Categories: FILMEntertainment

कैब (नागरिकता संशोधन विधेयक) पर सितारों की प्रतिक्रियाएं… (Celebrities Reactions On Citizenship Amendment Bill)

जब से कैब यानी नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में पास हुआ है, तब से इसके पक्ष-विपक्ष में कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, इसमें फिल्मी कलाकार भी पीछे नहीं. इस पर सोनी राजदान से लेकर परेश रावल तक ने अपनी दिल की बात कही…

 

आलिया भट्ट की मां सोनी राजदान ने पति महेश भट्ट का साथ देते हुए कैब का विरोध किया है. उन्होंने यहां तक कह दिया कि भारत का अंत हो रहा है… पता नहीं कैसे लोगों को देश के प्रति इस तरह की नासमझीभरी राय रखने की हिम्मत हो जाती है. एक तरफ़ तो आप देश के अंत की बात करती हैं, दूसरी तरफ़ उससे प्यार का भी दंभ भरती है. इस तरह का विरोधाभास कहां तक जायज़ है?

ऐसे में हमेशा अपनी बातों से सनसनी फैलानेवाली स्वरा भास्कर कहां पीछे रहनेवाली थीं. उन्होंने तो कठोर शब्दों में इसके ख़िलाफ़ कड़वाहट उगली. हमेशा की तरह उनके बिगड़े बोल का सिलसिला इस मुद्दे पर भी खुलकर सामने आया. आख़िर वे हेलो हिंदू पाकिस्तान… जैसी बात भला कैसे कह सकती हैं. वे ख़ुशनसीब हैं कि भारत में रहती हैं, वरना उनकी बातों पर दूसरे क्या करते यह तो वे ख़ुद भी बख़ूबी जानती हैं.

बिग बॉस विनर मॉडल व एक्ट्रेस गौहर ख़ान ने तो इस तरह से दुख प्रकट किया, मानो लोकतंत्र ख़तरे में पड़ गया है और उन्हें देश निकाला का फरमान दे दिया गया है. ऋचा चड्ढा ने भी इस विधेयक पर अपना रोष प्रकट करते हुए कठोर बात कही. भला देश को भगवान ही बचाए…  कहकर वे क्या साबित करना चाहती थीं?

किसी भी मुद्दे पर बात करना, अपनी बात रखना, स्वीकार करना, विरोध करना सब कुछ सही है, पर एक मर्यादा और सीमा में. यह भारत जैसे लोकतंत्र में ही इस तरह की खुली छूट मिली हुई है कि जिसे जो चाहे देश, संविधान, क़ानून, प्रधानमंत्री के बारे में कह देता. एक तरह से देखा जाए, तो इस तरह से विरोधपूर्ण बातें कहकर वे ख़ुद के व्यक्तित्व को भी परिभाषित करते रहते हैं.

इसी कड़ी में परेश रावल भला कहां पीछे रहनेवाले थे. उन्होंने जहां नागरिकता संशोधन बिल ((उळींळूशपीहळि आशपवाशपीं इळश्रश्र) का समर्थन किया, वहीं सर्दियां आ रही हैं… एनआरसी आनेवाला है… जैसी बात कह माहौल को और भी अर्थपूर्ण व दिलचस्प बना दिया है.

नागरिकता संशोधन बिल में कुछ विरोध तो ख़ूब कर रहे हैं, पर शायद उन लोगों ने भारत के गृहमंत्री अमित शाह के बातों को न तो ठीक से सुना और न ही उसकी गहराई को समझ पाए. उन्होंने अपनी बात में यह स्पष्ट कर दिया था कि इस बिल के द्वारा अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न का शिकार हुए सिख, ईसाई, हिंदू, पारसी, जैन व बौद्ध धर्म को माननेवाले लोगों को भारतीय नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है. विरोध करें, पर जो सभी के हित में सही बात है, उसे भी तो समझने की कोशिश करें. आपकी क्या राय है, हमें ज़रूर बताएं.

यह भी पढ़ेकपिल शर्मा-गिन्नी चतरथ के घर आई नन्हीं परी (Congratulations: Kapil Sharma And Ginni Chatrath Blessed With Baby Girl)

Usha Gupta

Share
Published by
Usha Gupta

Recent Posts

कद्दू के उपयोगी घरेलू नुस्ख़े (Useful home remedies of pumpkin)

कद्दू में विटामिन ए, सी व ई के साथ-साथ फाइबर, पोटैशियम, बीटा-कैरोटीन पाए जाते हैं,…

July 5, 2025

काजोल- यहां हर‌ फ़ैसला एक कुर्बानी है… (Kajol- Yahaan har faisla ek kurbani hai…)

- 'मां' एक माइथोलॉजिकल हॉरर मूवी है. इसमें मैं लोगों को इतना डराउंगी... इतना डराउंगी…

July 5, 2025

पुरुषों के इन हेल्थ सिग्नल्स को न करें नज़रअंदाज़ (Men’s health: Critical symptoms that should never be ignored)

पत्नी, बच्चों और घर के दूसरे सदस्यों के जरा-सा बीमार पड़ने पर अक्सर पुरुष तुरंत…

July 5, 2025

कहानी- वे दोनों‌ (Short Story- Ve Dono)

"बाकी जो समय बचेगा, उसमें हम दोनों पुराने दिनों के सहारे जी लिया करेंगे." "ठीक…

July 5, 2025
© Merisaheli