“कैसा ज़माना आ गया है, नाती-पोतों के सामने बुजुर्गों को चुप रह जाना पड़ता है. एक हमारा ज़माना था. जब…
पंचतंत्र की कहानी: चूहा, जिसने लोहे का तराजू ही खा लिया (Panchtantra Ki Kahani: The Rat Who Ate Iron Balance)…
नमन ने कांपती आवाज़ में कहा, “यह मेरी मां की है. अब मुझे आपमें से मां जैसी ख़ुशबू आती है.”…
पापा का पर-स्त्री के प्रति आकर्षण का कारण कहीं हम लोग तो नहीं? पापा तो हमसे बहुत ही प्यार करते…
पंचतंत्र की कहानी: शरारती बंदर और लकड़ी का खूंटा (Panchtantra Ki Kahani: The Monkey and the Wedge) बहुत समय…
“प्यार शादीशुदा या कुंवारा देखकर तो नहीं किया जाता. बस, हो जाता है. सो हो गया.” मैंने भी दृढ़ता…
इस तस्वीर ने भावना के हृदय में बचपन से चुभ रही एक फांस के दर्द को फिर से जागृत…
यह बहुत समय पहले की बात है. एक सुदंर से वन में चार मित्र रहते थे- चूहा, कौआ, हिरण और…
प्रेम तो कृष्ण ने किया था राधा से. उन्हें प्रेम दिया, उनसे कुछ लिया नहीं. जाते-जाते अपनी प्राणप्रिया बांसुरी भी…
“रश्मि, ये कहां लिखा है कि औरत कमज़ोर होती है? जब सृजन का दायित्व ही औरत के कंधों पर है,…