Satire Poem

हास्य व्यंग्य काव्य- स्त्री की अभिलाषा- चाटुकारपति! (Hasya Vyang Kavya- Stri Ki Abhilasha- Chatukarpati)

सुबह हुई सब पंछी जागे, एक चाटुकार गृहस्वामी अर्धांगिनी से यह बोला-बीत गई रात सपन की, नयन खोलो देखो, चाय…

January 31, 2021
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