Kavay

कविता- वीर नारी (Poem- Veer Nari)

बचपन का सपना अचानक सच हो जाता हैजब मुझे दूल्हे के रूप मेंएक दिन सुपर हीरो मिल जाता हैअपने प्यार…

December 21, 2024

कुंडलिया छंद में शीत ऋतु… (Kundaliya Chhand Mein Sheet Ritu…)

काँपें थर-थर तन सभी, मुख से निकले भाप।रगड़ें लोग हथेलियाँ, बढ़े तनिक सा ताप।बढ़े तनिक सा ताप, युक्ति सारी कर…

December 13, 2024

कविता- मेरी सेल्फी (Poetry- Meri Selfie)

दिनभर की किच-किचऔर काम की आपाधापी में भी अक्सरसैंकड़ों मेंएक सेल्फी क्लिक करके  मैं ख़ुद को सौंप देती हूंअदनी सी मुस्कुराहट…

December 6, 2024

काव्य- यक़ीनन हम प्रेम में हैं! (Poem- Yakinan Hum Prem Mein Hain!)

यहांकोई भी व्याकरण नहीं होतीबारिश के गिरने कीन हीकोयल की कूक का कोई रागहवाओं के बहने का कोई नियम नहीं…

November 29, 2024

कविता- अतीत (Poetry- Ateet)

अतीत की ओरकिवाड़मज़बूती से भेड़और विस्मृति की चादर ओढ़मैं तो लगभग सो ही चुकी थीओ भूली हुई यादोंतुमने क्योंफिर आकरमेरा…

November 26, 2024

ग़ज़ल- तुम्हारे प्यार के होने की कहानी… (Poem- Tumhare Pyar Ke Hone Ki Kahani…)

ये धड़कनें भी अजीब हैंकभी-कभी बेवजह धड़कती हैंसांस लेने के लिएदिल पूछता हैजब तुम नहीं हो तोसांस चलना बस यूं…

November 19, 2024

कविता- एक दीप… (Poetry- Ek Deep…)

इस दिवाली सौ दीपों में एक दीपक मन का भी जलानाजगमगाते दीपों के बीच केएक दीया ख़ुद को बनानाजो दूर करें मन…

November 1, 2024

दुर्गा पूजा- भारतीय संस्कृति को संजोता पर्व… (Durga Pooja- Bharatiya Sanskriti Ko Sanjota Parv…)

आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में आता ये त्योहार है, दुर्गा पूजा कहते जिसको पूजे सब संसार है। दस दिवसीय…

October 9, 2024

कविता- नवरात्रि (Poem- Navratri)

नौ दिन की नवरात्रि हमकोकितना कुछ सिखलाती हैनारी ही निर्मात्री हैयह हमको बतलाती हैप्रथम दिवस शैलपुत्री की पूजामन को पावन…

October 7, 2024

कविता- निःशब्द (Poem- Nishabd)

न!कहीं मत जाओयूँ ही बैठे हमदेखते रहेंउस नभ खंड कोजहाँ अभी अभीइक सिंदूरी गोलासोने के सागर मेंडूब गया हैबिखरे हैं…

September 29, 2024

काव्य- कल रात भर… (Poetry- Kal Raat Bhar…)

पिघलता रहाकतरा-कतरा आसमानअधजगी आंखों मेंकल रात भर… नींद नहीं आईबदलता रहा करवटेंबिस्तर किसी की याद मेंकल रात भर… स्याह बादलों…

September 14, 2024

काव्य- झरोखा… (Poetry- Jharokha…)

कोई याद खटखटाती रहीउम्र भर खिड़कीदरवाज़े चेतना के, परखुल न सका कोईयाद का झरोखा कहींरूह कसमसाती रहीसदियों तक…तब फलक से…

September 4, 2024
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