poetry

काव्य- मन के रेगिस्तान (Kavay- Mann Ke Registan)

याद है तुम्हें?सागर के झालरदार तट परघूमना?पानी की तेज़ आती लहर मेंहाथ कस के पकड़ लेनाभीग जाना अंतर्मन तक सफलता…

March 14, 2024

कविता- शिव आराधना (Poetry- Shiv Aradhana)

फागुन कृष्ण चतुर्दशी, शिव का हुआ विवाह।पूजन जन-जन कर रहा, लेकर हृदय उछाह।।लेकर हृदय उछाह, पूजते पार्थिव को सब।रस का…

March 9, 2024

काव्य- बहाव के विपरीत बह कर भी ज़िंदा हूं…‌ (Poetry- Bahav Ke Viprit Bah Kar Bhi Zinda Hun…)

बहाव के विपरीत बहती हूंइसीलिए ज़िंदा हूंचुनौती देता है जो पुरज़ोर हवाओं कोखुले गगन में उड़ता वो बेबाक़ परिंदा हूं..…

March 3, 2024

कविता- क्यों न इनके हिस्से में एक मुलाक़ात लिख दें… (Poetry- Kyon Na Inke Hisse Mein Ek Mulaqat Likh Den…)

अनकही ही रह जाती हैं कितनी ही कविताएंक्यों न उनके हिस्से में हम नए ख़्याल लिख दें आजकल रद्द हो…

February 27, 2024

गीत- हम प्रार्थना करते हैं… (Geet- Hum Prathna Karte Hain…)

हम प्रार्थना करते हैंकुछ पाने के लिएकिसी सेनिःस्वार्थ प्रार्थना में भीसर्व कल्याण का भाव निहित रहता हैवरदान मांगते हैंऔर स्वतः…

February 19, 2024

काव्य- शूल (Poem- Shool)

हर रात देर तकमैं अपने मन में गड़े शूल चुनती हूंएक-एक और एक करकेऔर हर दिन वहां नए शूल उग…

February 12, 2024

कविता- बेटे के नाम (Poetry- Bete Ke Naam)

स्मृति पट परआज भी चित्रित है वह दिनजब तुम किन्हीअनजाने, अनदेखे लोक से उतरमेरी गोद में आए थे.. और मुझे…

February 5, 2024

काव्य- तुम्हें आज़ाद होना है… (Poetry- Tumhe Azad Hona Hai…)

मैं तुम्हें  इश्क़ के मुहाने तक लेकर आया  और तुम लौट गए उस मोड़ पर भी तुम  आगे बढ़ने का …

January 30, 2024

कविता- मेरे राम…(Poetry- Mere Ram…)

संवरे सारे बिगड़े काम विपदा का हो काम तमाम संशय हटे तब मन का सारा प्रभु राम का लें जब…

January 21, 2024

गीत- तुम जैसी हो पूर्ण हो… (Poem- Tum Jaisi Ho Purn Ho…)

बंद कर दो अपनी बेटियों को परिकथा सुनानामत सुनाओ ऐसी कोई भी कहानीजिसमें सफ़ेद घोड़े पर बैठा राजकुमारउसे उसकी सपनों…

December 13, 2023

कविता- चलो, सीख लें अब ज़रा इत्मीनान होना…‌ (Poetry- Chalo, Seekh len Ab Zara Itminaan Hona…)

फकत उलझे रहे ताउम्र हम उलझनों में हीइतना भी मुश्किल नहीं था आसान होना रहा अनदेखियों में अब तक अपना…

December 11, 2023

कविता- आत्म दीपो भव: (Poetry- Aatam Deepo Bhava)

जलेंगे कौन से चिराग़ और कौन से दीये झिलमिलाएंगे इस बढ़ते हुए बाज़ारवाद में जहां, हर चीज़ का मोल है…

November 12, 2023
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