अंकिता लोखंडे और सुशांत सिंह राजपूत एक आदर्श कपल माने जाते थे लेकिन उनके सात साल का पवित्र रिश्ता यूं अचानक ताश के पत्तों की तरह ढह गया तो सभी हैरान रह गए थे. ख़ासतौर से उनके फैंस को बड़ा धक्का लगा था. उस वक़्त भी इनके ब्रेकअप को लेकर, रिश्ता टूटने की वजह को लेकर काफ़ी अटकलें लोग लगाते रहे लेकिन साफ़ तौर पर कुछ भी पता नहीं चल पाया. कोई लगता अंकिता घमंडी और बेहद पज़ेसिव हैं इसलिए तंग आकर सुशांत ने ब्रेकअप किया तो कोई कहता सुशांत अब स्टार बन गया तो उसने अंकिता को डम्प कर दिया.
बहरहाल इन सबके बीच अब सुशांत की मौत के नौ महीने बाद खुद अंकिता ने बॉलीवुड बबल को दिए इंटरव्यू में अपने दिल का पूरा दर्द खोलकर रख दिया. अंकिता ने बताया कि सुशांत के दिमाग़ में एक बात साफ़ हो गई थिंक उसको क्या चाहिए और करियर में कैसे आगे बढ़ना है तो उसने अपने करियर को चुना. मैं किसी पर आरोप या किसी को दोषी नहीं ठहरा रही और ख़ासतौर से अब जब सुशांत नहीं हैं हमारे बीच, लेकिन लोग मुझे ही दोषी ठहराते रहे और आज भी मुझे कहा जाता है कि मैं अगर उसे नहीं छोड़ती तो वो ज़िंदा होते, कोई लगता है कि मैं पब्लिसिटी के लिए ये सब कर रही हूं, जबकि उसके परिवार के मैं क़रीब हूं और उनका ख़्याल रखना अपना फ़र्ज़ समझती हूं. लेकिन सुशांत ने अपने करियर को चुना, वो आगे बढ़ गए पर मेरे लिए वो दौर बेहद मुश्किलों भरा था.
मैं रोज़ खुद को तैयार करती थी कि हां, मुझे इससे बाहर आना है, मैंने सुशांत की तस्वीरों को दीवारों पर लगा रखा था तब मुझसे सब कहते थे कि इनको हटा दे, लेकिन मुझे उन्हें देखकर हौसला मिलता था, मेरे लिए आसान नहीं था, मैं खुद को मज़बूत कर रही थी कि अगर सुशांत से मेरा सामना हो जाए तो मैं मज़बूती से खड़ी रह सकूं, मुझे आत्महत्या तक के ख़्याल आते थे, सोचती थी क्या खुद को ख़त्म कर लूं, क्योंकि मुझे समझ ही नहीं आता था कि क्या करूं. मैं उस तरह के लोगों में से नहीं हूं जो बस रिश्ता ख़त्म तो आगे बढ़ जाए, लेकिन मैं इतनी कमज़ोर भी नहीं थी, मेरे परिवार ने उस वक़्त मुझे काफ़ी सपोर्ट किया ल और फिर एक दिन ऐसा आया कि वो तस्वीरें मैंने हटा दीं दिवारों से. उन ख़ाली दिवारों को देख सोचती थी कि कोई गया है तो क्या, कोई ना कोई तो आएगा. विक्की मेरी ज़िंदगी में आए और मैं भी आगे बढ़ी. लेकिन मुझे खुश देखकर लोग ट्रोल करते हैं कि मैं धोखेबाज़ हूं.
ये लोग उस वक़्त कहां थे जब मेरा ब्रेकअप हुआ था. मैं तब दिन भर अपने बिस्तर पर पड़ी रहती थी, किसी से बात नहीं करती थी. मैं तब ख़ामोश रही क्योंकि रिश्ते के ख़त्म होने पर भी शालीनता और रिश्ते की गरिमा बनी रहनी चाहिए. लेकिन मेरी कहानी कोई नहीं जानता. मैंने रिश्ता टूटने के कारण कई बड़ी फ़िल्में खो दीं, क्योंकि मैं उस वक़्त काम करने की कंडीशन में नहीं थी, मैंने बाजीराव मस्तानी और रामलीला को रिजेक्ट किया, फ़राह खान के ऑफ़र को भी ना कहा. मुझे संजय लीला भंसाली की रामलीला में रणवीर के साथ काम करने का मौका मिल रहा था पर मैं नहीं कर पाई. मेरे करियर पर असर हुआ.
बता दें कि रामलीला में बाद में दीपिका को कास्ट किया गया जो दोनों के करियर कि चेंजिंग पॉइंट साबित हुआ.
यह भी सभी जानते हैं कि सुशांत के निधन के बाद अंकिता ने काफ़ी हद तक उनको और उनके परिवार को सपोर्ट किया लेकिन बावजूद इसके अंकिता को आज भी ट्रोल करके गंदी-गंदी बातें कही जाती हैं.
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