कह दिया सब नई बात को बहाना कोई बाकी रहे चाहती हूं कि मेरी चाहतों में चाहना तेरा बाकी रहे…
दिल की तन्हाई में एक दीप जलाने का हुनर सीखना है मुझे ऐ ज़िंदगी तुझसे जीने का हुनर सीखना है…
ढूंढे़ कोई हमें तो सिर्फ़ ठिकानों पर मिलते है ये बंजारापन देख के अब हम घर में नहीं मिलते मुझसे…