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#मसाबा गुप्ता-सत्यदीप मिश्रा की वेडिंग पार्टी: सोनम कपूर और दीया मिर्जा नज़र आईं सिज़लिंग लुक में, ब्लैक एथनिक लुक में बेहद खूबसूरत लगीं एक्ट्रेसेस, ये सेलेब्स भी हुए शामिल (Sonam Kapoor, Dia Mirza Look Stunning In Black Ethnic Looks At Masaba Gupta-Satyadeep Misra’s Wedding Bash, See Photos)

बॉलीवुड एक्ट्रेस नीना गुप्ता की बेटी मसाबा गुप्ता और सत्यदीप 27 जनवरी को शादी के बंधन में बंध में गए हैं. सात फेरे लेने के…

बॉलीवुड एक्ट्रेस नीना गुप्ता की बेटी मसाबा गुप्ता और सत्यदीप 27 जनवरी को शादी के बंधन में बंध में गए हैं. सात फेरे लेने के बाद न्यूली मैरिड कपल ने अपने इंडस्ट्री के फ्रेंड्स के लिए वेडिंग पार्टी होस्ट की. न्यूली मैरिड कपल की वेडिंग पार्टी में सोनम कपूर, दीया मिर्जा,  सोनी राजदान, कोंकणा सेन सहित अनेक सेलेब्स पार्टी में शामिल हुए.

फैशन डिज़ाइनर-एक्टर मसाबा गुप्ता और सत्यदीप मिश्रा ने इंटीमेट सेरेमनी के दौरान फैमिली मेंबर्स और करीबी दोस्तों की उपस्थित में शादी कर ली है. शादी के कुछ घंटों बाद ही कपल ने अपने इंडस्ट्री के करीबी दोस्तों और कलीग्स के वेडिंग पार्ट होस्ट की.

कपल की वेडिंग पार्टी में मसाबा की मम्मी नीना गुप्ता, पापा क्रिकेटर विवियन रिचर्ड्स, नीना गुप्ता के हस्बैंड विवेक मेहरा, सत्यदीप की मम्मी और बहन सहित बॉलीवुड सेलेब्स ने भी पार्टी में शिरकत की. ये सेलेब्स हैं- सोनम कपूर, सोनी राजदान, कोंकणा सेन, दीया मिर्जा आदि. आइये देखते हैं इनकी एक झलक-

मसाबा और सत्यदीप की वेडिंग पार्टी में सोनम कपूर ब्लैक एंड वाइट आउटफिट में नज़र आईं. एक्ट्रेस ने अपने ट्रेडिशनल लुक को पर्ल चोकर और एयरिंग से कम्पलीट किया.

वेडिंग पार्टी में दीया मिर्जा प्रिंटेड गोल्डन एंड ब्लैक गाउन में दिखाई दीं. इस आउटफिट में एक्ट्रेस बेहद स्टनिंग लग रही थीं.

कोंकणा सेन शर्मा भी मसाबा की पार्टी में ब्लैक आउटफिट में दिखीं। उनके एक्टर अमोल पराशर और संध्या मृदुल भी थीं.

वेटेरन एक्ट्रेस सोनी राज़दान कलरफुल कफ्तान पहने हुए मसाबा की वेडिंग पार्टी में शामिल हुईं.

करीना कपूर की कजिन ज़हन कपूर अपने पापा कुणाल कपूर के साथ पार्टी में शामिल हुए.

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Poonam Sharma

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ये माना समय बदल रहा है और लोगों की सोच भी. समाज कहने को तो पहले से कहीं ज़्यादा मॉडर्न ही गया है. लाइफ़स्टाइल बदल गई, सुविधाएं बढ़ गईं, लग्ज़री चीजों की आदतें हो गई… कुल मिलाकर काफ़ी कुछ बदल गया है, लेकिन ये बदलाव महज़ बाहरी है, दिखावाहै, छलावा है… दिखाने के लिए तो हम ज़रूर बदले हैं लेकिन भीतर से हमारी जड़ों में क़ैद कुछ रूढ़ियां आज भी सीना ताने वहीं कि वहींऔर वैसी कि वैसी खड़ी हैं… थमी हैं… पसरी हुई हैं. जी हां, यहां हम बात वही बरसों पुरानी ही कर रहे हैं, बेटियों की कर रहे हैं, बहनों की कर रहे हैं और माओं की कर रहे हैं… नानी-दादी, पड़ोसन और भाभियों की कर रहे हैं, जो आज की नई लाइफ़स्टाइल में भी उसी पुरानी सोच के दायरों में क़ैद है और उन्हें बंदी बना रखा हैखुद हमने और कहीं न कहीं स्वयं उन्होंने भी.  भले ही जीने के तौर तरीक़ों में बदलाव आया है लेकिन रिश्तों में आज भी वही परंपरा चली आ रही है जिसमें लड़कियों को बराबरी कादर्जा और सम्मान नहीं दिया जाता. क्या हैं इसकी वजहें और कैसे आएगा ये बदलाव, आइए जानें.  सबसे बड़ी वजह है हमारी परवरिश जहां आज भी घरों में खुद लड़के व लड़कियों के मन में शुरू से ये बात डाली जाती है कि वोदोनों बराबर नहीं हैं. लड़कों का और पुरुषों का दर्जा महिलाओं से ऊंचा ही होता है. उनको घर का मुखिया माना जाता है. सारे महत्वपूर्ण निर्णय वो ही लेते हैं और यहां तक कि वो घर की महिलाओं से सलाह तक लेना ज़रूरी नहीं समझते. घरेलू कामों में लड़कियों को ही निपुण बनाने पर ज़ोर रहता है, क्योंकि उनको पराए घर जाना है और वहां भी रसोई में खाना हीपकाना है, बच्चे ही पालने है तो थोड़ी पढ़ाई कम करेगी तो चलेगा, लेकिन दाल-चावल व रोटियां कच्ची नहीं होनी चाहिए.ऐसा नहीं है कि लड़कियों की एजुकेशन पर अब परिवार ध्यान नहीं देता, लेकिन साइड बाय साइड उनको एक गृहिणी बनने कीट्रेनिंग भी दी जाती है. स्कूल के बाद भाई जहां गलियों में दोस्तों संग बैट से छक्के मारकर पड़ोसियों के कांच तोड़ रहा होता है तो वहीं उसकी बहन मां केसाथ रसोई में हाथ बंटा रही होती है.ऐसा नहीं है कि घर के कामों में हाथ बंटाना ग़लत है. ये तो अच्छी बात और आदत है लेकिन ये ज़िम्मेदारी दोनों में बराबर बांटीजाए तो क्या हर्ज है? घर पर मेहमान आ जाएं तो बेटियों को उन्हें वेल्कम करने को कहा जाता है. अगर लड़के घर के काम करते हैं तो आस-पड़ोस वाले व खुद उनके दोस्त तक ताने देते हैं कि ये तो लड़कियों वाले काम करता है.मुद्दा यहां काम का नहीं, सोच का है- 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