Categories: FILMEntertainment

ना अश्लील डायलॉग, ना फूहड़ता, अपनी नेचुरल कॉमेडी से दर्शकों को खूब हंसाया और जीता सबका दिल इन 12 क्लासिक हास्य कलाकारों ने! (12 Classic Bollywood Comedians Who Made Us Laugh Really Hard)

कहते हैं अपनी एक्टिंग से रुलाना तो आसान है लेकिन हंसना मुश्किल. बॉलीवुड के कई दिग्गज कमेडीयंस थे जिन्हें कभी भी लोगों को हंसाने के लिए डबल मीनिंग डायलॉग या ऊटपटाँग वेशभूषा की ज़रूरत ही नहीं पड़ी. उनकी नेचुरल टाइमिंग और डायलॉग बोलने क अंदाज़ ही काफ़ी था, उनके एक्सप्रेशन इतने परफेक्ट होते थे कि लोग ना सिर्फ़ हंसते थे बल्कि उनकी अदाकारी के क़ायल हो जाते थे. हम यहां उन्हीं कमेडीयंस की बात करेंगे.

आई एस जौहर: कमेडीयंस की बिरादरी में इनका नाम बेहद अदब से लिया जाता था, ये हाइली क्वालिफ़ाइड थे, इकोनॉमिक्स और पॉलिटिक्स में एमए और एलएलबी की डिग्री इनके पास थी. यश जौहर इनके छोटे भाई थे और करण जौहर इनके भतीजे हैं. आई एस जौहर ने कई फ़िल्मों में काम किया और कई फ़िल्में डायरेक्ट और प्रोड्यूस भी कीं, उनकी कॉमेडी की टाइमिंग ग़ज़ब की थी और एक्सप्रेशन इतने नेचुरल कि लगता था ऊपरवाले का उनपर ख़ास आशीर्वाद है. इन्होंने महमूद के साथ अपने नाम के टाइटल्स से भी फ़िल्में बनाई, जौहर महमूद इन हाँगकाँग, जौहर महमूद इन गोआ जो काफ़ी पसंद की गई. यही नहीं इन्होंने कई इंटरनेशनल फ़िल्मों में भी काम किया और पंजाबी फ़िल्मों का भी हिस्सा रहे, लेकिन जौहर की पॉप्यूलैरिटी का आलम यह था कि उन्होंने अपने नाम के टाइटल्स से फ़िल्में बनाईं क्योंकि उन्हें पता था कि फ़िल्म के हिट होने के लिए उनका नाम ही काफ़ी है, जैसे- मेरा नाम जौहर, जौहर इन कश्मीर, जौहर इन बॉम्बे.

जॉनी वॉकर: इंदौर में जन्मे जॉनी का असली नाम था बदरूद्दीन जमालुद्दीन काज़ी. मुंबई आकर उन्होंने बस कंडक्टर का काम किया और सब्ज़ी तक बेची लेकिन उन्हें असली कामयाबी और पहचान तब मिली जब गुरु दत्त की नज़र उनपर पड़ी. गुरु दत्त ने ही उन्हें व्हिसकी के नाम पर नाम दिया और वो इसी नाम से मशहूर हुए. वो ऐसे कलाकार थे जिसके लिए अलग से गाने लिखे जाते थे… इसका सबूत ये मशहूर गाने हैं जो आज भी लोगों की ज़ुबान पर हैं- जाने कहां मेरा जिगर गया जी… सिर जो तेरा चकराए… तेल मालिश… जंगल में मोर नाचा किसी ने ना देखा…
वो पहले थे जिनकी उस ज़माने में सेक्रेटरी थी और जो संडे को काम नहीं किया करते थे. अगर गुरु दत्त की फ़िल्म में जॉनी नहीं तो फ़िल्म का चलना आसान नहीं होता था, गुरु दत्त उनके अच्छे दोस्त थे और दोनों की जोड़ी को खूब पसंद किया जाता था. जॉनी अपने डायलॉग बोलने के ख़ास अंदाज़ और आंखों के एक्सप्रेशन के लिए जाने जाते थे. हास्य कलाकारों में उनका उस ज़माने में काफ़ी सम्मान था.

केष्टो मुखर्जी: इनका नाम आते ही शराब के नशे में धुत्त लड़खड़ाते हुए शख़्स का ख़याल आ जाता है क्योंकि ये शराबी के रोल के लिए काफ़ी मशहूर थे. इनसे अच्छा शराबी आज तक कोई नहीं, लेकिन ये भी हैरानी की बात है कि जिसमें फ़िल्मों में शराबी बन नाम कमाया उसने असल जीवन में कभी शराब नहीं पी. लेकिन ये जब आंखें घुमाकर हेहहे बोलते थे तो तालियाँ बज उठती थीं. इनके बेटे बबलू मुखर्जी भी एक हास्य कलाकार हैं और कई फ़िल्मों में काम कर चुके हैं.

राजेंद्र नाथ: प्रेम नाथ के छोटे भाई थे राजेंद्र और ये कपूर परिवार व प्रेम चोपड़ा के भी रिश्तेदार थे. पेशावर में जन्मे थे लेकिन इनका परिवार मध्य प्रदेश में बस गया था. पढ़ाई में इनका मन नहीं लगता था इसलिए ये भी अपने भाई की राह पर चल पड़े. इन्होंने पृथ्वी थिएटर के लिए भी काम किया है लेकिन इन्हें पहचान मिली हास्य कलाकरी से. कई पंजाबी फ़िल्मों में भी काम किया है इन्होंने. इनके एक्सप्रेशन कमाल के होते थे इसलिए बिना बोले भी ये लोगों को हंसा देते थे. शशि कपूर, जॉय मुखर्जी और राजेश खन्ना की फ़िल्मों में ये अक्सर नज़र आते थे और अपनी छाप भी छोड़ जाते थे.

असरानी: जयपुर में जन्मे गोवर्धन असरानी ने 350से अधिक फ़िल्मों में काम किया और शोले के वो अंग्रेज़ों के ज़माने के जो जेलर बने तो समझो उस रोल में वो अमर हो गए. उन्होंने हीरो और विलेन के कुछ रोल्स भी किए लेकिन उन्हें पसंद तो हास्य कलाकार के रूप में ही किया गया. इनके टैलेंट का पता इसी बात से चलता है कि अपने समय में वो हृषिकेश मुखर्जी और गुलज़ार जैसे डायरेक्टर के पसंदीदा कलाकारों में से एक थे.

महमूद: इनकी पॉप्यूलैरिटी का आलम यह था कि इन्हें नेशनल कमेडीयन का दर्जा प्राप्त है और उनकी तस्वीरोंवाला एक डाक टिकट भी जारी किया गया था. 300 से ज़्यादा फ़िल्मों में काम कर चुके महमूद ने लीड रोल भी किया, सिंगर भी बने लेकिन उन्हें पसंद तो इसी रोल में किया गया जिसमें उन्होंने सबको हंसाया. जौहर के साथ इनकी जोड़ी बनी और ये कई बार अपने काम के लिए अवार्ड के लिए नॉमिनेट भी हुए. इनका ख़ास लुक भी काफ़ी मशहूर हुआ करता था और फ़िल्म कुँआरा बाप एक अलग ही स्तर पर इनके काम को ले गई थी जिसमें सबको हंसाने वाले इस कलाकार ने बेहद रुलाया और यह साबित कर दिखाया कि वो किस स्तर के कलाकार हैं. इसके अलावा पड़ोसन में इनके काम को भला कौन भूल सकता है, एक चतुर नार गाना आज भी लोगों का फ़ेवरेट है.

जगदीप: सैयद इश्तियाक़ अहमद जाफ़री इनका असली नाम. इन्होंने चाइल्ड एक्टर के तौर पर काम शुरू किया और पहचाने गए सुरमा भोपाली के नाम से. कई हॉरर फ़िल्मों में भी इन्होंने हंसाने का काम किया और कंकंपाते डायलॉग डिलीवरी से डर में भी हंसी का माहौल बना दिया.

जॉनी लीवर: इन्होंने बतौर स्टैंड अप कमेडीयन अपना काम शुरू किया वो भी उस ज़माने में जब इस तरह की कॉमेडी को ख़ास दर्जा प्राप्त नहीं था. उनकी मिमिक्रि इतनी बढ़िया थी कि वो सबसे अलग दर्जे के हास्य कलाकार नज़र आते थे. वो तेलुगु क्रिशचियन परिवार से थे और शुरुआत में मुम्बई की धारावी में रहते थे. इन्होंने कई फ़िल्मों में यादगार काम किया है और इन्हें काफ़ी सम्मान से देखते हैं लोग.

इन सबके अलावा यहां कुछ ऐसे कलाकारों का भी ज़िक्र ज़रूरी है जिन्होंने कैरेक्टर आर्टिस्ट और निगेटिव रोल भी किए लेकिन उन्हें बतौर हास्य कलाकार भी इतना ही पसंद किया गया.

कादर खान: विलन बने तो उम्दा, कैरेक्टर रोल किए वो भी ग़ज़ब के, डायरेक्टर बेहतरीन थे और डायलॉग राइटर तो क्या कहने… अमिताभ से लेकर राजेश खन्ना तक की कई हिट फ़िल्मों के डायलॉग इन्होंने लिखे. बड़ी फ़िल्मों के स्क्रीनप्ले भी इन्होंने लिखे. इन सबके बीच भी इन्होंने बतौर कमेडीयन अपनी पहचान बनाई, शक्ति कपूर के साथ भी इनकी जोड़ी खूब जमी. इनके कॉमिक डायलॉग लोगों को ख़ासे पसंद आते थे.

बोमन ईरानी: ये थिएटर आर्टिस्ट रह चुके हैं और इनकी कलाकरी का स्तर बहुत ऊंचा है. इनके ग़ुस्से में भी हंसी छिपी रहती है और अगर ये किसी फ़िल्म में एक खड़ूस प्रोफ़ेसर या डॉक्टर का रोल भी करें तो भी लोगों को हंसी आ जाती है, क्योंकि इनका कॉमेडी का सेंस कुछ अलग ही है और अव्वल दर्जे क है. ये जानते हैं कि ज़्यादा कुछ ऊटपटाँग किए लोगों को कैसे आसानी से हंसाया जाता है.

परेश रावल: ये भी एक कंप्लीट एक्टर हैं और हर रोल के साथ न्याय करते हैं. ये उतनी ही कमाल की कॉमेडी भी करते हैं. हेरा फेरी से लेकर हंगामा तक ना जाने कितनी ही फ़िल्में हैं जो इनके नाम से जानी जाती हैं. परेश की हर रोल में सहजता दर्शाती है कि उनका स्तर कितना ऊंचा है. वो विलेन बनकर डरा भी सकते हैं और बतौर कमेडीयन हंसा भी सकते हैं.

राजपाल यादव: मुंगेरीलाल के हसीन सपने… दूरदर्शन पर इन्हें इसी सीरियल में देखा और पसंद किया गया था. निगेटिव रोल भी इन्होंने काफ़ी किए लेकिन ये खुद कॉमिक रोल करना ज़्यादा पसंद करते हैं और इन्हें लोग भी एक कमेडीयन के रूप में ही ज़्यादा पहचानते हैं. अपनी क़द काठी का भी इन्होंने भूमिकाओं के साथ न्याय करने के लिए बखूबी इस्तेमाल किया. नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से पास आउट हुए राजपाल स्मूद एक्टर हैं और उनके डायलॉग बोलने का अंदाज़ और चेहरे की एक स्वाभाविकता उन्हें बेहतरीन कलाकारों में शुमार करती है.

यह भी पढ़ें: टीवी सेलिब्रिटीज़ के ब्रेकअप और तलाक की अनोखी दास्तान, ब्रेकअप के बाद भी इनकी दोस्ती में कोई कमी नहीं आई (Breakup Stories: TV Celebrities Who Remained Friends After An Ugly Breakup)

Geeta Sharma

Recent Posts

रिश्तों में क्यों बढ़ रहा है इमोशनल एब्यूज़? (Why is emotional abuse increasing in relationships?)

रिश्ते चाहे जन्म के हों या हमारे द्वारा बनाए गए, उनका मक़सद तो यही होता…

July 3, 2025

कहानी- वो लड़की कम हंसती है… (Short Story- Who Ladki Kam Hasti Hai…)

नेहा शर्मा “सब मुस्कुराते हैं, कोई खुल कर तो कोई चुपचाप और चुपचाप वाली मुस्कुराहट…

July 3, 2025

आपके मोबाइल की बैटरी की सबसे ज़्यादा खपत करते हैं ये ऐप्स (These Apps Drain Your Phone’s Battery the Most)

आपके पास चाहे कितना भी महंगा और लेटेस्ट फीचर्स वाला स्मार्टफोन क्यों न हो, लेकिन…

July 2, 2025
© Merisaheli