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बच्चों को यूं रखे जंक फूड से दूर (5 Ways To Keep Your Child Away From Junk Food)

जॉनी-जॉनी, यस पापा, ईटिंग शुगर, नो पापा… नर्सरी से ही बच्चों को इस पोयम के ज़रिए हेल्दी खाना खाने की आदत डालने की कोशिश पैरेंट्स करते हैं, लेकिन क्या सच में वो सफल होते हैं? नहीं ना. बच्चों की  बात छोड़िए, ख़ुद आप भी न जाने कितनी बार कोशिश करके हार चुके होंगे. तो हम बता रहे हैं कि आप कैसे बच्चों को जंक फूड से दूर रख सकते हैं? 

“सक्षम… चलो बेटा झट से दूध का ग्लास फिनिश करो, ये चिप्स का पैकेट रखो… मुझे ग़ुस्सा दिला रहे हो अब तुम, जल्दी पीओ दूध. जब देखो चिप्स खाते रहते हो, खाना खाने के नाम पर बुखार चढ़ जाता है.” 7 साल के सक्षम की मां शालिनी हर दिन बेटे के खाने को लेकर परेशान रहती हैं. स़िर्फ वो ही क्यों, हर मां-बाप ये चाहते हैं कि उनका बच्चा हेल्दी खाए, लेकिन बच्चे तो बच्चे हैं. जो मज़ा उन्हें चिप्स, पिज़्ज़ा, बर्गर आदि खाने में आता है, वो दूध, दाल-चावल खाने में नहीं. कुछ बच्चे तो इतने स्मार्ट होते हैं कि मां के सामने दूध का ग्लास पकड़ तो लेंगे, लेकिन उनके जाते ही उसे कभी गमले, कभी डॉगी, तो कभी घर के नौकर को पिला देते हैं और अंत में बचे हुए दूध से अपनी मूंछ बनाते हुए मां को दूध का ग्लास पकड़ाते हुए मां का दुलारा बन जाते हैं. इस तरह मां को लगता है कि बच्चे ने दूध पी लिया और फिर वो उसे ख़ुद ही चिप्स का पैकेट बड़े प्यार से पकड़ा देती हैं. यदि आप सचमुच बच्चे को जंक फूड से दूर रखना चाहते हैं, तो थोड़ी-सी स्मार्टनेस दिखाइए.

धीरे-धीरे करें शुरुआत

ये आप भी जानते हैं कि बच्चों की पसंद की किसी चीज़ पर अचानक रोक लगाने से वो बहुत ज़िद करने लगते हैं और आपसे नाराज़ भी हो जाते हैं. जानकार बताते हैं कि किसी भी चीज़ पर अचानक रोक लगाने की बजाय धीरे-धीरे शुरुआत करें. उदाहरण के लिए, किसी भी दिन उठकर उनके हाथ से बर्गर, पिज़्ज़ा छीनने की बजाय, उन्हें कहें कि ये आज के दिन का आख़िरी जंक फूड है. इसी तरह अगर बच्चे को दिनभर में चिप्स के कई पैकेट खाने की आदत है, तो अचानक सारे चिप्स के पैकेट छुपाने की बजाय पूरे दिन में बच्चे को 1-2 पैकेट ही दें और उसे समझाने की कोशिश करें. बाकी समय में बच्चे को हेल्दी फूड की आदत डालें.

स्मार्ट आइडिया

टिफिन में 3 दिन बच्चों की पसंद का खाना दें और 2 दिन अपनी पसंद का हेल्दी खाना.

जंक फूड ख़रीदना बंद करें

वर्किंग पैरेंट्स पर ये बात ज़्यादा लागू होती है. अक्सर ऑफिस से देर से आने पर घर में खाना बनाने का समय नहीं बचता, जिसके कारण वे बाहर से ही पिज़्ज़ा, बर्गर आदि पैक करा लाते हैं. धीरे-धीरे बच्चों को इसकी आदत पड़ जाती है और वो घर का खाना खाने की बजाय बाहर का खाना ज़्यादा पसंद करते हैं. बच्चों को अगर इससे दूर रखना है, तो आपको सबसे पहले इन्हें घर पर लाना बंद करना पड़ेगा.

स्मार्ट आइडिया

घर पर ही पिज़्ज़ा, बर्गर आदि बनाएं. बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि वो पूरी तरह हेल्दी हों. बर्गर की टिक्की बनाते समय उसमें सब्ज़ियां मिक्स करें.

यह भी पढ़े: पैरेंटिंग गाइड- बच्चों के लिए इम्युनिटी बूस्टर फूड 

बनाएं स्वादिष्ट खाना

वर्किंग होने के कारण मां के पास अच्छा और टेस्टी खाना बनाने का समय नहीं होता. टेस्टी न होने के कारण बच्चे खाना नहीं खाते. ऐसे में मां ये सोचती है कि बच्चा कुछ भी खा ले, जिससे उसके पेट में कुछ तो जाए, लेकिन ये कुछ तो ही आपके बच्चे को अनहेल्दी खाने की ओर आकर्षित करता है. जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, उसे इसी तरह के खाने की आदत पड़ जाती है और हमेशा वो सेहत की बजाय स्वाद को तवज्जो देता है. इस आदत को आप बदल सकती हैं.

स्मार्ट आइडिया

हर दिन न सही, लेकिन कभी-कभार टेस्टी खाना बनाएं. इसके लिए पनीर के साथ बाकी वेजीटेबल मिक्स करके चाट मसाला डालकर स्नैक्स बनाएं, फ्रूट भेल बनाएं. परांठे को टेस्टी बनाने के लिए उसमें मिक्स वेजीटेबल के साथ थोड़ा चीज़ डालें.

जंक फूड का प्रॉमिस

अक्सर बच्चे जब खाना नहीं खाते या पढ़ाई नहीं करते, तो मां उन्हें पिज़्ज़ा, चिप्स, बर्गर आदि अनहेल्दी फूड का लालच देती हैं. इस तरह  बच्चों को अनहेल्दी खाने की आदत हो जाती है और वो उसी पर डिपेंड रहने लगते हैं. आपको अपनी ओर से ऐसा करने से बचना चाहिए.

स्मार्ट आइडिया

अगर प्रॉमिस कर ही दिया है, तो बाहर खाने की बजाय उसे घर पर ही बनाएं. इससे आपकी प्रॉमिस भी पूरी हो जाएगी और जंक फूड भी थोड़ा हेल्दी बन जाएगा.

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ख़ुद भी फॉलो करें

बच्चे पैरेंट्स को फॉलो करते हैं. आप जैसा करते हैं, जैसा उन्हें सिखाते हैं, वैसा ही वो करते हैं. ऐसे में उन्हें जंक फूड से दूर रखने के लिए पहले ख़ुद आप हेल्दी डायट फॉलो करें. उदाहरण के लिए जब भी बच्चों के साथ बाहर जाएं, तो पानीपूरी, समंोसा आदि खाने की बजाय फ्रूट जूस, सूप आदि पीएं. इससे बच्चा भी बाहर जाने पर उसी तरह की डिमांड करेगा.

स्मार्ट आइडिया     

सुबह के नाश्ते से करें शुरुआत. एक ग्लास दूध के साथ कभी फ्रूट सलाद परोसें, तो कभी फ्रूट शेक, दूध में कटे हुए फ्रूट मिक्स करके दें.

मां के हाथ का स्वाद

कहते हैं, मां के हाथ में जादू होता है. आपने भी ये महसूस किया होगा. वास्तविकता ये है कि बचपन में मां अपने बच्चे को जो खिलाती है, बच्चे को उसकी आदत हो जाती है और बड़े होने के बाद भी उस खाने जैसा स्वाद कहीं और नहीं मिलता. आप भी इसकी शुरुआत करें. बचपन में बच्चे के रोने पर झट से उसे कुछ भी बाहरी फूड देने की बजाय घर में कुछ इंटरेस्टिंग बनाएं और बच्चे को उसकी आदत लगाएं. ऐसे में आपके बच्चे को आपके हाथ का बना खाना जितना टेस्टी लगेगा, उतना पिज़्ज़ा, बर्गर नहीं. ये ट्रिक बहुत कारगर है.

–  अनुरीता त्रिपाठी

अधिक पैरेंटिंग टिप्स के लिए यहां क्लिक करेंः Parenting Guide

क्या बच्चों की हर डिमांड पूरी करनी चाहिए? देखें वीडियो:

Usha Gupta

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