोग्राफिक कंटेंट के मामलों को लेकर हमारा कानून बहुत ज़्यादा सख्त है. ऐसे मामलों में अक्सर आरोपी के खिलाफ आईटी एक्ट और भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाता है. अगर अदालत आरोपी को दोषी करार देती है, तो उसे कई सालों के लिए जेल भी जाना पड़ सकता है और जुर्माना भी भरना पड़ सकता है.
क्या है एंटी पोर्नोग्राफी लॉ?
दरअसल इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल और मोबाइल आ जाने के बाद से ही पोर्नोग्राफी का चलन भी बहुत बढ़ गया है. इसी को देखते हुए आईटी एक्ट में संशोधन भी किया गया था. ताकि आज के समय में इस तरह के मामलों में दोषी पाए जाने वाले को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके. आइये जानते हैं कि हमारे एंटी पोर्नोग्राफी लॉ के बारे में.
पोर्नोग्राफी के दायरे में ऐसे फोटो, वीडियो, टेक्स्ट, ऑडियो और सामग्री आती है, जिसकी प्रकृति यौन हो और जो यौन कृत्यों और न्यूडिटी पर आधारित हो. ऐसी सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक ढंग से प्रकाशित करने, किसी को भेजने या किसी और के जरिए प्रकाशित करवाने या भिजवाने पर एंटी पोर्नोग्राफी लॉ लागू होता है. जो लोग दूसरों के नग्न या अश्लील वीडियो या एमएमएस बनाते हैं और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से दूसरों तक पहुंचाते हैं, किसी को उसकी मर्जी के खिलाफ अश्लील मैसेज भेजते हैं, वे भी इस कानून के दायरे में आते हैं.
पोर्नोग्राफी प्रकाशित करना अवैध है, देखना नहीं
यहां ये जानना भी ज़रूरी है कि पोर्नोग्राफी प्रकाशित करना और इलेक्ट्रॉनिक जरियों से दूसरों तक पहुंचाना अवैध है, लेकिन उसे देखना, पढ़ना या सुनना अवैध नहीं है. लेकिन जहां तक चाइल्ड पोर्नोग्राफी की बात है, तो चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना भी अवैध है.
क्या है सज़ा का प्रावधान
आईटी (संशोधन) कानून 2008 की धारा 67 (ए)– आईपीसी की धारा 292, 293, 294, 500, 506 और 509 के तहत सजा का प्रावधान है. सज़ा जुर्म की गंभीरता के आधार पर तय की जाती है. पहली गलती पर पांच साल तक की जेल और/या दस लाख रुपये तक जुर्माना लग सकता है, जबकि दूसरी बार गलती करने पर सात साल की जेल हो सकती है.
राज कुंद्रा भी 5 या 7 सालों के लिए जा सकते हैं जेल
इस लिहाज से राज कुंद्रा पर भी आईटी (संशोधन) कानून 2008 की धारा 67 (ए)– आईपीसी की धारा 292, 293, 294, 500, 506 और 509 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और अगर वो दोषी साबित हो जाते हैं, तो उन्हें कम से कम 5 और अधिकतम 7 साल की सज़ा हो सकती है. फिलहाल तो राज कुंद्रा से पूछताछ जारी है और आज उन्हें कोर्ट में पेश किया जाना है.
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