हिंदी सिनेमा जगत मेंं बेहतरीन अदाकारा में से एक हैं शबाना आज़मी (Shabana Azmi). आज उनके जन्मदिन पर उनसे जुड़ी कई दिलचस्प पहलुओं के बारे में जानते हैं.
* शबानाजी अपने सशक्त अभिनय और बहुमुखी क़िरदारों को प्रभावशाली अंदाज़ में निभाए जाने के लिए जानी जाती हैं. तभी तो अपनी पहली ही फिल्म अंकुर में राष्ट्रीय पुरस्कार उन्होंने जीता था.
* उसके बाद तो उन्होंने कई फिल्मों के लिए नेशनल अवॉर्ड्स जीते, जिनमें विशेष तौर पर अर्थ, खंडहर, पार हैं.
* शबानाजी के पिता कैफ़ी आज़मी जाने-माने शायर रहे हैं. उन्हीं से लेखनी का सबक सीखने जावेद अख़्तर शबानाजी के घर आया करते थे, तभी ही दोनों एक-दूसरे के प्रति आकर्षित हुए.
* लेकिन उनका पहला क्रश हैंडसम-चार्मिंग शशि कपूर थे. दरअसल, पृथ्वीराज कपूर कैफ़ी आज़मी के पड़ोस में रहते थे और अपने पिता से मिलने शशि कपूर अक्सर वहां आया करते थे.
* शबानाजी उनकी इस कदर दीवानी थीं कि एक बार तो उन्होंने उनकी फोटो पर शशिजी का आटोग्राफ भी ले लिया.
* वैसे उनकी दिली तमन्ना उनके साथ बहुत काम करने की थी, पर वे एकमात्र फकीरा फिल्म में ही उनके साथ काम कर पाईं.
* शबानाजी अपने बिंदास रोल के लिए भी काफ़ी जानी जाती रही हैं. फिर चाहे फिल्मी करियर की शुरुआती दौर में मंडी फिल्म का बोल्ड सीन हो या फिर समलैंगिकता पर फायर मूवी.
* व्यक्तिगत ज़िंदगी हो या फिल्में शबानाजी ने हर भूमिका के साथ न्याय किया. तभी तो जावेद साहब की पहली पत्नी हनी ईरानी के दोनों बच्चों फरहान अख़्तर और ज़ोया अख़्तर के साथ भी उनके उतने ही मधुर संबंध हैं, जितने जावेदजी के साथ है.
* फिल्मों में पर्दापण उन्होंने श्याम बेनेगल की अंकुर फिल्म से की थी. यह हैदराबाद की एक सच्ची प्रेम कहानी पर आधारित थी. इस फिल्म के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड मिला, जबकि इस रोल के लिए वे श्याम बेनेगल की पहली पसंद नहीं थीं.
* बहुत कम लोग जानते हैं कि फिल्मों में आने की ख़्वाहिश उन्हें जया बच्चन के कारण हुई. जब उन्होंने जयाजी को फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की एक फिल्म में देखा था.
* वैसे शबानाजी की मां शौक़त आज़मी रंगमंच की बेहतरीन कलाकार थीं.
* शबानाजी ने लगातार तीन साल तक यानी 1983 से लेकर 1985 तक राष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम किया था. इसके बाद गॉडमदर के लिए भी उन्हें नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.
* शायद आपको पता न हो कि फिल्म वॉटर के लिए शबानाजी ने अपने बाल भी निकलवाए थे और बिना बाल के वे बेहद ख़ूबसूरत भी लगती थीं. लेकिन कुछ कारणवश फिल्म की कास्ट चेंज हो गई.
* आज 67 की उम्र में भी वे अपनी अदाकारी के दमख़म से अच्छे से अच्छा कलाकार को भी कड़ी चुनौती देती हैं. तभी तो जज़्बा फिल्म में एक तरफ़ उनका निगेटिव शेड था, तो दूसरी तरफ़ ऐश्वर्या राय बच्चन और इरफान ख़ान की मंजी अदाकारी.
* शबानाजी पांच बार फिल्मफेयर अवॉर्ड्स के अलावा पद्मश्री व पद्मभूषण से भी सम्मानित हो चुकी हैं.
* अंकुर, मंडी, अर्थ, खंडहर, पार, गॉडमदर, शतरंज के खिलाड़ी, फायर, मकड़ी, जज़्बा में उनके विविधतापूर्ण सशक्त अभिनय नेे हर किसी को प्रभावित किया.
* आज शबानाजी का 68वां जन्मदिन है. मेरी सहेली की तरफ़ से उन्हें मुबारकबाद!… वे यूं ही अभिनय के रंग बिखेरती रहें.
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