ग़ज़ल

ग़ज़ल- ज़िंदगी सी.. एक ज़िंदगी बाकी रहे… (Gazal- Zindagi Si.. Ek Zindagi Baki Rahe…)

कह दिया सब नई बात को बहाना कोई बाकी रहे चाहती हूं कि मेरी चाहतों में चाहना तेरा बाकी रहे…

February 18, 2023

ग़ज़ल- जीने का हुनर सीखना है… (Gazal- Jeene Ka Hunar Sikhna Hai…)

दिल की तन्हाई में एक दीप जलाने का हुनर सीखना है मुझे ऐ ज़िंदगी तुझसे जीने का हुनर सीखना है…

January 7, 2023

ग़ज़ल- कभी हम नहीं मिलते… (Gazal- Kabhi Hum Nahi Milte…)

ढूंढे़ कोई हमें तो सिर्फ़ ठिकानों पर मिलते है ये बंजारापन देख के अब हम घर में नहीं मिलते मुझसे…

November 21, 2022
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