Others

सीखें ग़लतियां स्वीकारना (Accept your mistakes)

गलतियां हर किसी से होती हैं, मगर कोई अपनी ग़लती स्वीकार कर उससे सीख लेते हुए जीवन में आगे बढ़ जाता है, तो कोई इसका दोष दूसरों पर मढ़ कर अपनी ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता है, मगर ऐसा करके वो नुक़सान अपना ही करता है. यदि आप जीवन में सही मायने में सफल होना चाहते हैं, तो अपनी ग़लतियों को स्वीकार करना सीखिए.

दिल से कहें सॉरी
छोटी हो या बड़ी ग़लती तो ग़लती होती है, इसलिए अपनी हर ग़लती को स्वीकार करना ज़रूरी है, मगर कम ही लोग ऐसा कर पाते हैं. अधिकांश तो ग़लती के लिए माफ़ी मांगने की बजाय उसका दोष दूसरों पर मढ़ने या उसे अस्वीकार करने के बहाने तलाशते रहते हैं. उनका दिल जानता है कि उन्होंने ग़लत किया है, मगर उनका अहंकार उन्हें अपनी ग़लती स्वीकारने से रोकता है. ज़िंदगी में ऐसे कई मौ़के आते हैं जब हमारी ग़लती की वजह से किसी के दिल को चोट पहुंचती है, कोई रिश्ता टूट जाता है या किसी का करियर दांव पर लग जाता है, फिर भी कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाए तो हम में से शायद ही कोई अपनी ग़लती को सबके सामने स्वीकारने का साहस दिखा पाता है.

नहीं घटती इज़्ज़त
अपनी अकड़ और अहंकारवश लोग झुकने को तैयार नहीं होते. उन्हें लगता है कि दूसरों के सामने भूल स्वीकारने से उनकी इज़्ज़त घट जाएगी, लेकिन सच तो ये है कि ऐसा करके सामने वाले की नज़रों में उनके लिए इज़्ज़त और बढ़ जाती है. ज़रा अपने आसपास नज़र दौड़ाइए- घर, ऑफिस, पड़ोस… अब ज़रा याद करने की कोशिश कीजिए कि किस तरह के लोग ज़्यादा पसंद किए जाते हैं? वो, जो ग़लती करने के बाद भी अकड़कर खड़े रहते हैं, मानने को तैयार ही नहीं होते कि उन्होंने कुछ ग़लत किया है या वो, जो कोई भूल होने पर बिना किसी संकोच के सामने वाले से माफ़ी मांग लेते हैं और कहते हैं, मैं अपनी ग़लती के लिए शर्मिंदा हूं, कोशिश करूंगा आगे से ऐसा न हो. ज़ाहिर है, अपनी ग़लती मान लेने वाले लोगों की पूछ हर जगह ज़्यादा होगी. ऐसे व्यक्ति नेक दिल और अच्छे इंसान कहलाते हैं, लेकिन ग़लती स्वीकार न करने वाले लोगों पर कोई जल्दी यक़ीन नहीं करता, वो झूठे लोगों की कैटेगरी में आते हैं.

यह भी पढ़ें: कॉम्पटिशन ज़रूरी है, लेकिन…


ख़ुद को देते हैं धोखा
जानबूझकर अनजान बने रहकर यानी अपनी भूल को स्वीकार न कर हम किसी और को नहीं, बल्कि ख़ुद को धोखा देते हैं. हमारा ज़मीर कभी न कभी इस चीज़ के लिए हमें ज़रूर धिक्कारेगा. भले ही सबके सामने हम शेर बने फिरें, मगर अपराधबोध के कारण हमें मानसिक शांति नहीं मिलती. उदाहरण के लिए, आपकी किसी ग़लती के कारण परिवार में किसी रिश्ते में दरार आ गई, आप लोगों के सामने भले ही इसे स्वीकार न करें, मगर अकेले में आपको ज़रूर ये चीज़ चुभेगी कि रिश्ते में दरार का कारण आप हैं और ये चुभन आपको चैन से जीने नहीं देगी. जो इंसान अपनी ग़लतियां स्वीकार करके उससे सबक सीखते हुए भविष्य में इसे दोहराने से बचता है, सही मायने में वही ज़िंदगी में क़ामयाब हो सकता है. महात्मा गांधी ने भी कहा था- भले ही 100 ग़लतियां करो, मगर उन्हें दोहराओ मत, क्योंकि दोहराना मूर्खता है. जब तक हम अपनी भूल स्वीकारेंगे नहीं तब तक उसे दोहराने से कैसे बचेंगे?

 जब कभी आपको लगे कि आपने किसी का दिल दुखाया है या आपसे कोई भूल हो गई है, तो बिना किसी संकोच के सबसे पहले उसे स्वीकारें.

अकेले में ख़ुद से पूछें कि जो आपने किया क्या वो सही है? यदि नहीं, तो हिम्मत करके आगे आएं और अपनी भूल मानकर आगे से ऐसा न करने का प्रण लें.

ग़लती का एहसास होने पर माफ़ी मांगने से कतराएं नहीं. माफ़ी मांग लेने से मन का बोझ हल्का हो जाता है.

अपनी ग़लती के लिए दूसरों को दोषी न ठहराएं.

 

कंचन सिंह 

अधिक जीने की कला के लिए यहां क्लिक करें: JEENE KI KALA
Meri Saheli Team

Share
Published by
Meri Saheli Team

Recent Posts

67 साल की उम्र में जूनियर महमूद का कैंसर से निधन, रूला गए सबको हंसाने वाले (Junior Mehnood passes away after long battle with stomach cancer)

सिनेमा की दुनिया से सुबह सुबह एक बुरी खबर सामने आ रही है. 60 और…

December 8, 2023

ज्युनियर महमूद यांची कॅन्सरशी झुंज अपयशी, आयुष्याच्या शेवटच्या टप्प्यात ही इच्छा केलेली व्यक्त (Junior Mahmood Has Passed Away Due To Cancer, This Is His Last Wish)

70-80 च्या दशकात आपल्या अभिनय आणि विनोदाने लाखो चेहऱ्यांवर हास्य आणणारे ज्युनियर मेहमूद यांचे निधन…

December 8, 2023

मस्करा निवडताना (When Choosing Mascara)

सुंदर आणि बोलके डोळे, काही बोलण्याआधीच समोरच्याला तुमची ओळख करून देतात. अशी ही नयनांची भाषा…

December 7, 2023

Lonely In The City

Our cities are full of people, our social media list of friends very often run…

December 7, 2023
© Merisaheli