जो महिलाएं 40 साल की उम्र के बाद मां बनती हैं, उनके बच्चों में डाउन्स सिंड्रोम का ख़तरा ज़्यादा होता है, लेकिन कम उम्र की महिलाओं के साथ भी यह ख़तरा बना रहता है. डाउन्स का अर्थ है, शरीर में दो की बजाय एक एक्स्ट्रा यानी तीसरे क्रोमोज़ोम का होना. जिन बच्चों में ये एक्स्ट्रा क्रोमोज़ोम होता है, उन्हें कई गंभीर मानसिक समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें से मंदबुद्धि होना एक है. आपको बता दें कि जहां 20-25 साल की महिलाओं के डेढ़ हज़ार बच्चों में से एक बच्चा डाउन्स सिंड्रोम का शिकार हो सकता है, वहीं 40-45 साल की महिलाओं के 130 में से एक बच्चे को यह गंभीर समस्या हो सकती है.
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एचपीवी यानी ह्यूमन पैपिलोमा वायरस एक तरह का सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन है, जो टॉयलेट सीट इस्तेमाल करने से नहीं फैल सकता. एचपीवी इंफेक्शन के लिए त्वचा का त्वचा से संपर्क होना ज़रूरी है, जो टॉयलेट सीट से मुमकिन नहीं. अगर आपके पार्टनर के गुप्तांगों में किसी तरह की गांठ या मस्सा है या फिर कुछ समय पहले उन्हें एचपीवी हुआ था, तो शारीरिक संबंध न बनाएं. कंडोम भी इससे आपको सौ फ़ीसदी सुरक्षा नहीं दे पाएगा. याद रखें, एचपीवी पब्लिक टॉयलेट से नहीं फैलता.
डॉ. राजश्री कुमार
स्त्रीरोग व कैंसर विशेषज्ञ
rajshree.gynoncology@gmail.com
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