"मैं आप दोनों की थालियां लगा देती हूं." "नहीं, अब तू बैठ जा. सवेरे से भागदौड़ कर रही है. थालियां…
सुभद्राजी भौंचक्की-सी खड़ी रह गई थीं. कब फोन आया? कब और कैसे इस लड़की ने कैब बुलाई? साथ में पैसे…
"इतने बरस साथ रहते मैं उनकी मनोवृति और हर बात का मंतव्य बख़ूबी समझने लगी हूं. इस उम्र में एकाकी…
इतने प्रगतिशील, प्रेरक व्यक्तित्व का इस तरह अपनी सास से दबना उसे पहले दिन से ही अखरने लगा था. वह…