मुझे अपना घर याद आने लगा था, चिंटू और उसके दोस्तों का चार तकिए मिलाकर हाउस-हाउस खेलना, या सारी गाड़ियां…
मैं थैक्स कहते हुए झेंप गया था. आधे से ज़्यादा कंपटीशन तो मुझे पता भी नहीं थे कि कब हुए.…
“अरे, काट तो रही थीं, दिन या रात कभी भी. यहां तो चिंटू की डायरी में लिखकर आता है, तब…
दीदी पहले से ही भन्नाई हुई थीं, मुझे घूरते हुए बोलीं, “ऐसा है राघव, टाइम नहीं इतना मेरे पास. और…
ये बोतल, ये ढक्कन, ये टिशू... इन सबसे बेख़बर नीलू मुझे अपने घर का क़िस्सा सुनाए जा रही थी. मुझे…
“पापा, उठो ना. आई कार्ड नहीं मिल रहा मेरा.” चिंटू परेशान आवाज़ में मुझे जगा रहा था. मैं ऊंघते हुए…
इस तरह के एपिसोड हमारे यहां लगभग हर दिन होते थे. फिर धीरे-धीरे कम होने लगे. अरे नहीं-नहीं, पापा ने…