न!कहीं मत जाओयूँ ही बैठे हमदेखते रहेंउस नभ खंड कोजहाँ अभी अभीइक सिंदूरी गोलासोने के सागर मेंडूब गया हैबिखरे हैं…
ख़ुद की तलाश में निकलती हूंमानो हर रोज़ अपने ही वजूद को तराशती हूं मैं समेट कर पूरे घर को समय…
कोई याद खटखटाती रहीउम्र भर खिड़कीदरवाज़े चेतना के, परखुल न सका कोईयाद का झरोखा कहींरूह कसमसाती रहीसदियों तक…तब फलक से…
हे गिरिधारी, कृष्ण कन्हैयानटवर नागर बंसी बजैय्यामनमोहक है छवि तुम्हारीहे मुरलीधर धेनु चरैय्या। हे गोपाला, नंद के लालातुम्हरे सँग खेलत…
मुरली मोहन मदन मुरारी, सबके दिल में बसते हो।हे बंशीधर सर्व जगत के, कण-कण में तुम मिलते हो। नटवर नागर…
रक्षाबंधन का पावन त्योहारहै प्रेम प्यार से जुड़ा हुआसावन माह की पूर्णिमा का दिनसाल में जब भी आता हैबहनों और…
ऊंचे पर्वत पर बैठे शिव हैंसागर तीरे देखो शिव हैंभारत के हर कण कण मेंजन मानस के मन में शिव हैं…
बेटे और बेटी में है कितना अंतरये अक्सर ही सुनती आई हूं मैंचलो ये माना मैंने कि है अंतरलेकिन इस…
संस्कृति के धुंधलके में कहींसमाज नेमेरे माथे पर चस्पां कर दिएचंद लेबलममतामयी, त्यागमयी,कोमलांगी.. और चाहा उसनेजिऊं मैं वैसे हीभूल जाऊं…
एक आँगन है माँजिसकी गोद में लगेस्नेह की मीठी छाँव देतेनीम तले खेलता है बचपनसुकून पाते हैं युवा औरथकान भूल…
नारी तुम निर्मात्री होदो कुलों की भाग्य विधात्री होसृजन का है अधिकार तुम्हेंतुम ही जीवन धात्री हो तुमसे ही उत्पन्न…
टूटा हुआ चांदरात की स्याह चादर में छेदबेसुध पड़ी धरतीऊंघते से पेड़ऐसी ही एक रात मेंभागती रही मैंवीरान सड़कों परकिसी…