जानकार मानते हैं कि बच्चे देखकर सीखते हैं, ख़ासकर बात जब जीवन के सबक की हो, जो किसी क़िताब में नहीं मिलता. आप एक पल के लिए ख़ुद ही सोचकर देखें कि आप को भगवान के सामने हाथ जोड़ने की आदत किससे लगी? आपको बड़ों का सम्मान और छोटों से प्यार करने की सीख किसने दी? आपने रिश्तों के मायने और उनकी गरिमा के बारे में किससे सीख ली? आपको रीति-रिवाज़ों और अपनी संस्कृति का ज्ञान कहां से मिला?… आपको एक ही उत्तर मिलेगा और वह है आपके दादा-दादी या नाना-नानी से. इन सबके अलावा दादा-दादी और नाना-नानी परिवार को पूर्णता का एहसास कराते हैं.
मनोहर मंडवालेकुणाच्या तरी धक्क्यानं अभय भानावर आला. एवढ्या गर्दीतही त्याच्या डोळ्यांसमोरील त्या अनामिकेची धुंदी काही…
मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान (Aamir Khan) अपने एक्टिंग के साथ ही अपने बिहेवियर से भी…
बॉलीवूड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी तिचा पारंपारिक परफॉर्मन्स पाहण्यासाठी तिची दोन मुले विवान- समिक्षा आणि तिची…
जब से बाबूजी यहां आए थे, तब से परिवार में असंतोष व्याप्त था, कभी उनकी डकार…
बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी अपने होम टाउन मंगलौर में अपने दोनों बच्चों विवान- समीक्षा और…
आमिर खानने थ्री इडियट्स या चित्रपटामध्ये १८ वर्षाच्या कॉलेज तरुणाची रँचोची भूमिका साकारली होती. ही…