“यूं तो हम समानता की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन बात जब अपने पर आती है, तो अक्सर हमसे चूक…
मैं अब अकेली रह गई, निस्सहाय! मुझे रोना आ गया. रोते-रोते मेरी हिचकियां बंध गईं. भाई कभी डूबता, कभी उतराता.…
वे दुर्लभ क्षण थे. हमने मैडम की चढ़ी हुई नज़रों को मुलायम पड़ते देखा. मुस्कुराते देखा, जो अब तक नहीं…
“तुमसे मिलने आता ही कौन है? तुम्हारी जितनी भी सहेलियां हैं, वो सब मुझे जानती हैं. बाकी जो लोग तुम्हें…
‘‘एक साधारण-सी दिखनेवाली स्त्री जिसे अबला कहा जाता है, वो भीतर से कितनी बलशाली है. उसके अंदर सोए स्वाभिमान को…
‘मेरे उस अधूरे प्यार के नाम, जिसे मैंने जीवनभर पूरी संपूर्णता से चाहा’ चित्रलेखा का पूरा वजूद थरथरा गया. आंखें…
किसी की ज़िंदगी इतनी आसान तो किसी की इतनी मुश्किल क्यों है? किसी के पास सब कुछ है तो कोई…
यही एक पल जब यामिनी सभी बाहरी अदालतों के परे अपने भीतर है और अपनी ही सफ़ाई में कहने को…
मैंने स्वयं ही मीरा के मन के दीपक को बुझाकर अपना मन और जीवन अंधेरा कर दिया. प्लीज़ मीरा लौट…
“आज यदि मैं इस मुक़ाम तक पहुंच पाई हूं, तो उसके पीछे एक बहुत बड़ा योगदान मेरी उस सहेली का…