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अनियमित माहवारीः कारण व निवारणः (Symptoms And Remedies For Irregular Period)

आजकल की भागती-दौड़ती ज़िंदगी में कई बार हम पीरियड्स (Periods) के मिस होने पर इस ओर ध्यान नहीं देते. जिसकी वजह से आगे चलकर कंसीव करने में दिक़्क़त, पीसीओडी, पीसीओएस जैसी कई गंभीर समस्याओं (Problems) का सामना करना पड़ता है. अनियमित माहवारी क्यों होती है और इससे निजात पाने के लिए क्या उपाय करने चाहिए? आइए, चर्चा करते हैं. Remedies For Irregular Period अनियमित माहवारी क्या है? सामान्य तौर पर मासिक चक्र 28 दिनों का होता है, जो सात दिन आगे या पीछे हो सकता है. अगर लगातार कई महीनों तक माहवारी 21 दिन से पहले आ जाए या फिर 8 दिन से अधिक दिन तक रह जाए तो समझ लीजिए कि आपकी माहवारी सामान्य नहीं है. आपकी माहवारी नियमित है या नहीं, यह जांचने के लिए पिछली माहवारी के अंतिम दिन से लेकर अगले माहवारी के पहले दिन तक के दिनों को काउंट कीजिए. ऐसा लगातार तीन महीनों तक कीजिए. अगर माहवारी शुरू व ख़त्म होने वाले दिनों में बहुत ज़्यादा अंतर दिखे तो समझ लीजिए कि आपके पीरियड्स रेग्युलर नहीं हैं. अनियमित माहवारी के कारण 1. हार्मोन्स में असंतुलन 2. पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोमप बहुत ज़्यादा वज़न कम होना 3. वज़न बढ़नाप तनावप ईटिंग डिसऑर्डर 4. अत्यधिक कठिन व्यायाम करना 5. गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन Remedies For Irregular Period इंटर मेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग है ख़तरनाक अनियमित पीरियड के कारणों का पता लगाकर इसका इलाज किया जाना चाहिए. अनियमित पीरियड में सबसे बुरा होता है, इंटर मेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग. यह इमर्जेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स के इस्तेमाल की वजह से हो सकता है. इंटर मेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग की जांच के लिए अल्ट्रासाउंड किया जाता है, क्योंकि इनमें ओवेरियन सिस्ट से लेकर यूट्रस के घातक कैंसर तक का संकेत छुपा हो सकता है. मामूली ब्लीडिंग होना बहुत कम ्ब्लीडिंग होने पर ख़ुश होने के बजाय तुरंत डॉक्टर से मिलें. क्योंकि पीरियड्स के दौरान बेहद कम या ना के बराबर ब्लीडिंग होना होना भी एक समस्या ही है. इसका मतलब यह भी होता है, कि आपके शरीर में पोषक तत्वों की मात्रा बहुत कम है. या आपके शरीर में विटामिन या पोषण की कमी है. बहुत ज़्यादा क्लॉटिंग पीरियड्स के दौरान थोड़े-बहुत थक्के यानी मेन्स्ट्रु अल क्लॉट्स निकलना आम है. लेकिन इनकी मात्रा ज़्यादा होना, आकार में बहुत बड़ा होना चिंता का विषय हो सकता है. यह फ़ाइब्रॉइड्स, ट्यूमर इत्यादि होने का संकेत हो सकता है. इसलिए समय रहते ही इसकी जांच कराएं और एक्स्पर्ट की मदद लें. ये भी पढ़ेंः हाई ब्लड प्रेशर से छुटकारा पाने के 5 घरेलू उपाय (5 Best Home Remedies For High Blood Pressure) फ़ाइब्रॉइड्स से पीरियड में होता है तेज़ दर्द सामान्य पीरियड में पहले या दूसरे दिन दर्द होता है, लेकिन यदि दर्द ज़्यादा है तो यह फ़ाइब्रॉइड्स या इंडोमेट्रियोसिस की वजह से हो सकता है. इंडोमोट्रियोसिस एक ऐसी बीमारी है, जिससे गर्भाशय की बाहरी लाइनिंग के टिशू में असामान्य ग्रोथ होने लगता है. जो सिस्ट या घाव में बदलकर असहनीय दर्द का कारण बन जाता है. आमतौर पर फ़ाइब्रॉइड्स की वजह से पेट में भारीपन महसूस होता है और बार-बार टॉइलेट लगती है. साफ़-सफ़ाई पर दें ध्यान इसमें कोई शक़ नहीं कि पीरियड्स के दौरान आपको पर्सनल हाइजीन का ज़्यादा ख़्याल रखना चाहिए. इससे ना केवल आपकी सेहत पर असर पड़ता है, बल्कि आप कई तरह की बीमारी जैसे यूटीआई जैसे इन्फ़ेक्शन्स से भी बच सकती है. अनियमित माहवारी से निजात पाने के घरेलू उपाय 1.  खाने के पहले कौर के साथ दो ग्राम राई पीसकर खाने से माहवारी की सभी परेशानियों से निजात मिलती है. 2. गाजर का सूप पीने से भी माहवारी की अनियमितता दूर होती है. 3. तुलसी के 10 बीजों को पानी में उबालकर पीने से पीरियड्स सुचारु हो जाते हैं. 4. गुड़ के साथ काले तिल को पानी में उबालकर दिन में दो-तीन बार पीने से मासिक धर्म खुलकर होने लगता है. 5. गरमागरम दूध के साथ 5-6 ग्राम अजवायन का सेवन करने से भी लाभ होता है. 6. यदि पीरियड (माहवारी) नियमित न हो तो 200 ग्राम गाजर का रस सुबह-शाम पानी के साथ पीने से पीरियड नियमित होने लगता है. 7.10 ग्राम तिल को 200 ग्राम पानी में उबालें. एक चौथाई रह जाने पर उसे उतारकर उसमें गुड़ मिलाकर पीएं. इससे पीरियड नियमित होता है और पीरियड के दौरान होनेेवाला दर्द भी दूर होता है. 8. दालचीनी का चूर्ण 2-3 ग्राम की मात्रा में पानी के साथ सेवन करने से महिलाओं का पीरियड साफ़ होता है और शारीरिक पीड़ा से छुटकारा मिलता है. योग है होगा फ़ायदा योग करने से शरीर स्वस्थ रहता है. रोज़ योगाभ्यास करने से शरीर का तापमान सामान्य रहता है. अनियमित मासिक धर्म से बचने के लिए आप चक्रासन, सर्वांगासन व भुजंगासन करें. ये भी पढ़ेंः गले के इंफेक्शन से बचने के आसान घरेलू उपाय (Easy Home Remedies To Get Rid Of Throat Infection)  

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