Relationship & Romance

हेल्दी माने जाने वाले ये 7 फूड डायबिटीज़ के रोगियों के लिए हैं ख़तरनाक (7 Healthy Foods Which Are Not Safe For Diabetic Patients)

हेल्दी डायट के जरिए डायबिटीज़ के मरीज़ काफी हद तक अपने फिट और सेहतमंद रख सकते हैं. लेकिन कई उन्हें…

September 21, 2021

रिश्तों के डूज़ एंड डोंट्स: क्या करें, क्या न करें ताकि रिश्ता बना रहे… (Relationship Ideas: Do’s & Don’ts For A Happy-Successful Marriage)

रिश्तों को बनाए रखना और निभाना भी एक कला है. जिसने इसे समझ लिया, उसने रिश्तों को संभाल लिया. आप…

September 12, 2021

पहला अफेयर: बरसता सावन… (Pahla Affair… Love Story: Barasta Sawan)

सावन बरस रहा है... मेरा विरही मन जल रहा है.. मुझे याद आ रही है सावन की वो पहली बारिश… उस पहली बारिश की वो की भीगती हुई खूबसूरत शाम और उस शाम का वो हसीन लम्हा... मन सुलग रहा था ...तन मचल रहा था...लजाती खामोश आंखें... जज़्बातों का उफान चरम पर था, हम दोनों अकेले उस कमरे में थे कि अचानक बिजली कड़कने से मैं डरकर तुम्हारे सीने से लिपट गई थी और तुमने मुझे मजबूती से थाम लिया था. मैं झिझक रही थी... लजा रही थी और खुद को तुमसे छुड़ाने का असफल प्रयास कर रही थी. बारिश जब तक थम नहीं गई, तब तक हमारी खामोशियां रोमांचित होकर सरगोशियां करती रहीं... मौन मुखर होकर सिर्फ़ आंखों के रास्ते से एक-दूसरे के दिल को अपने मन का हाल बता रहा था. बारिश में भीगते अरमान मुहब्बत के नग़मे गुनगुना रहे थे… इतना हसीन मंजर था वो कि आज भी याद कर मां रोमांचित हो उठता है… लग रहा था कि ये बारिश ताउम्र यूं ही होती रहे, ये बदल ऐसेही मुहब्बत बरसाते रहें… ये बिजली कौंधकर यूं ही डराती रहे ताकि मैं तुमसे यूं ही लिपटी रहूं… चाहत के ये पल यूं ही थमे रहें…  मन इश्क़ के नशे में डूबा हुआ था कि अचानक बारिश और भी तेज़ हो गई. लग रहा था भगवान ने मेरी सुन ली थी… यूं लग रहा था कि बाहर एक तूफ़ान चल रहा है और यहां अंदर, मन के भीतर भी एक तूफ़ान शुरू हो गया था. तुमने अपने हाथों से मेरे आरक्त चेहरे को उठाकर मेरे सुर्ख और तपते हुए अधरों को अपनी चाहत भरी पावन नज़रों से  निहारा, फिर कहा… "अभी नहीं, अभी पाप है यह" ये कहते हुए तुमने अपनी नज़रों को झुका लिया था. यह भी पढ़ें: पहला अफेयर: अलविदा! (Pahla Affair… Love…

September 5, 2021

इन बेस्ट कॉम्प्लिमेंट्स से जीतें अपने पति का दिल! (6 Best Compliments Men Would Love To Hear)

कॉम्प्लिमेंटस किसे पसंद नहीं! हर कोई चाहता है कि उसके लुक्स, बिहेविअर, फैशन सेंस या फिर उनके एफ़र्ट्स के लिए…

September 4, 2021

महिलाओं की 23 आदतें, जो पुरुषों को बिल्कुल पसंद नहीं आतीं (23 Habits of Women Men Don’t Like)

महिलाओं की कई आदतें न तो पुरुषों न समझ आती हैं और न ही पसन्द. लेकिन महिलाओं की ये आदतें…

August 18, 2021

पहला अफेयर: अलविदा! (Pahla Affair… Love Story: Alvida)

क्या अब भी कोई उम्मीद बाक़ी है तुम्हारे आने की? क्या अब भी कोई हल्की सी गुंजाइश बची है हमारी मोहब्बत की? क्योंआज भी हर आहट पर धड़क उठता है मेरा दिल, क्यों आज भी रह-रहकर ये महसूस होता है कि तुम हो, कहीं आसपास हीहो… लेकिन बस निगाहों से न जाने क्यों ओझल हो!  सात बरस गुज़र गए जय तुमको मेरी ज़िंदगी से गए हुए लेकिन मैं आज भी, अब भी उसी मोड़ पर रुकी तुम्हारा इंतज़ार कररही हूं… एक छोटी-सी बात पर यूं तनहा छोड़ गए तुम मुझे! मैं तो अपने घर भी वापस नहीं जा सकती क्योंकि सबसेबग़ावत करके तुम्हारे संग भागकर शादी जो कर ली थी मैंने. शुरुआती दिन बेहद हसीन थे, हां, घरवालों की कमी ज़रूरखलती थी पर तुम्हारे प्यार के सब कुछ भुला बैठी थी मैं. लेकिन फिर धीरे-धीरे एहसास हुआ कि तुम्हारी और मेरी सोच तोकाफ़ी अलग है. तुमको मेरा करियर बनाना, काम करना पसंद नहीं था, जबकि मैं कुछ करना चाहती थी ज़िंदगी में.  बस इसी बात को लेकर अक्सर बहस होने लगी थी हम दोनों में और धीरे-धीरे हमारी राहें भी जुदा होने लगीं. एक दिनसुबह उठी तो तुम्हारा एक छोटा-सा नोट सिरहाने रखा मिला, जिसमें लिखा था- जा रहा हूं, अलविदा!… और तुम वाक़ई जा चुके थे…  मन अतीत के गलियारों में भटक ही रहा था कि डोरबेल की आवाज़ से मैं वर्तमान में लौटी!  “निशा, ऑफ़िस नहीं चलना क्या? आज डिपार्टमेंट के नए हेड आनेवाले हैं…” “हां रेखा, बस मैं तैयार होकर अभी आई…” ऑफिस पहुंचे तो नए हेड के साथ मीटिंग शुरू हो चुकी थी… मैं देखकर स्तब्ध थी- जय माथुर! ये तुम थे. अब समझ मेंआया कि जब हमें बताया गया था कि मिस्टर जे माथुर नए हेड के तौर पर जॉइन होंगे, तो वो तुम ही थे. ज़रा भी नहीं बदले थे तुम, व्यक्तित्व और चेहरे पर वही ग़ुरूर!  दो-तीन दिन यूं ही नज़रें चुराते रहे हम दोनों एक-दूसरे से, फिर एक दिन तुम्हारे कैबिन में जब मैं अकेली थी तब एक हल्कीसे आवाज़ सुनाई पड़ी- “आई एम सॉरी निशा!” मैंने अनसुना करना चाहा पर तुमने आगे बढ़कर मेरा हाथ पकड़ लिया- “मैं जानता हूं, ज़िंदगी में तुम्हारा साथ छोड़कर मैंनेबहुत बड़ा अपराध किया. मैं अपनी सोच नहीं बदल सका, लेकिन जब तुमसे दूर जाकर दुनिया को देखा-परखा तो समझआया कि मैं कितना ग़लत था, लड़कियों को भी आगे बढ़ने का पूरा हक़ है, घर-गृहस्थी से अलग अपनी पहचान औरअस्तित्व बनाने की छूट है. प्लीज़, मुझे माफ़ कर दो और लौट आओ मेरी ज़िंदगी में!” “क्या कहा जय? लौट आओ? सात साल पहले एक दिन यूं ही अचानक छोटी-सी बात पर मुझे यूं अकेला छोड़ तुम चलेगए थे और अब मुझे कह रहे हो लौटने के लिए? जय मैं आज भी तुम्हारी चाहत की गिरफ़्त से खुद को पूरी तरह मुक्त तोनहीं कर पाई हूं, लेकिन एक बात ज़रूर कहना चाहूंगी कि तुमने मुझसे अलग रहकर जो भी परखा दुनिया को उसमें तुमने येभी तो जाना ही होगा कि बात जब स्वाभिमान की आती है तो एक औरत उसके लिए सब कुछ क़ुर्बान कर सकती है. तुमनेमेरे स्वाभिमान को ठेस पहुंचाई और अपनी सुविधा के हिसाब से मेरी ज़िंदगी से चले गए वो भी बिना कुछ कहे-सुने… औरआज भी तुम अपनी सुविधा के हिसाब से मुझे अपनी ज़िंदगी में चाहते हो!  मैं ज़्यादा कुछ तो नहीं कहूंगी, क्योंकि तुमने भी जाते वक़्त सिर्फ़ अलविदा कहा था… तो मैं भी इतना ही कहूंगी- सॉरीबॉस!” इतना कहकर मैं वहां से चली आई. ऐसा लगा मानो बरसों का एक बोझ जो सीने और अपने अस्तित्व पर रखा था वो उतरगया हो… अब सब कुछ साफ़ था और बेहद हल्का, क्योंकि बरसों पुराना मेरा इंतज़ार अब ख़त्म हो चुका था, ज़िंदगी की नई राह अब मेरा इंतज़ार कर रही थी!  - रिंकी शर्मा…

August 4, 2021

पहला अफेयर: अधूरा प्यार, मुकम्मल एहसास! (Pahla Affair, Love Story: Adhura Pyar, Mukammal Ehsaas)

ये भीगता मौसम, ये बरसती फ़िज़ा… मन के किसी कोने में तुम्हारी यादों की सोंधी महक को फिर हवा दे जाते हैं… जब-जब ये बारिश होती है, तन के साथ-साथ मन को भी भिगो देती है… कैसी अजीब सी कशिश थी तुम्हारी उस सादगी में भी, कैसी रूमानियत थी तुम्हारी आंखों की उस सच्चाई में भी… मेरा पहला जॉब वो भी इतने बड़े बैंक में. थोड़ा डर लग रहा थालेकिन तुमने मुझे काफ़ी कम्फ़र्टेबल फील कराया था. हर वक्त मेरी मदद की और न जाने कैसे धीरे-धीरे एक दिन अचानक मुझे ये एहसास हुआ कि कहीं मैं प्यार में तो नहीं?  कुछ दिन अपने दिल को समझने और समझाने में ही बीत गए और उसके बाद मैंने निर्णय ले लिया कि तुमसे अपनीफ़ीलिंग्स का इज़हार कर दूंगी क्योंकि घर में भी मेरी शादी को लेकर बात चलने लगी थी.  मैंने देर करना ठीक नहीं समझा और कहीं न कहीं मुझे भी ये लगने लगा था कि तुम्हारा भी खिंचाव और लगाव है मेरीतरफ़. मैंने लंच में तुमसे बिना झिझके साफ़-साफ़ अपने दिल की बात कह दी. तुमने भी बड़े सहज तरीक़े से मुझसे कहाकि तुम भी मुझसे प्यार करने लगे हो लेकिन एक सच है जो तुम मुझे बताना चाहते हो, लेकिन शाम को फ़ुर्सत में…  ‘निशांत, कहो क्या कहना चाहते हो?’ ‘निधि मैंने तुमको अपने घर इसलिए बुलाया कि बात गंभीर है और मैं तुमको अंधेरे में नहीं रखना चाहता. निधि ये तस्वीर मेरी 3 साल की बेटी किट्टू की है.’  ‘तुम शादीशुदा हो? तो तुमने मुझे अपने घर क्यों बुलाया? तुम्हारी पत्नी और बेटी कहां हैं?’ ‘निधि, यही सब बताने के लिए तो बुलाया है तुम्हें! मेरी पत्नी और मैं अलग रहते हैं. हमने तलाक़ का फ़ैसला लिया है. किट्टू भी राधिका के साथ ही है. मेरी पत्नी राधिका को मेरी सादगी और सहजता पसंद नहीं थी. उसको शुरू से लगता था कि मैंऔरों की तरह स्मार्ट नहीं. उसकी ख्वाहिशें भी बहुत बड़ी थीं जो मैं पूरी न कर सका, इसलिए हमने अलग होने का फ़ैसला किया है.’ ‘निशांत मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं, मैं तुमसे बेहद प्यार करती हूं और तलाक़ तक तो क्या, ताउम्र तुम्हारा इंतज़ार कर सकती हूं!’  इसके बाद सब कुछ ठीक चल रहा था, मेरी शामों में रूमानियत घुलने लगी थी, दिन रंगीन हो ही रहे थे कि निशांत ने बताया उसकी बेटी किट्टू बहुत बीमार है और राधिका वापस घर लौट आई है क्योंकि किट्टू अपने मम्मी-पापा दोनों के साथ रहना चाहती थी. किट्टू की रिपोर्ट्स से पता चला कि उसको ब्रेन ट्यूमर है और सर्जरी करनी पड़ेगी, जो काफ़ी रिस्की है!  मैंने निशांत को कहा कि फ़िलहाल वो किट्टू पर ध्यान दे.  ‘क्या बात है निशांत, तुम इतने उलझे-उलझे क्यों रहते हैं इन दिनों? किट्टू ठीक हो जाएगी, ज़्यादा सोचो मत!’ ‘निधि किट्टू की फ़िक्र तो है ही लेकिन एक और बात है, राधिका काफ़ी बदल गई है. उसका कहना है कि किट्टू हम दोनों केसाथ रहना चाहती है और उसकी ख़ातिर वो खुद को बदलना चाहती है, लेकिन मैंने उसे अपने और तुम्हारे रिश्ते के बारे मेंबता दिया है, राधिका को कोई आपत्ति नहीं, पर किट्टू की ज़िद का क्या करूं. वो बस यही कहती है कि उसको मम्मी-पापा दोनों के साथ रहना है!…

July 13, 2021

रिश्ते में क्या सहें, क्या ना सहें… (Critical Things You Should Never Tolerate In A Relationship)

रिश्ते होते ही इसलिए हैं कि जीवन का सफ़र आसान हो, मुश्किलें कम हों और बात जब हमसफ़र की हो तो उम्मीदें औरअपेक्षाएं बढ़ जाती हैं, लेकिन जब यही रिश्ता मुश्किलें पैदा करने लगे तो सवाल उठता है कि रिश्ते में क्या और कितना सहेंऔर कितना नहीं.  छोटे-मोटे झगड़े हर रिश्ते में होते हैं तो उनको आधार बनाकर कभी अपने रिश्ते को न बिगाड़ें.अगर पार्टनर की कुछ आदतें आपको नापसंद हों तो यही सोचें कि कोई भी परफेक्ट नहीं होता. सामनेवाले को अपनेजैसा बनाने या बदलने की कोशिश न करें, इससे रिश्ते ख़राब होंगे.अपने मायके वालों से तुलना करके अपने ससुराल की बुराई करना और फिर उसको आधार बनाकर झगड़ने से बचें. अगर पार्टनर कभी ग़ुस्सा करे तो उस बात को लंबा न खींचें क्योंकि ये सामान्य सी बात है. कभी आप तो कभी वोग़ुस्सा करेंगे ही, आख़िर इंसानी फ़ितरत है ये.अपनी फ़िज़ूल की ख़्वाहिशों को पूरा करने के लिए ब्लैक मेलिंग न करें और न ही एक-दूसरे को ताना दें. इसी तरह की तमाम छोटी-छोटी और भी कई बातें हैं जो रिश्ते में सहनी ही चाहिए और उनको आधार बनाकर अपने रिश्तेकी बलि न चढ़ाएं. लेकिन कुछ ऐसी बातें हैं जो रिश्ते में सहनी नहीं चाहिए वर्ना आप पर ही भारी पड़ सकती हैं ये बातें. 1.डोमेस्टिक वॉयलेंस: एक सर्वे के मुताबिक़ भारत में घरेलू हिंसा के कारण काफ़ी मौतें होती हैं. डोमेस्टिक वॉयलेंस एकअपराध है, लेकिन बावजूद इसके अधिकांश महिलाएं रिश्ते को बचाए रखने के लिए इसे बर्दाश्त करती हैं. यहां तक किपढ़ी-लिखी व सेलिब्रिटी भी इसे बर्दाश्त करती हैं. लोगों से इसे छिपाती भी हैं, यही वजह है कि सामनेवाली की ये आदतहो जाती है, क्योंकि उसको लगता है कि पत्नी को दबाकर रखना बेहद आसान है और फिर वो हर छोटी-बड़ी बात पर हाथउठाना अपना हक़ समझने लगता है. किसी भी रिश्ते में हिंसा की कोई जगह नहीं होती है और ये बात कोई भी महिलाजितनी जल्दी समझ जाए इतना अच्छा है.  ऐसा नहीं है कि सिर्फ़ महिलाएं ही इसका शिकार होती हैं, कई पुरुष भी रिश्ते में हिंसा व प्रताड़ना के शिकार होते हैं, उन्हेंभी यह डर लगता है कि समाज उनकी बात पर भरोसा नहीं करेगा, लेकिन बेहतर होगा आप भी अपने हक़ के लिए लड़ें औरग़लत बातों को बर्दाश्त न करें और सबसे बड़ी बात अपने स्वाभिमान के लिए अन्याय बर्दाश्त न करें!  2. सेक्स में ज़बर्दस्ती: मैरिटल रेप के कई मामले सामने आते हैं लेकिन इस पर अब तक विवाद ही है, लेकिन महिलाएंइसका काफ़ी शिकार होती हैं. सेक्स और रिश्ते में दोनों की भावनाओं और इच्छाओं का सम्मान बेहद ज़रूरी है. लेकिनअगर सेक्स में पार्टनर बस अपनी ही ज़रूरत का ख़याल रखता है तो वो मशीनी प्रक्रिया होती है जिसमें भावनाएं व प्यारनदारद होता है. अगर आप अपने पार्टनर का सम्मान करते हैं, तो पार्टनर से भी उम्मीद करते होंगे, वो भी उतना ही सम्मानआपको दे. लेकिन जब ऐसा नहीं होता और एक ही पार्टनर हमेशा अपनी इच्छाएं थोपता चला जाता है, तो यह ज़बर्दस्तीघुटन पैदा करती है. अगर पार्टनर आपको समय नहीं देता, रोमांस की आपकी ज़िंदगी व बेडरूम में जगह नहीं, आपके पासप्यार से बैठकर आपके सुख-दुख के बारे में जानने की कोई ज़रूरत नहीं समझता और आपको महज़ अपनी ज़रूरत पूरीकरने का साधन समझता है तो उस रिश्ते में आप कहां हो ये समझ लेना ज़रूरी है. 3.अप्राकृतिक यानी अननेचुरल सेक्स: कई पुरुष अपने पार्टनर पर अननेचुरल सेक्स के लिए दबाव डालते हैं. भारत मेंएनल सेक्स और ओरल सेक्स ग़ैरक़ानूनी है और अगर आपका पार्टनर कंफर्टेबल नहीं है, तो उस पर दबाव न डालना हीबेहतर होगा. वो पोर्न फिल्मों को अपना आदर्श मानते हैं और अपने पार्टनर से उसी तरह के प्रदर्शन की चाह रखते हैं. सेक्समें दोनों का सहज रहना ज़रूरी है. यदि कोई समस्या है, तो विशेषज्ञ की राय ली जा सकती है, आप काउंसलर के पास भीजाकर अपनी सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने के तरी़के जान सकते हैं या आप आपस में बात करें, सेक्स में और भी कईतरह के फ़न और एक्सपेरिमेंट किए जा सकते हैं ताकि बोरियत न हो और न ही इस तरह अननेचुरल सेक्स का सहारा लेनेकी बात दिमाग़ में आएगी. 4. एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर: रिश्ते में बेईमानी बर्दाश्तन करें. अगर कभी कोई भूल हो जाए या इंसान भटक जाए, तो माफ़किया जा सकता है, लेकिन यदि कोई बार-बार आपके भरोसे का फ़ायदा उठाता रहे और वही गलती बार-बार दोहराए, तोआपको आंखें खोल लेनी चाहिए. यह सोचकर कि रिश्ता टूट जाएगा, इसलिए बर्दाश्त करते रहना, सहते रहना सही नहीं. अगर आप सहते जाएंगे तो पार्टनर आपको हल्के में लेगा. उसकी यह सोच बन जाएगी कि मैं चाहे जो भी करूं, उसे बर्दाश्तकर लिया जाएगा, अच्छा होगा कि पार्टनर के इस भ्रम को तोड़ें और ख़ुद को भी भ्रमित होने से रोकें. आपके लिए अगरपार्टनर के मन में प्यार और सम्मान नहीं तो उस रिश्ते को भी वो सम्मान नहीं देगा जिसमें आप दोनों बंधे हैं. 5.भावनात्मक शोषण व मानसिक प्रताड़ना: शारीरिक प्रताड़ना ही नहीं मानसिक प्रताड़ना भी बेहद घातक होती है. इसकेअलावा भावनात्मक रूप से भी कई लोग अपने पार्टनर को प्रताड़ित करते हैं. यदि आपको यह महसूस हो रहा है कि रिश्ते मेंआपका शोषण हो रहा है, मानसिक यातनाएं दी जा रही हैं, बेवजह गाली-गलौज की जा रही है या आर्थिक स्तर पर भीपरेशान किया जा रहा है, तो अपने लिए स्टैंड लें और पार्टनर से जितना जल्दी हो बात करके बताएं कि ये सब आप बर्दाश्तनहीं करेंगी. अपने हक़ के लिए आवाज़ उठाएं. यदि आपको यह महसूस हो रहा है कि रिश्ते में आपका शोषण हो रहा है, पार्टनर या कोई भी आपको भावनात्मक स्तर पर सपोर्ट नहीं कर रहा या हर छोटी-मोटी ज़रूरतों के लिए आपको उसकेसामने गिड़गिड़ाना पड़ रहा है, हर बात पर आपको तंज कसे जाते हैं, सबके सामने नीचा दिखाने की कोशिश होती है या येजताया जाता है कि आपकी कोई अहमियत नहीं तो चुप रहकर सहना समझदारी नहीं. तो क्या करें? सबसे पहला रास्ता है बात करें. अपनी बात प्यार और शांति से समझाएं कि आप रिश्ते को महत्व देती हैं इसलिए इसेबचाए रखना चाहती हैं. लेकिन बात से जब बात आगे बढ़ जाए तो आप एक्सपर्ट की राय व मदद लेने से न हिचकें. अपनेऔर पार्टनर के पेरेंट्स से बात करें और बड़ों की राय के बाद निर्णय लें ताकि रिश्ते में ये सब न सहना पड़े.  पिंकी शर्मा 

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