सुषमा समझती थी कि निशी की लगाम उसके हाथ से निकल रही है, जिसे वह पूरे बल से थामने का…
“अंकल, अपना बैग हटा लीजिए, मुझे बैठना है.”जनाब अंकल शब्द के महात्म से परिचित नहीं थे, अतः अपने से बड़ी…
"यह अंधेरा क्यों कर रखा है?" अनिल ने घर में घुसते ही पूछा."तुम जो न थे. उजाला करती भी तो…
रसिक श्यामलेकर अधरों पर मुस्कानछेड़ वंशिका की तानपुकार रहे राधा नाम राधामन ही मन रिझायेरसिक मन को समझायेश्याम तेरे बिनये…
औरत को ये क़ैद क्यों मिलती है? शायद तुम्हारे मौन का कारण तुम्हारी अपनी क़ैद ही रही हो. पुरुष प्रधान…
उसका अत्यधिक आत्मविश्वास और उसकी चंचलता उसे प्रिय थे. वह कब क्या कर बैठे और कहां क्या प्रोग्राम बना ले,…
अनु को शायद शांतम्मा में दिलचस्पी इसलिए भी थी कि उसने आज तक अपने जीवन में ऐसी गंदी औरतों को…
मध्यम आंच पर कुछ सुनहरे गुलाबी से सिंकते परांठे कितने मनमोहक दिखते हैं और उनसे उठती ख़ुशबू… उसका तो कहना…
धीरे-धीरे कली कर्ज़ से मुक्त हो गई और उसने पढ़ाई शुरू कर दी. आसपास के रिक्शेवाले और अन्य कामवाले अक्सर कली…
मैं अक्सर आत्मविस्मृत होकर मुग्ध भाव से तुम्हें देखती रहती, पर मनु इसी भोली प्रक्रिया में एक दिन तुम्हारी आंखों…