नितिन की आवाज़ तेज़ होने लगी थी, "अच्छा! जो खाना खाते समय सब के सामने तुम्हें बेवकूफ़ कह दिया था…
सुषमा सब समझती है अरुण ने कई बार उसके क़रीब आने की कोशिश भी की है. उसकी आंखों में उसने…
रेस्टोरेंट के पुराने मालिक यानी अपने पिता की तस्वीर को ग्राहक द्वारा भावपूर्ण अंदाज़ में निहारते देख विनोद के चेहरे…
नारी तुम निर्मात्री होदो कुलों की भाग्य विधात्री होसृजन का है अधिकार तुम्हेंतुम ही जीवन धात्री हो तुमसे ही उत्पन्न…
अचानक बिजली ज़ोर से कड़की ईजल पर लगा सलमा का मासूम सा शर्मीला चित्र अंधेरे की आंखें फाड़कर रफीक के…
"ये वाला? ठीक से याद नहीं… शायद मम्मी लाई थीं."अब सब साफ़ था. हफ़्ते भर पहले मांजी यहां से दिल्ली…
अब तक तो हम सब की घंटी बज चुकी थी कि आशु भैया के वाक्य प्रयोग के ज्ञान ने कोई…
अपनी मां की तरह ही वह भी बहुत अकेली दिखाई देती. उसके चेहरे पर अजीब सी गम्भीरता थी. वह मां…
मैं धीरे-धीरे देवरानी के कमरे की ओर बढ़ने लगी. कोई मुझसे कुछ कहता नहीं, लेकिन क्या मुझे समझ में नहीं…
आज फिर मिशा को यूं ही अपने आपमें खोया देख अनादि उसे कुछ कहे बगैर किचन में चला गया. अपने…