पिघलता रहाकतरा-कतरा आसमानअधजगी आंखों मेंकल रात भर… नींद नहीं आईबदलता रहा करवटेंबिस्तर किसी की याद मेंकल रात भर… स्याह बादलों…
कोई याद खटखटाती रहीउम्र भर खिड़कीदरवाज़े चेतना के, परखुल न सका कोईयाद का झरोखा कहींरूह कसमसाती रहीसदियों तक…तब फलक से…
हे गिरिधारी, कृष्ण कन्हैयानटवर नागर बंसी बजैय्यामनमोहक है छवि तुम्हारीहे मुरलीधर धेनु चरैय्या। हे गोपाला, नंद के लालातुम्हरे सँग खेलत…
मुरली मोहन मदन मुरारी, सबके दिल में बसते हो।हे बंशीधर सर्व जगत के, कण-कण में तुम मिलते हो। नटवर नागर…
बेटे और बेटी में है कितना अंतरये अक्सर ही सुनती आई हूं मैंचलो ये माना मैंने कि है अंतरलेकिन इस…
संस्कृति के धुंधलके में कहींसमाज नेमेरे माथे पर चस्पां कर दिएचंद लेबलममतामयी, त्यागमयी,कोमलांगी.. और चाहा उसनेजिऊं मैं वैसे हीभूल जाऊं…
नारी तुम निर्मात्री होदो कुलों की भाग्य विधात्री होसृजन का है अधिकार तुम्हेंतुम ही जीवन धात्री हो तुमसे ही उत्पन्न…
मत भूल सफलता सांझी हैकुछ तेरी है, कुछ मेरी हैमां-बाप और बच्चे सांझे हैंकुछ रिश्ते-नाते सांझे हैंकुछ ज़िम्मेदारी सांझी हैकुछ…
जज़्बात... कहां मिलते हैं ऐसे लोगजो बांट दें ख़ुशियां अपने दामन की चेहरे पर बिना झिझक लाएसमेट लें दर्द किसी अनजान शख़्स…
रसिक श्यामलेकर अधरों पर मुस्कानछेड़ वंशिका की तानपुकार रहे राधा नाम राधामन ही मन रिझायेरसिक मन को समझायेश्याम तेरे बिनये…
जिसके जगने से ही सुबह होती है घर में वो होती है मां.. बिन बोले दुख दर्द जान ले औलाद…
कभी धूप में छांव बन जाती है कभी पसीने में रूमाल बन जाती है थाम लो जो एक बार इसे…