Categories: Jyotish aur Dharm

सावन पर विशेष- सच्चा रुद्राभिषेक (Sawan Special- Sachcha Rudrabhishek)

सावन चल रहा है. मीठी रिमझिम फुहारों और कल-कल, छल-छल ध्वनियों के साथ मिट्टी की सोंधी ख़ुशबू हवा में घुली है. धरती अपना नव श्रृंगार कर रही है और हमारे मन अपने भोलेनाथ शिव-शंभू के लिए श्रद्धा से छलक रहे हैं. ऐसे में हम सबके मन में होता है कि हम रुद्राभिषेक करें. जो कर पाता है, वो प्रसन्न और जो व्यावहारिक कठिनाइयों अथवा साधनों की कमी के कारण नहीं कर पाता वो दुखी हो जाता है. तो आइए रुद्राभिषेक के कुछ ऐसे अर्थ समझें, जिन्हें समझकर हम बिना किसी साधन के अपने मन में ही रुद्राभिषेक कर सकते हैं.

सबसे पहले याद दिलाते हैं रुद्र का मतलब
रुद्र के जो अर्थ हमारे वेद-पुराणों में मिले हैं, वो कुछ इस प्रकार हैं- भयंकर, डरावना, बिजली के साथ आने वाला तूफ़ान, विनाश, जंगली आदि. शिव-शंकर प्रलय के देव माने गए हैं. जब मानवता का इतना ह्रास हो जाए कि विनाश ही सुंदर नव-सृजन का रास्ता बने, तो शिवजी सृष्टि में प्रलय का संचार करते हैं. इसीलिए वो ‘रुद्र’ भी हैं और उनके ग़ुस्से पर अपनी श्रद्धा का जल अर्पण करके उन्हें मनाना ही रुद्राभिषेक है.

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ये प्राचीन काल से चली आ रही परंपरा है कि राजकुमारों के जन्मदिन पर कुछ कुओं के पानी से उन्हें नहलाया जाता था और युवा राज्याभिषेक के समय प्रांत के सभी जलाशयों और नदियों का जल लेकर अभिषेक कराया जाता था. आज भी कई प्रांतों में शादी के समय कई जलाशयों के जल से अभिषेक करने का रिवाज़ है.
हमारे पूर्वजों द्वारा सभी रीति-रिवाज़ किसी कारण से बनाए गए थे. जल-अभिषेक भी हमारी जल-संपदा के प्राकृतिक स्रोतों को स्वच्छ तथा शुद्ध रखने का प्रयत्न करने को प्रेरित करने के लिए बनाया गया रिवाज़ था.


ईश्वर को कभी भी कुछ भी अशुद्ध अर्पित नहीं किया जाता, इसलिए जब जल हमें ईश्वर को अर्पित करना होगा, तो हम अपनी जल की प्राकृतिक संपदा को शुद्ध रखेंगे. ये सोचकर रुद्राभिषेक का रिवाज़ बना. लेकिन आज अपनी जल-संपदा को लेकर हमारी उपेक्षा से क्या शिव-शंभू नाराज़ न होंगे? और हां, तो क्या उनकी मूर्ति पर फिल्टर जल चढ़ा देने से वो ख़ुश हो जाएंगे.


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तो यदि हम वास्तव में रूठे शिवजी को मनाना अर्थात्‌ बाढ़ और सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं को रोकना चाहते हैं, तो हमें जल संरक्षण की दिशा में अपने स्तर पर प्रयत्न करने होंगे और यही होगा हमारा सच्चा रुद्राभिषेक!

– भावना प्रकाश

Photo Courtesy: Freepik

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Usha Gupta

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