चिलचिलाती गर्मी और धूप से राहत पाने के लिए हर कोई बेसब्री से मॉनसून (Monsoon) के आने का इंतज़ार करता है. झमाझम बरसती बारिश में भीगने, गर्मागर्म चाय के साथ पकौड़े खाने का मज़ा ही कुछ और है. एक ओर जहां बारिश का सुहाना मौसम भीषण गर्मी से निजात दिलाकर, ठंडक का अहसास कराता है, तो वहीं यह अपने साथ कई मौसमी बीमारियों (Seasonal Diseases) का ख़तरा भी लाता है. चलिए जानते हैं मॉनसून में होने वाली 10 बीमारियों और उनसे बचाव के तरीक़ों के बारे में.
मलेरिया
मॉनसून में होनेवाली बीमारियों में मलेरिया सबसे आम है. बरसात के दिनों में सड़कों और नालों के जमे हुए पानी में मच्छर पनपते हैं, जिनमें कुछ मलेरिया के मच्छर भी होते हैं. मलेरिया एक वाहक जनित संक्रामक रोग है. मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से लाल रक्त कोशिकाओ में प्रोटोजोवा नाम का परजीवी पैदा हो जाता है, जिससे यह बीमारी होती है.
लक्षण– कंपकंपी, ठंडी, तेज़ बुखार के बाद पसीना, सिरदर्द, बदनदर्द, प्यास लगना, शारीरिक कमज़ोरी, मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण दिखाई देने पर फौरन डॉक्टर
को दिखाएं.
बचाव- मच्छरदानी का प्रयोग करें. घर के आस-पास पानी इकट्ठा न होने दें. टंकी व कूलर का पानी नियमित तौर पर बदलते रहें और खिड़की-दरवाज़ों पर मच्छर रोकने वाली पतली जालियां लगवाएं.
डेंगू
डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है. इसके मच्छर दिन में, ख़ासकर सुबह के व़क्त ज़्यादा सक्रिय रहते हैं. डेंगू बरसात के मौसम में सबसे ज़्यादा फैलता है, क्योंकि मॉनसून में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं.
लक्षण- बदनदर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, कमज़ोरी, भूख न लगना, जी मितलाना, मुंह का स्वाद बिगड़ना, चेहरे, गर्दन व छाती पर लाल रंग के रैशेज इत्यादि डेंगू के लक्षण हो सकते हैं.
बचाव- पानी को ढंककर रखें. पूरे कपड़े पहनें. ठंडा पानी न पीएं. बासी भोजन खाने बचें.
परहेज़ करें- पत्ते वाली सब्ज़ियां न खाएं. भरपूर नींद लें और खूब पानी पीएं.
चिकनगुनिया
मॉनसून में चिकनगुनिया होने का ख़तरा भी ज़्यादा होता है. यह रोग मच्छरों के काटने से होता है. इसके मच्छर ठहरे हुए पानी में प्रजनन करते हैं और दिन में ही काटते हैं. कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि चिकनगुनिया उसी मच्छर के काटने से होता है, जो ज़ीका और डेंगू के लिए ज़िम्मेदार होते हैं.
लक्षण- बुखार, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान, त्वचा पर लाल रैशेज इत्यादि चिकनगुनिया के लक्षण हैं.
बचाव- अपने शरीर पर मच्छर को दूर भगाने वाली क्रीम लगाएं. सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें व जहां ज़्यादा मच्छर हों वहां जाने से बचें.
टायफॉइड
टायफॉइड पानी से होनेवाली एक ऐसी बीमारी है, जिसका ख़तरा मॉनसून के दौरान बढ़ जाता है. इसे मियादी बुखार भी कहा जाता है. इस संक्रामक रोग से हर साल लगभग दो लाख से ज़्यादा जानें जाती हैं. टायफॉइड फीवर साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के इंफेक्शन से होता है. यह बैक्टीरिया आंतों में सूजन पैदा करता है.
लक्षण- पेट दर्द, सिरदर्द, सुस्ती, बुखार, तनाव, उल्टी होना, अधिक पसीना आना या ठंड लगना, शारीरिक कमज़ोरी, कब्ज़ और सलाइवा में कमी इसके लक्षण हैं.
बचाव- दूषित पानी न पीएं. खुले में रखा हुआ भोजन न खाएं. संक्रमित व्यक्ति का जूठा खाने या पानी पीने से बचें.
हेपेटाइटिस ए
हेपेटाइटिस ए एक विषाणु जनित रोग है. यह बीमारी दूषित भोजन ग्रहण करने, दूषित जल पीने और इस रोग से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से होती है. इस रोग के कारण लिवर में सूजन आ जाती है और लिवर के ख़राब होने का ख़तरा बढ़ जाता है.
लक्षण- पीलिया, थकान, भूख न लगना, मिचली, हल्का बुखार, गहरा पीला यूरीन, पेट दर्द, जोड़ों का दर्द, खुजली, मिट्टी या ग्रे रंग का मल इत्यादि इसके प्रमुख लक्षण हैं.
बचाव- हेपेटाइटिस ए का वैक्सीन या टीका लगवाएं. 12-23 महीने के सभी बच्चों को इसका टीका लगवाना अनिवार्य है. अशुद्ध भोजन व पानी से दूर रहें.
सर्दी-ज़ुकाम व बुखार
मॉनसून में सर्दी-ज़ुकाम और बुखार की समस्या बेहद आम है. हालांकि सर्दी-ज़ुकाम के लिए 200 से अधिक प्रकार के वायरस ज़िम्मेदार हैं, लेकिन 50 फ़ीसदी मामलों में राइनोवायरस ही इसके लिए ज़िम्मेदार होता है, जबकि वायरल फीवर वायरस के संक्रमण से फैलता है, इसलिए इसे वायरल फीवर कहा जाता है. इस बुखार में शरीर का तापमान 101 डिग्री से 103 डिग्री या उससे भी ज़्यादा हो सकता है.
लक्षण- नाक बहना, लगातार छींकें आना, बंद नाक, तेज़ बुखार, बदनदर्द, गले में दर्द, भूख न लगना, कमज़ोरी, सिरदर्द की समस्या सर्दी-ज़ुकाम और बुखार इसके लक्षण हैं.
बचाव- स्वच्छता का ख़्याल रखें. समय-समय पर हाथ धोएं. फीवर आने पर सिर पर पानी की पट्टियां रखें. हेल्दी खाएं और आराम करें.
ये भी पढेंः अनियमित माहवारीः कारण व निवारणः (Symptoms And Remedies For Irregular Period)
ये धड़कनें भी अजीब हैंकभी-कभी बेवजह धड़कती हैंसांस लेने के लिएदिल पूछता हैजब तुम नहीं…
राजेश मां की बातें सुन कर आश्चर्य एवं आक्रोश से कह उठा, "मां, कई वर्षो…
स्वरा भास्कर (Swara Bhaskar) अपनी फिल्मों को लेकर कम और विवादों को लेकर ज्यादा सुर्खियों…
अभिनेत्री परिणीती चोप्राचं गेल्यावर्षी २४ सप्टेंबरला आम आदमी पक्षाचे खासदार राघव चड्ढा यांच्याबरोबर लग्न झालं.…
टेलिव्हिजनचा सर्वात लोकप्रिय शो 'तारक मेहता का उल्टा चष्मा' हा बऱ्याच काळापासून सर्वांचा आवडता शो…
ब्लॉकबस्टर फिल्म 'गदर' (Gadar) में सनी देओल (Sunny Deol) द्वारा निभाए गए तारा सिंह (Tara…