पिछले एक साल से कोरोना वायरस के चलते देश की आर्थिक स्थिति बुरी तरह से लड़खड़ा गई है. आर्थिक मंदी के इस दौर ने हमें यह समझाया है कि भविष्य में संकट ऐसी घड़ी से निबटने के लिए जरुरी है कि हम अपने खर्च को काबू में रखने के साथ बचत को बढ़ाएं. यहाँ पर बताए गए कुछ तरीकों को अपनाकर आप अपने खर्चों में कमी लाकर बचत को बढ़ा सकते हैं.
1. लिस्ट बनाकर ही शॉपिंग करें
अपनी जरूरतों के सामान की लिस्ट बनाकर शॉपिंग करेंगे तो कभी परेशान नहीं रहेंगे और फ़िज़ूलख़र्च से भी बचेंगे. वैसे भी आजकल लोग मार्किट जाकर शॉपिंग करने की बजाय ऑनलाइन शॉपिंग का मज़ा लेते हैं और बिना जरुरत का बहुत सारा अनावश्यक सामन खरीद लेते हैं. लिस्ट बनाकर शॉपिंग करने से आप उतना ही ख़रीदेंगे, जितनी आपको आवश्यकता होगी. इस तरह से अनावश्यक खर्चों पर नियंत्रण करके आप धीरे-धीरे बचत करना सीख जाएंगे जब बड़ी रकम जमा हो जाए, तो उस राशि को कहीं निवेश क्र सकते हैं.
2. टेलीकॉम बिल पर कंट्रोल करें
पिछले कुछ समय से वर्क फ्रॉम के चलते बिजली, टेलीफोन, मोबाइल, कंप्यूटर और इंटरनेट के खर्चों में काफी वृद्धि हुई है. इन बिलों में वृद्धि का एक और कारण यह भी है कि मार्केट में टेलीकॉम कंपनियां की भरमार हैं, जो अपने उपभोक्ताओं को ऐसे प्लान्स मुहैया कराती हैं, जिनसे प्रभावित होकर उपभोक्ता सस्ते और अधिक-से-अधिक प्लान्स लें. अगर आपके टेलीकॉम बिलों में महीना-दर-महीना इज़ाफ़ा हो रहा है, तो जरुरत है इन बिलों को कम करने और अनावश्यक प्लान्स को बंद करने की. बेकार के प्लान्स को बंद करके या महंगे प्लान्स बदलकर सस्ते प्लान लेकर आप इन टेलीकॉम बिलों को नियंत्रित कर सकते हैं और बचत को बढ़ावा दे सकते हैं
3. ब्रांडेड प्रोडक्ट्स का मोह छोड़ें
बदलते लाइफस्टाइल, फैशन, स्टाइल और ट्रेंड्स के चलते हमारा मोह ब्रांडेड प्रोडक्ट्स के प्रति बढ़ता जा रहा है. बेशक ब्रांडेड प्रोडक्ट्स की क्वालिटी अच्छी होती है, लेकिन उनकी कीमत भी अधिक होती है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, ‘उपभोक्ता ब्रांडेड प्रोडक्ट्स को बिना यह सोचे समझे ऑनलाइन ख़रीद लेते हैं कि उस पर क्या एक्स्ट्रा बेनिफिट्स या छूट या ऑफर मिल रहे हैं. ब्रांडेड प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन खरीदते समय उपभोक्ता को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यह ब्रांडेड सामान की ऑनलाइन शॉपिंग तभी करें, जब पर कुछ अतिरिक्त छूट मिले. आजकल अधिकतर ऑनलाइन साइट्स अपने सामान को बेचने के लिए कम कीमत पर अपने इनहाउस ब्रांड बेचते हैं. इन इनहाउस ब्रांड्स को जेनेरिक प्रोडक्ट्स भी कहते हैं. ‘उपभोक्ता की जानकारी के लिए बता दें. ब्रांडेड प्रोडक्ट्स की बजाय ये इनहाउस ब्रांड ज़्यादा अच्छी क्वालिटी के होते हैं और इनकी कीमत भी ब्रांडेड की तुलना में कम होती हैं.’
4. करें क्रेडिट कार्ड का सही उपयोग
अक्सर लोगों के मन में यह धारणा होती है कि क्रेडिट कार्ड फ़िज़ूलखर्च बढ़ाते हैं. की जानकारी के लिए बता दें कि फ़िज़ूलखर्च बढ़ानेवाला यही क्रेडिट कार्ड बैंक द्वारा दी जानी वाली सुविधा है, जिसका इस्तेमाल उपभोक्ता पहले खर्च करने और बाद में उस खर्च को चुकाने के लिए करता है. उपभोक्ता क्रेडिट कार्ड का यूज़ ऑनलाइन या ऑफलाइन पेमेंट कर सकता है. लेकिन अगर उपभोक्ता क्रेडिट कार्ड का भुगतान समय पर नहीं करता है, तो उपभोक्ता को उसका जुर्माने के तौर पर शुल्क चुकाना होता है. इसलिए उपभोक्ता को कोशिश करनी चाहिए कि हर महीने के अंत में अपने बिल की न्यूनतम रकम जरूर चुकाए. समय पर क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान करने पर कोई जुर्माना अदा नहीं करना पड़ता है और उपभोक्ता का क्रेडिट स्कोर भी अच्छा होता है. यदि उपभोक्ता समय पर बिल का भुगतान नहीं करता है, तो बैंक उस रकम पर ब्याज़ भी चार्ज करता है और उपभोक्ता के बिल के साथ-साथ ब्याज की रकम अदा करनी होती है. अगर उपभोक्ता बिल और ब्याज दोनों का ही भुगतान नहीं करता है, तो उस पर लेट पेमेंट लगता है. दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि कुछ शॉप्स एक तय रकम पर शॉपिंग करने के बाद रिवॉर्ड पॉइंट्स का ऑफर देते हैं. इन रिवॉर्ड पॉइंट्स को प्राप्त करने के लिए बिना वजह की शॉपिंग न करें और क्रेडिट कार्ड का बिल न बढ़ाएं.
5. सुरक्षित म्यूचुअल फंड में निवेश करें
मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार, ज़्यादातर लोग म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट नहीं करते है. क्योंकि उनको लगता है कि म्यूचुअल फंड में निवेश करना जोखिम भरा होता है. जबकि हमेशा नहीं होता. म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना आपके भविष्य के लिए सुरक्षित हो सकता हैं. अगर आपको मार्केट के बारे में पूरी जानकारी नहीं है. मार्केट से म्यूचुअल फंड के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करके म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं. चाहें तो प्रोफेशनल की सलाह भी ले सकते हैं.
6. लोन का रीपेमेंट करें और पाएं ब्याज से आज़ादी
जरुरत पड़ने पर बैंक होम लोन, कार लोन, एजुकेशन लोन और पर्सनल लोन की सुविधा तो देते हैं, लेकिन ईएमआई के साथ ब्याज का एक अतिरिक्त खर्च ओर बढ़ जाता है. ब्याज़ के इन अनचाहे खर्च को कम करने के लिए आपका पहला कदम ये चाहिए कि एक-एक करके सभी लोन का समय-सीमा से पहले भुगतान करें, ताकि लोन और ब्याज़ दोनों से राहत मिल सके.
7.
इंश्योरेंस पोर्टफोलियो को ठीक करें
समय के साथ-साथ मार्किट में नई-नई इंश्योरेंस
आती रहती हैं. लेकिन अब समय आ गया है कि आप अपने सालों पुराने और महंगे यूलिप प्लान
को प्योर टर्म प्लान में शिफ्ट करें, जिसमें ज्यादा लाभ की गुंजाईश हो.
8. बजट फ्रेंडली घर लें
आजकल लोग ज़्यादा ट्रैवेलिंग बचना चाहते हैं, इसलिए ऑफिस के आसपास ही महंगा घर किराए पर ले लेते हैं. बेशक उनका ट्रैवेल एक्सपेंस और समय तो बच जाता है, लेकिन ज़्यादा किराया भो तो देना पड़ता हैं. इस बढ़े हुए किराए के खर्च को कम करने के लिए ऐसी जगह पर घर लें, जहां सभी सुख सुविधाओं के साथ किराया भी थोड़ा कम हो और ट्रैवेलिंग भी आसानी से की जा सके.
9. ऑफर्स के लालच में न पड़ें
अमूमन सभी कंपनियां उपभोक्ता को अपना सामान बेचने के लिए के अनेक तरह के ऑफर देती हैं, जैसे कि तीन आइटम खरीदने पर एक मुफ्त. इन तरह के ऑफर्स पर पैसे खर्चा न करें. देखने में भले ही यह ऑफर आकर्षक लगते हैं, पर पेमेंट चार की ही पड़ती है. ये कंपनियों की ट्रिक्स होती हैं उपभक्ताओं को अपना प्रोडक्ट बेचने की.
– पूनम कोठरी
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